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बागपत कोर्ट ने 5 दिनों में दुष्कर्म के आरोपी को सजा सुनाकर रचा इतिहास

उत्तर प्रदेश के बागपत में दुष्कर्म के एक मामले में कम समय मे सुनवाई कर सजा सुनाने के मामले में जिला कोर्ट ने इतिहास रच दिया है. बागपत जिला न्यायालय में विशेष पॉक्सो अदालत ने मात्र 5 दिनों में ही सुनवाई कर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी को जेल भेज दिया है.

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बागपत कोर्ट ने 5 दिन में दुष्कर्म के आरोपी को सुनाई सजा.
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Published : Dec 1, 2019, 3:37 AM IST

बागपत: दुष्कर्म के एक मामले में कम समय मे सुनवाई कर सजा सुनाने के मामले में बागपत कोर्ट ने इतिहास रच दिया है. अब तक 9 दिनों में औरेया जिले का न्यायालय कम समय मे सजा सुनाने वाला न्यायालय था, लेकिन अब बागपत जिला न्यायालय में विशेष पॉक्सो अदालत ने मात्र 5 दिनों में ही सुनवाई कर इतिहास रच दिया है. इस सुनवाई में मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी को आजीवन कारावास की सजा ओर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है.

5 दिनों में दुष्कर्म के आरोपी को मिली सजा.

क्या था मामला
मामला छपरौली थाना क्षेत्र का है. जहां क्षेत्र के एक गांव में 13 सितंबर को 3 साल की मासूम बच्ची को उसके परिवार का ही चचेरे भाई बहला फुसलाकर खेत मे ले गया और उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. बच्ची को बदहवासी की हालत में आरोपी खेत मे ही छोड़कर फरार हो गया था. बच्ची की रोने की आवाज सुनकर परिजन मौके पर पहुंचे. परिजनों की तहरीर पर छपरौली थाने ने मुकदमा दर्ज कर लिया था. आरोपी की तलाश में जुटी पुलिस ने आरोपी युवक राहुल को 29 अक्टूबर को बड़ौत रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. आरोपी को शनिवार को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो शैलेन्द्र कुमार पांडेय ने आजीवन कारावास की सजा और 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

इसे भी पढ़ें- बागपत: हीलियम गैस के गुब्बारे फटने से प्रधानाचार्य समेत कई बच्चे झुलसे

ऐसे हुआ आरोप पत्र दाखिल
पुलिस ने आरोपी के डीएनए टेस्ट के लिए दो नवंबर को ब्लड लिया और एफएसएल के लिए लखनऊ जांच के लिए भेज दिया, जिसके बाद वहां से रिपोर्ट आने के बाद 5 नवंबर को सीओ बड़ौत के यहां थाने से आरोप पत्र भेजा गया. इसके बाद पुलिस ने विवेचना कर 15 नवंबर को अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था.

पांच दिन में हुई सुनवाई
डीजीसी सुनील पवार ने बताया कि 25 नवंबर को अदालत ने आरोपी के खिलाफ केस के आरोप तय कर दिए. इसके बाद मामले की रोजाना सुनवाई शुरू हो गई. अदालत में पीड़ित समेत नौ लोगों की गवाही हुई. पुलिस ने केस की पैरवी की और पांच दिन में ही यानी 29 नवंबर को केस की सुनवाई पूरी हो गई थी. शनिवार को इस केस में अदालत ने आरोपी के खिलाफ फैसला सुना दिया.

बागपत: दुष्कर्म के एक मामले में कम समय मे सुनवाई कर सजा सुनाने के मामले में बागपत कोर्ट ने इतिहास रच दिया है. अब तक 9 दिनों में औरेया जिले का न्यायालय कम समय मे सजा सुनाने वाला न्यायालय था, लेकिन अब बागपत जिला न्यायालय में विशेष पॉक्सो अदालत ने मात्र 5 दिनों में ही सुनवाई कर इतिहास रच दिया है. इस सुनवाई में मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी को आजीवन कारावास की सजा ओर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है.

5 दिनों में दुष्कर्म के आरोपी को मिली सजा.

