बागपत: जनपद के रमाला थाना क्षेत्र में लगभग साढ़े चार साल पहले मुठभेड़ के दौरान तत्कालीन एसपी रवि शंकर छवि और अन्य पुलिसवालों पर फायरिंग करने के मुकदमे में कुख्यात आकाश जाट को सात साल की सजा सुनाई गई है. साथ ही उसके साथी अमित उर्फ भूरा को अदालत ने तीन साल की सजा सुनाई. आकाश जाट शातिर अपराधी है, जो शासन की टॉप-20 माफिया की सूची में शामिल है. वर्तमान में आकाश गाजियाबाद जिला कारागार में बंद है.
दरअसल बागपत के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक रवि शंकर छवि ने तत्कालीन सीओ एनपी सिंह और रमाला थाना प्रभारी समय सिंह, क्राइम ब्रांच की टीम के साथ बीती 15 नवंबर 2015 की रात रमाला गांव के पास बदमाशों को पकड़ने के लिए घेराबंदी की थी. इस दौरान 50 हजार रुपये के इनामी आकाश जाट निवासी नंदूपुरा, शामली जनपद ने अपने साथी अमित उर्फ भूरा ने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी. इस दौरान रवि शंकर छवि और गनर नरेश कुमार की बुलेट प्रूफ जैकेट में गोली लगी थी. वहीं अन्य पुलिसकर्मी गोली लगने से बाल-बाल बचे थे. पुलिस को दोनों बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया था. दोनों के कब्जे से दो पिस्टल और स्विफ्ट कार बरामद हुई थी. एसपी ने रमाला थाने पर जानलेवा हमले और आर्म्स एक्स के तहत मुकदमा दर्ज कराया था. यह मुकदमा एडीजे चतुर्थ आबिद शमीम की अदालत में चल रहा था.
वादी एसपी रवि शंकर छवि और पांच अन्य गवाह एसआई राजेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह गौतम, हेड कॉन्स्टेबल नरेश कुमार, कॉन्स्टेबल किरणपाल व नीरज अत्री की अदालत में गवाही हुई. अदालत ने आकाश जाट को सात साल और अमित को तीन साल की सजा सुनाई. साखथ ही 1500-1500 रुपये का अर्थदंड लगाया. जुर्माना न देने पर 15-15 दिन की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.