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यहां मंदिर-मस्जिद में एक साथ होती है आरती और अजान - बदायूं स्पेशल स्टोरी

बदायूं के मीरा जी चौकी इलाके में मंदिर और मस्जिद से एक ही समय में आरती और अजान दोनों की आवाजें गूंजती हैं. दोनों समुदायों के लोग यहां आते हैं और अपनी-अपनी तरह से इबादत करके चले जाते हैं. जिले में आपसी सौहार्द के लिए यह स्थान मशहूर है.

बदायूं में मस्जिद और मंदिर से एक ही समय गूंजती है अजान और आरती की आवाज.
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Published : Nov 6, 2019, 4:40 PM IST

Updated : Nov 6, 2019, 9:15 PM IST

बदायूं: अयोध्या जमीन विवाद पर फैसला आने में कुछ ही दिन शेष बचे हैं. हर तरफ निर्णय को लेकर बातों का बाजार गर्म है. पुलिस भी अलर्ट पर है. फैसला चाहे जो भी आए, लेकिन कुछ जगह ऐसी भी हैं, जहां सांप्रदायिक सौहार्द की हवा आज भी बह रही है.

जिले में शहर के बीच मीरा जी चौकी एरिया है, यहां पर मिली-जुली आबादी है. यहीं के मुख्य चौराहे पर हनुमान मंदिर और मस्जिद एकदम बराबर-बराबर बने हुए हैं. दूरी है तो बस एक दीवार की, जहां एक ओर मस्जिद में मुस्लिम संप्रदाय के लोग नमाज पढ़ने आते हैं तो वहीं दूसरी तरफ मंदिर में हिंदू संप्रदाय के लोग भी भगवान की पूजा अर्चना करने आते हैं.

देखें वीडियो.

ये भी पढ़ें: बदायूं: 9 साल पहले कट गया था कनेक्शन, अब आया 4 लाख का बिल

दोनों ही समुदायों में से किसी को भी कभी कोई आपत्ति नहीं हुई. यहां एक ही समय में मस्जिद में अजान और मंदिर में घंटियों की आवाज को कभी भी सुना जा सकता है. मंदिर के पास ही रहने वाले अशोक राणा का कहना है कि यह स्थान हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है. यहां एक ही समय में मस्जिद में अजान और मंदिर में पूजा अर्चना होती है. हम लोगों को कभी भी इससे कोई एतराज नहीं हुआ.

सारे लोग सांप्रदायिक सौहार्द से यहां पर रहते हैं. हम लोग हमेशा एक दूसरे के सुख-दुख में साथ रहते हैं. हम लोग भविष्य में भी गंगा-जमुना तहजीब की मिसाल पेश करते रहेंगे.
-अशोक राणा, स्थानीय निवासी

वहीं दूसरी तरफ मस्जिद के इमाम का कहना है कि यह कई साल पुरानी मस्जिद है. यहां एक तरफ जहां अजान होती है. वहीं बराबर में मंदिर में पूजा भी होती है. इससे कभी किसी को कोई एतराज नहीं हुआ.

अयोध्या विवाद का चाहे जो परिणाम आए, हम लोग ऐसे ही आपसी सौहाद्र की मिसाल हमेशा कायम करते रहेंगे.
-मोहम्मद फैसल कादरी, मस्जिद के इमाम

बदायूं: अयोध्या जमीन विवाद पर फैसला आने में कुछ ही दिन शेष बचे हैं. हर तरफ निर्णय को लेकर बातों का बाजार गर्म है. पुलिस भी अलर्ट पर है. फैसला चाहे जो भी आए, लेकिन कुछ जगह ऐसी भी हैं, जहां सांप्रदायिक सौहार्द की हवा आज भी बह रही है.

जिले में शहर के बीच मीरा जी चौकी एरिया है, यहां पर मिली-जुली आबादी है. यहीं के मुख्य चौराहे पर हनुमान मंदिर और मस्जिद एकदम बराबर-बराबर बने हुए हैं. दूरी है तो बस एक दीवार की, जहां एक ओर मस्जिद में मुस्लिम संप्रदाय के लोग नमाज पढ़ने आते हैं तो वहीं दूसरी तरफ मंदिर में हिंदू संप्रदाय के लोग भी भगवान की पूजा अर्चना करने आते हैं.

देखें वीडियो.