क्या था मामला
मामला छपरौली थाना क्षेत्र का है. जहां क्षेत्र के एक गांव में 13 सितंबर को 3 साल की मासूम बच्ची को उसके परिवार का ही चचेरे भाई बहला फुसलाकर खेत मे ले गया और उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. बच्ची को बदहवासी की हालत में आरोपी खेत मे ही छोड़कर फरार हो गया था. बच्ची की रोने की आवाज सुनकर परिजन मौके पर पहुंचे. परिजनों की तहरीर पर छपरौली थाने ने मुकदमा दर्ज कर लिया था. आरोपी की तलाश में जुटी पुलिस ने आरोपी युवक राहुल को 29 अक्टूबर को बड़ौत रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. आरोपी को शनिवार को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो शैलेन्द्र कुमार पांडेय ने आजीवन कारावास की सजा और 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

इसे भी पढ़ें- बागपत: हीलियम गैस के गुब्बारे फटने से प्रधानाचार्य समेत कई बच्चे झुलसे

ऐसे हुआ आरोप पत्र दाखिल
पुलिस ने आरोपी के डीएनए टेस्ट के लिए दो नवंबर को ब्लड लिया और एफएसएल के लिए लखनऊ जांच के लिए भेज दिया, जिसके बाद वहां से रिपोर्ट आने के बाद 5 नवंबर को सीओ बड़ौत के यहां थाने से आरोप पत्र भेजा गया. इसके बाद पुलिस ने विवेचना कर 15 नवंबर को अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था.

पांच दिन में हुई सुनवाई
डीजीसी सुनील पवार ने बताया कि 25 नवंबर को अदालत ने आरोपी के खिलाफ केस के आरोप तय कर दिए. इसके बाद मामले की रोजाना सुनवाई शुरू हो गई. अदालत में पीड़ित समेत नौ लोगों की गवाही हुई. पुलिस ने केस की पैरवी की और पांच दिन में ही यानी 29 नवंबर को केस की सुनवाई पूरी हो गई थी. शनिवार को इस केस में अदालत ने आरोपी के खिलाफ फैसला सुना दिया.

Intro:स्लग :--- दुष्कर्म सज़ा

एंकर :--- दुष्कर्म के एक मामले में कम समय मे सुनवाई कर सज़ा सुनाने के मामले में बागपत कोर्ट ने इतिहास रच दिया है और अब तक के रिकॉर्ड में 9 दिनों में सज़ा सुनाकर ओरेंया जनपद का न्यायालय कम समय मे सज़ा सुनाने वाला न्यायालय था लेकिन अब बागपत जिला न्यायालय में विशेष पॉक्सो अदालत ने मात्र 5 दिनों में ही सुनवाई कर एक मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी को आजीवन कारावास की सज़ा ओर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है 


Body:दरअसल आपको बता दे कि ये मामला छपरौली थाना क्षेत्र का है जहां क्षेत्र के बोढा गांव में 13 सितंबर को 3 साल की मासूम बच्ची को उसके परिवार का ही चचेरे भाई बहला फुसलाकर खेत मे ले गया और वहां उस युवक ने मासूम बच्ची के साथ दुष्कर की घिनोनी वारदात को अंजाम दिया ओर बच्ची को बदहवासी की हालत में आरोपी खेत मे ही छोड़कर फरार हो गया था ओर बच्ची की रोने की आवाज सुनकर परिजन मौके पर पहुंचे तो बच्ची की हालत को देखकर परिजनों के होश उड़ गए जिसकी सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची ने परिजनों की तहरीर पर छपरौली टाने में मुकद्दमा दर्ज कर लिया था आरोपी की तलाश में जुटी पुलिस ने आरोपी युवक राहुल को 29 अक्टूबर को बडौत रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था ओर आरोपी को आज विशेष न्यायाधीश पॉक्सो शैलेन्द्र कुमार पांडेय ने आजीवन कारावास की सज़ा ओर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है 

ऐसे हुआ आरोप पत्र दाखिल :---

पुलिस ने आरोपी का डीएनए टेस्ट के लिए दो नवंबर को ब्लड लिया और एफएसएल के लिए लखनऊ जांच को भेज दिया जिसके बाद वहां से रिपोर्ट आने के बाद पांच नवंबर को सीओ बड़ौत के यहां थाने से आरोप पत्र भेजा गया उसके बाद पुलिस ने विवेचना कर 15 नवंबर को अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था

पांच दिन में हुई सुनवाई :----

डीजीसी सुनील पंवार ओर पुलिस अधीक्षक बागपत ने बताया कि यह वाद एडीजे प्रथम विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट शैलेंद्र पांडेय की अदालत में चला  25 नवंबर को अदालत ने आरोपी के खिलाफ केस के आरोप तय कर दिए उसके बाद वाद की रोजाना सुनवाई शुरू हो गई अदालत में पीड़ित समेत नौ लोगों की गवाही हुई पुलिस ने केस की पैरवी कीओर  पांच दिन में ही यानी 29 नवंबर को केस की सुनवाई पूरी हो गई थी ओर आज इस केस में अदालत ने आरोपी के खिलाफ फैसला सुना दिया है 



बाईट :--- सुनील पँवार ( शासकीय अधिवक्ता )


बाईट :--- प्रताप गोपेन्द्र यादव ( पुलिस अधीक्षक , बागपत )





Conclusion:
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