बदायूंः केंद्र सरकार ने मरीजों को सस्ती दवाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रत्येक जिले में 'प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र' खोले हैं. जिले के पुरुष अस्पताल एवं महिला अस्पताल में भी जन औषधि केंद्र खोले गए हैं, लेकिन यहां पर दवाएं नहीं हैं. फरवरी माह से यहां दवाइयां नहीं आई हैं. ऐसे में मरीज डॉक्टर की लिखी दवाएं महंगी दरों पर बाजार से खरीदने को मजबूर हैं.
बता दें कि इस समय पूरे जिले में संक्रामक रोग ने कहर बरपा रखा है. दिन-प्रतिदिन बुखार के मरीजों की सख्या बढ़ रही है. ऐसे में जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल-पट्टी खुल गई. जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं का बहुत बुरा हाल है. इस समय जिला अस्पताल में ऐसे मरीजों की लंबी-लंबी लाइनें लगती हैं, जिन्हें वायरल, मलेरिया और टाइफाइड ने अपनी चपेट में ले रखा है.
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जिला अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा जो दवाएं लिखी जाती हैं, वह कुछ तो जिला अस्पताल की डिस्पेंसरी में मिल जाती हैं, लेकिन मरीज की हालत को देखते हुए कुछ दवाएं डॉक्टर बाहर से भी लिख देते हैं. सरकार ने दवाओं को सस्ता बेचने के लिए जगह-जगह जन औषधि केंद्र खोले थे, जिसका खूब ढिंढोरा भी पीटा गया था कि यहां पर सस्ती दरों पर दवाएं मरीजों को उपलब्ध रहेंगी, लेकिन बदायूं जिला अस्पताल और जिला महिला अस्पताल में खुले प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों पर फरवरी माह से कोई भी दवाई नहीं आई हैं. जन औषधि केंद्र पर तैनात कर्मचारी ने बताया कि हम कई बार डिमांड भेज चुके हैं, लेकिन उसके बाद भी दवाएं उपलब्ध नहीं हो रही हैं.
अस्पताल में जो जन औषधि केंद्र खुला हुआ है, उस पर पिछले कुछ समय से दवाएं नहीं हैं. कई बार डिमांड भेजा जा चुका है, लेकिन जन औषधि केंद्र पर दवाएं नहीं आ रही हैं.
-डॉ. उदयवीर सिंह, सीएमएस