बदायूं: भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) की सांसद संघमित्रा मौर्य (MP Sanghamitra Maurya) के खिलाफ बदायूं से समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव ने लोकसभा चुनाव हारने के बाद एक याचिका दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया था कि आखिरी के वोटों की गिनती के दौरान लगभग 8000 वोटों को अतिरिक्त गिना गया. उनका यह आरोप बिल्सी विधानसभा में गिने गए वोटों को लेकर था, जिसके बाद बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किया था. वहीं, शनिवार को पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में शपथपत्र देकर अपनी याचिका वापस ले ली है.
सांसद डॉक्टर संघमित्रा मौर्य का कहना है कि हमें मीडिया के माध्यम से ही पता चला है कि आज याचिका वापस ली गई है. अगर उन्होंने ऐसा किया है तो उस वक्त जो भी उनकी व्यक्तिगत इच्छा रही हो उसको लेकर उनके मन में विचार आया होगा. अगर उन्होंने याचिका वापस ली है तो यह उनकी व्यक्तिगत सोच है. हमारा कहना बस यह है कि 2019 की हार को उन्होंने दिल से स्वीकार लिया है, उन्होंने मान लिया है कि बदायूं ने जिसको सांसद बनाया है. असल में वही बदायूं का असली सांसद है.
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डॉक्टर संघमित्रा मौर्य के पिता स्वामी प्रसाद मौर्य अब समाजवादी पार्टी में जब उनसे पूछा गया इस वजह से तो उनका झुकाव नहीं है तो उन्होंने कहा अगर यह बात है तो हम धर्मेंद्र यादव का स्वागत भारतीय जनता पार्टी में करते हैं. हमें किसी भी चीज का कोई असर नहीं पड़ता है. आप पिछले 3 सालों से देख रहे हैं. हम किसी के बहकावे में या किसी के दबाव में आने वाले नहीं है. ऐसे लोग हमेशा असफल हुए हैं और आगे भी होंगे जनता का आशीर्वाद हमारे साथ था. मैं जनता द्वारा चुनी गई हूं और आज भी जनता का आशीर्वाद मेरे साथ है. समाजवादी पार्टी में जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनका झुकाव हमारी तरफ है. हमने उनका स्वागत भारतीय जनता पार्टी में किया है.