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बदायूं: नामांकन का दौर खत्म, अब मैदान में हैं वायदे और आरोप

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Published : Apr 5, 2019, 12:02 AM IST

लोकसभा चुनाव को लेकर तीसरे चरण की नामांकन प्रक्रिया पूरी हो गई है. वहीं राजनीतिक सूरमा अपने वादों और आरोपों के साथ चुनावी मैदान में पूरी तरह से जोर आजमाईश करेंगे.

चुनावी रण के लिए तैयार प्रत्याशी.

बदायूं: जिले में तीसरे चरण में 23 अप्रैल को मतदान होना है. इसके लिए एक ओर मतदाताओं को मतदान की शपथ दिलाई जा रही है. वहीं प्रमुख दलों के प्रत्याशियों ने भी अपने-अपने नामंकन पत्र दाखिल कर दिये हैं. ऐसे में अब चुनावी वायदे और विरोधियों पर आरोपों का दौर शुरू हो गया है.

बदायूं से कांग्रेस ने पांच बार के सांसद सलीम इकबाल शेरवानी को मैदान में उतारा है. वहीं सपा-बसपा गठबंधन ने दो बार के सांसद धर्मेंद्र यादव को मैदान में उतारा है. बीजेपी ने वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य पर अपना दांव लगाया है. देखने वाली बात यह होगी कि वादों और आरोपों के बीच बदायूं सीट पर किसका परचम लहराएगा.

चुनावी रण के लिए तैयार प्रत्याशी.

जिले का हर मतदाता 23 अप्रैल का इंतजार कर रहा है, जब वह अपने मताधिकार का प्रयोग कर देश की सरकार बनाने में अपनी भागेदारी सुनिश्चित करेगा. वहीं नामंकन कराने की आखिरी तारीख भी बीत गई. मुख्य पार्टियों में से कांग्रेस, बीजेपी और गठबंधन ने अपने-अपने उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतार दिया है. साथ ही कई निर्दलीय प्रत्याशी भी अपनी किस्मत आजमाने को चुनावी मैदान में उतरे हैं.

सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी और वर्तमान में बदायूं से सांसद धर्मेद्र यादव अपने किए गए विकास को इस बार के चुनाव में मुख्य मुद्दा मानते हैं. हालांकि उनके विरोधी अक्सर उन पर तमाम आरोप भी लगाते रहते हैं. उन्होंने नामंकन करवाने के बाद कहा कि अगर हम जीतते हैं तो सबसे पहले अपने अधूरे कामों को पूरा करेंगे. बीजेपी ने जो झूट बोला है उसे लोगों को बताएंगे और हमारी पार्टी ने जो विकास करवाया है उससे लोगों को अवगत कराएंगे.

वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी सलीम इकवाल शेरवानी बदायूं से पांच बार सांसद रह चुके हैं. इकबाल शेरवानी एक बार कांग्रेस से और चार बार सपा से चुन कर संसद पहुंचे, लेकिन इन पर आरोप लगते रहे हैं कि इन्होंने बदायूं में विकास नहीं कराया. इनका कहना है कि अगर मेरे चाचा या मेरा भाई भी मुख्यमंत्री होता तो मैं बगैर कमीशन लिये ज्यादा विकास करवा देता.

वहीं बीजेपी प्रत्याशी संघमित्रा मौर्य पहली बार बदायूं से चुनाव लड़ रही हैं. इनके पास अपने बारे में ज्यादा कहने को कुछ नहीं है, लेकिन ये मुलायम सिंह यादव की ओर से मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनने के दिये गये आशीर्वाद को अपना चुनावी हथियार बनाये हुए हैं. साथ ही इनका कहना है कि इस बार सबकी जमानत जब्त होने की बात कह रही हैं.

बदायूं: जिले में तीसरे चरण में 23 अप्रैल को मतदान होना है. इसके लिए एक ओर मतदाताओं को मतदान की शपथ दिलाई जा रही है. वहीं प्रमुख दलों के प्रत्याशियों ने भी अपने-अपने नामंकन पत्र दाखिल कर दिये हैं. ऐसे में अब चुनावी वायदे और विरोधियों पर आरोपों का दौर शुरू हो गया है.

बदायूं से कांग्रेस ने पांच बार के सांसद सलीम इकबाल शेरवानी को मैदान में उतारा है. वहीं सपा-बसपा गठबंधन ने दो बार के सांसद धर्मेंद्र यादव को मैदान में उतारा है. बीजेपी ने वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य पर अपना दांव लगाया है. देखने वाली बात यह होगी कि वादों और आरोपों के बीच बदायूं सीट पर किसका परचम लहराएगा.

चुनावी रण के लिए तैयार प्रत्याशी.

