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पुलिस की पिटाई से मौत पर सपा ने बीजेपी पर बोला हमला, कहा- मध्यप्रदेश की घटना से पता चलती है इनकी मानसिकता

बागपत में कथित तौर पर पुलिस की पिटाई से हुई साजिद की मौत के बाद सपा और आरएलडी का प्रतिनिधिमंडल पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचा. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश की बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा. साथ ही पीड़ित परिवार के लिए मुआवजे की मांग भी की.

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Published : Jul 6, 2023, 11:15 AM IST

सपा सांसद एसटी हसन और सपा विधायक अतुल प्रधान ने बीजेपी सरकार पर साधा निशाना

बागपतः जिले के रटोल कस्बे में 2 जून को कथित तौर पर पुलिस की पिटाई से हुई साजिद की मौत का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. बुधवार को पीड़ित परिवार से मिलने के लिए सपा और आरएलडी का प्रतिनिधिमंडल रटोल पहुंचा. उन्होंने पीड़ित परिवार से मामले की जानकारी ली. इसके साथ ही उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया. प्रतिनिधिमंडल ने इस दौरान प्रदेश सरकार से भी पीड़ित परिवार के लिए 50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की. पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद दोनों दलों के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा.

पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद मुरादाबाद से सपा सांसद एसटी हसन ने कहा, 'जिस प्रकार उत्तर प्रदेश में पुलिस कस्टडी में या पुलिस के जुल्म की वजह से मौतें हो रही हैं. यह हमारे लिए नहीं, बल्कि पूरे हिंदुस्तान के लिए शर्मनाक है. गरीब आदमी अपनी कैसे रोजी रोटी कमाता है. उसके बाद बगैर किसी कसूर के किसी शख्स को इस तरह मार दिया जाए. देश में इससे पहले कभी ऐसा नहीं होता था. लोग अपनी पीठ थपथपाते हैं. कानून व्यवस्था को लेकर क्या-क्या बातें होती हैं. कानून व्यवस्था की हालत आप देखिए. आपके सामने जब रक्षक ही भक्षक हो जाए, तो देश का और प्रदेश का क्या होगा.'

सपा सांसद ने कहा कि पीड़ित परिवार की तरफ से मुकदमा लिखवाया जाएगा. अगर परिवार घबरा रहा है या डर रहा है, तो उसे परेशान होने की जरूरत नहीं है. डरने की कोई जरूरत नहीं है. समाजवादी पार्टी और हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इस पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं. इस मामले को पार्लियामेंट में भी उठाएंगे. इस परिवार को प्रशासन इंसाफ दिलाए.

वहीं, सपा विधायक अतुल प्रधान ने कहा, 'यहां स्थानीय सांसद भाजपा के हैं. विधायक भाजपा के हैं. लेकिन, अभी तक उनमें से कोई भी इस परिवार से मिलने नहीं पहुंचा. भाजपा के लोगों की जो सियासत है वह जाति और धर्म पर आधारित सियासत है. पहले दिन से लेकर यह सरकार अपनी पीठ थपथपाती है. फेक एनकाउंटर्स को लेकर और कस्टडी में अगर सबसे ज्यादा मौतें कहीं पर हुई हैं, तो बीजेपी के शासन में यूपी में. सबसे ज्यादा मानव अधिकार का नोटिस भी उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार को ही मिला है. बावजूद इसके ऐसा कोई दिन नहीं जाता, जहां पुलिस की कस्टडी में मौतें ना हो रही हो.

इस दौरान सपा विधायक ने मध्य प्रदेश की घटना का भी जिक्र किया और कहा, 'अपने 2 दिन पहले ही देखा होगा भाजपा के विधायक का एक प्रतिनिधि, जो भाजपा का सक्रिय सदस्य है. वो एक आदिवासी बच्चे के चेहरे पर पेशाब कर रहा है. सोचिए इनकी मानसिकता क्या होगी.' साजिद के परिवार को कानूनी मदद देने की बात कहते हुए सपा विधायक ने कहा, 'अगर पीड़ित परिवार कानूनी मदद चाहेगा तो हम कानूनी मदद करेंगे. इसके साथ ही हम सरकार से इस परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की मांग करते हैं. समाजवादी पार्टी जो भी हो सकेगा इनकी आर्थिक मदद करेगी.'