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दोनों ही समुदायों में से किसी को भी कभी कोई आपत्ति नहीं हुई. यहां एक ही समय में मस्जिद में अजान और मंदिर में घंटियों की आवाज को कभी भी सुना जा सकता है. मंदिर के पास ही रहने वाले अशोक राणा का कहना है कि यह स्थान हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है. यहां एक ही समय में मस्जिद में अजान और मंदिर में पूजा अर्चना होती है. हम लोगों को कभी भी इससे कोई एतराज नहीं हुआ.

सारे लोग सांप्रदायिक सौहार्द से यहां पर रहते हैं. हम लोग हमेशा एक दूसरे के सुख-दुख में साथ रहते हैं. हम लोग भविष्य में भी गंगा-जमुना तहजीब की मिसाल पेश करते रहेंगे.
-अशोक राणा, स्थानीय निवासी

वहीं दूसरी तरफ मस्जिद के इमाम का कहना है कि यह कई साल पुरानी मस्जिद है. यहां एक तरफ जहां अजान होती है. वहीं बराबर में मंदिर में पूजा भी होती है. इससे कभी किसी को कोई एतराज नहीं हुआ.

अयोध्या विवाद का चाहे जो परिणाम आए, हम लोग ऐसे ही आपसी सौहाद्र की मिसाल हमेशा कायम करते रहेंगे.
-मोहम्मद फैसल कादरी, मस्जिद के इमाम

Intro:अयोध्या पर फैसला आने में कुछ ही दिन शेष बचे हैं, हर तरफ निर्णय को लेकर बातों का बाजार गर्म है ,पुलिस भी अलर्ट पर है फैसला चाहे जो भी आए लेकिन कुछ जगह ऐसी भी हैं जहां सांप्रदायिक सौहार्द्र की हवा आज भी बह रही है बदायूं के मीरा जी चौकी इलाके में मंदिर और मस्जिद बराबर बराबर बने हुए हैं जहां एक ही समय में आरती और अजान दोनों की आवाजें गूंजती है दोनों समुदायों के लोग यहाँ आते है और अपनी अपनी तरह से इबादत कर के चले जाते है,जिले में आपसी सौहाद्र के लिये मशहूर है ये स्थान।


Body:बदायूं में शहर के बीच मीरा जी चौकी एरिया है यहां पर मिली-जुली आबादी है यही के मुख्य चौराहे पर हनुमान मंदिर और मस्जिद एकदम बराबर बराबर बने हुए हैं दूरी है तो बस एक दीवार की जहां एक ओर मस्जिद में मुस्लिम संप्रदाय के लोग नवाज पढ़ने आते हैं वहीं दूसरी तरफ मंदिर में हिंदू संप्रदाय के लोग भी भगवान की पूजा अर्चना करने आते हैं दोनों ही समुदायों में से किसी को भी कभी कोई आपत्ति नहीं हुई यहाँ एक ही समय में मस्जिद में अजान और मंदिर में घंटियों की आवाज को कभी भी सुना जा सकता है।

मंदिर के पास ही रहने वाले अशोक राणा का कहना है कि यह स्थान हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक है यहां एक ही समय में मस्जिद में अजान और मंदिर में पूजा अर्चना होती है हम लोगों को कभी भी इससे कोई एतराज नहीं हुआ सारे लोग सांप्रदायिक सौहार्द्र से यहां पर रहते हैं, हम लोग हमेशा एक दूसरे के सुख दुख में साथ रहते हैं हम लोग भविष्य में भी गंगा जमुना तहजीब की मिसाल पेश करते रहेंगे।

बाइट--अशोक राणा (स्थानीय निवासी)




Conclusion:वहीं दूसरी तरफ मस्जिद के मौलवी साहब का कहना है कि यह तकरीबन 1 हजार साल पुरानी मस्जिद है,यहाँ एक तरफ जहाँ अजान होती है बहीं बराबर में मंदिर में पूजा भी होती है,इससे कभी किसी को कोई एतराज नही हुआ,अयोध्या विवाद का चाहें जो परिणाम आये हम लोग ऐसे ही आपसी सौहाद्र की मिसाल हमेशा कायम करते रहेंगे।

बाइट---मोहम्मद फैसल क़ादरी (मस्जिद के मौलवी)

पीटीसी--समीर सक्सेना


समीर सक्सेना
बदायूँ
8630132286
Last Updated : Nov 6, 2019, 9:15 PM IST
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