बागपत: पंचायत चुनाव की अभी घोषणा भी नहीं हुई है, लेकिन खून-खराबे का दौर शुरू हो गया है. जिले के किरठल गांव में ग्राम पंचायत चुनाव की रंजिश को लेकर अधेड़ किसान की गोली मारकर हत्या कर दी गई. घटना के बाद आरोपी फरार हो गए. वारदात को अंजाम देने का आरोप कुख्यात बदमाश धर्मेंद्र किरठल और उसके तीन साथियों पर लगा है. वारदात के बाद गांव में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल है. गौरतलब है कि दो माह पहले ही पुलिस ने धर्मेंद्र की लाखों रुपये की संपत्ति को कुर्क किया था.
रमाला थाना क्षेत्र के किरठल गांव में 52 वर्षीय इरशाद शनिवार सुबह अपने बेटे महेंदी हसन, सद्दाम और अखलाक के साथ ट्रैक्टर-ट्राली लेकर खेत में गन्ना छीलने गया था. खेत में इरशाद के बेटे गन्ना छीलने लगे, जबकि इरशाद ट्रैक्टर-ट्राली के पास खड़ा हो गया. इसी दौरान गन्ने के खेत से कुख्यात बदमाश धर्मेंद्र किरठल, सतेंद्र मुखिया, सुभाष उर्फ छोटू और एक अज्ञात युवक के साथ निकलकर आए और इरशाद की गोली मारकर हत्या कर दी. बदमाशों ने इसके बाद इरशाद के बेटों पर भी फायर किया, लेकिन वह हमले में बच गए. घटना के बाद आरोपित गन्ने में खेत में घुसकर फरार हो गए.
बता दें कि सुभाष और सतेंद्र मुखिया भी धर्मेंद्र के पास ही रहते हैं और दोनों धर्मेंद्र के साथी हैं. पिछले दिनों से धर्मेंद्र किरठल इरशाद को अपने पक्ष में करने का दबाव बना रहा था, लेकिन उसने धर्मेंद्र के पास जाने से मना कर दिया था, जिसके बाद वह इरशाद से रंजिश रखने लगा था और इसी कारण इरशाद की गोली मारकर हत्या कर दी. पुलिस ने बदमाशों को पकड़ने के लिए दो टीमें गठित की हैं.
धर्मेंद्र की मां जिला पंचायत सदस्य और पत्नी गांव की प्रधान
कुख्यात बदमाश धर्मेंद्र की मां सुरेश देवी वार्ड पांच से जिला पंचायत सदस्य हैं और पत्नी सुदेश देवी किरठल गांव की प्रधान हैं. धर्मेंद्र इस बार भी जिला पंचायत का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है. वहीं इसी साल अक्टूबर माह में पुलिस-प्रशासन ने धर्मेंद्र की लाखों रुपये की संपत्ति को कुर्क करते हुए तीन मकानोंं को सील कर दिया था. धर्मेंद्र के घर के बाहर संपत्ति कुर्क होने का बोर्ड भी लगा है. शातिर अपराधी धर्मेंद्र के खिलाफ 45 से ज्यादा हत्या, लूट, जानलेवा हमला, रंगदारी, अपहरण आदि के गंभीर मुकदमे दर्ज हैं.