ये भी पढ़ेंः अपना दल के पूर्व विधायक और उनके बेटों पर विवाहिता के अपहरण का आरोप, 5 लोगों पर FIR

सपा सांसद एसटी हसन और सपा विधायक अतुल प्रधान ने बीजेपी सरकार पर साधा निशाना

बागपतः जिले के रटोल कस्बे में 2 जून को कथित तौर पर पुलिस की पिटाई से हुई साजिद की मौत का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. बुधवार को पीड़ित परिवार से मिलने के लिए सपा और आरएलडी का प्रतिनिधिमंडल रटोल पहुंचा. उन्होंने पीड़ित परिवार से मामले की जानकारी ली. इसके साथ ही उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया. प्रतिनिधिमंडल ने इस दौरान प्रदेश सरकार से भी पीड़ित परिवार के लिए 50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की. पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद दोनों दलों के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा.

पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद मुरादाबाद से सपा सांसद एसटी हसन ने कहा, 'जिस प्रकार उत्तर प्रदेश में पुलिस कस्टडी में या पुलिस के जुल्म की वजह से मौतें हो रही हैं. यह हमारे लिए नहीं, बल्कि पूरे हिंदुस्तान के लिए शर्मनाक है. गरीब आदमी अपनी कैसे रोजी रोटी कमाता है. उसके बाद बगैर किसी कसूर के किसी शख्स को इस तरह मार दिया जाए. देश में इससे पहले कभी ऐसा नहीं होता था. लोग अपनी पीठ थपथपाते हैं. कानून व्यवस्था को लेकर क्या-क्या बातें होती हैं. कानून व्यवस्था की हालत आप देखिए. आपके सामने जब रक्षक ही भक्षक हो जाए, तो देश का और प्रदेश का क्या होगा.'

सपा सांसद ने कहा कि पीड़ित परिवार की तरफ से मुकदमा लिखवाया जाएगा. अगर परिवार घबरा रहा है या डर रहा है, तो उसे परेशान होने की जरूरत नहीं है. डरने की कोई जरूरत नहीं है. समाजवादी पार्टी और हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इस पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं. इस मामले को पार्लियामेंट में भी उठाएंगे. इस परिवार को प्रशासन इंसाफ दिलाए.

वहीं, सपा विधायक अतुल प्रधान ने कहा, 'यहां स्थानीय सांसद भाजपा के हैं. विधायक भाजपा के हैं. लेकिन, अभी तक उनमें से कोई भी इस परिवार से मिलने नहीं पहुंचा. भाजपा के लोगों की जो सियासत है वह जाति और धर्म पर आधारित सियासत है. पहले दिन से लेकर यह सरकार अपनी पीठ थपथपाती है. फेक एनकाउंटर्स को लेकर और कस्टडी में अगर सबसे ज्यादा मौतें कहीं पर हुई हैं, तो बीजेपी के शासन में यूपी में. सबसे ज्यादा मानव अधिकार का नोटिस भी उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार को ही मिला है. बावजूद इसके ऐसा कोई दिन नहीं जाता, जहां पुलिस की कस्टडी में मौतें ना हो रही हो.

इस दौरान सपा विधायक ने मध्य प्रदेश की घटना का भी जिक्र किया और कहा, 'अपने 2 दिन पहले ही देखा होगा भाजपा के विधायक का एक प्रतिनिधि, जो भाजपा का सक्रिय सदस्य है. वो एक आदिवासी बच्चे के चेहरे पर पेशाब कर रहा है. सोचिए इनकी मानसिकता क्या होगी.' साजिद के परिवार को कानूनी मदद देने की बात कहते हुए सपा विधायक ने कहा, 'अगर पीड़ित परिवार कानूनी मदद चाहेगा तो हम कानूनी मदद करेंगे. इसके साथ ही हम सरकार से इस परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की मांग करते हैं. समाजवादी पार्टी जो भी हो सकेगा इनकी आर्थिक मदद करेगी.'

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