जिले का हर मतदाता 23 अप्रैल का इंतजार कर रहा है, जब वह अपने मताधिकार का प्रयोग कर देश की सरकार बनाने में अपनी भागेदारी सुनिश्चित करेगा. वहीं नामंकन कराने की आखिरी तारीख भी बीत गई. मुख्य पार्टियों में से कांग्रेस, बीजेपी और गठबंधन ने अपने-अपने उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतार दिया है. साथ ही कई निर्दलीय प्रत्याशी भी अपनी किस्मत आजमाने को चुनावी मैदान में उतरे हैं.

सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी और वर्तमान में बदायूं से सांसद धर्मेद्र यादव अपने किए गए विकास को इस बार के चुनाव में मुख्य मुद्दा मानते हैं. हालांकि उनके विरोधी अक्सर उन पर तमाम आरोप भी लगाते रहते हैं. उन्होंने नामंकन करवाने के बाद कहा कि अगर हम जीतते हैं तो सबसे पहले अपने अधूरे कामों को पूरा करेंगे. बीजेपी ने जो झूट बोला है उसे लोगों को बताएंगे और हमारी पार्टी ने जो विकास करवाया है उससे लोगों को अवगत कराएंगे.

वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी सलीम इकवाल शेरवानी बदायूं से पांच बार सांसद रह चुके हैं. इकबाल शेरवानी एक बार कांग्रेस से और चार बार सपा से चुन कर संसद पहुंचे, लेकिन इन पर आरोप लगते रहे हैं कि इन्होंने बदायूं में विकास नहीं कराया. इनका कहना है कि अगर मेरे चाचा या मेरा भाई भी मुख्यमंत्री होता तो मैं बगैर कमीशन लिये ज्यादा विकास करवा देता.

वहीं बीजेपी प्रत्याशी संघमित्रा मौर्य पहली बार बदायूं से चुनाव लड़ रही हैं. इनके पास अपने बारे में ज्यादा कहने को कुछ नहीं है, लेकिन ये मुलायम सिंह यादव की ओर से मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनने के दिये गये आशीर्वाद को अपना चुनावी हथियार बनाये हुए हैं. साथ ही इनका कहना है कि इस बार सबकी जमानत जब्त होने की बात कह रही हैं.

Intro:बदायूँ में मतदान तीसरे चरण में 23 अप्रैल को होना है,मतदाताओं को मतदान करने की शपथ दिला दी गई है,सभी प्रमुख दलों के प्रत्याशियों ने भी अपने अपने नामंकन पत्र दाखिल कर दिये है,अब दौर चालू हो गया है चुनावी वायदे और विरोधियों पर आरोपों का,काँग्रेस ने 5 बार के सांसद सलीम ईकबाल शेरवानी को मैदान में उतारा है,बहीं सपा/बसपा गठबंधन ने 2 बार के सांसद धर्मेंद्र यादव को मैदान में उतारा है,बीजेपी ने वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य पर अपना दाँव लगाया है।अब तक किसने क्या लगाये एक दूसरे पर आरोप, और क्या करे जनता से वायदे आइये देखते है इस रिपोर्ट में।


Body:चुनाव में आप अपने मत का प्रयोग जरूर करें इस बात की शपथ प्रशासन ने नागरिकों को दिला दी है, जिले का हर मतदाता 23 अप्रैल का इंतजार कर रहा है जब वह अपने मताधिकार का प्रयोग करके देश की सरकार बनाने में अपनी भागेदारी सुनिश्चित करेगा,इस दौरान आज नामंकन कराने की आख़री तारीख निकल चुकी है प्रमुख पार्टियों में से काँग्रेस,बीजेपी और सपा/बसपा गठबंधन ने अपने-अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतार दिये है,साथ ही कई निर्दलीय प्रत्याशी भी अपनी किस्मत आजमाने को चुनावी मैदान में है।एक बार नजर डालते है इस दौरान तीनो प्रमुख दलों के प्रतियाशीयों ने क्या किये वायदे और क्या लगाये आरोप।

सबसे पहले बात करते है,गठबंधन के प्रत्याशी और वर्तमान में बदायूँ से सांसद धर्मेद्र यादव की आप को बता दे धर्मेद्र यादव अपने द्वारा कराये गये विकास को इस बार के चुनाव में मुख्य मुद्दा मानते है,हालांकि उनके विरोधी अक्सर उन पर तमाम आरोप भी लगाते रहते है, उन्होंने नामंकन करवाने के बाद कहा कि अगर हम जीतते है तो सबसे पहले अपने अधूरे कामो को पूरा करेंगे,बीजेपी ने जो झूंट बोला है उसे लोगो को बतायेंगे,और हमारी पार्टी ने जो विकास करवाया है उससे लोगो को अवगत करवायेंगे।

बाइट--धर्मेंद्र यादव (सपा/बसपा गठबंधन प्रत्याशी)


Conclusion:काँग्रेस के प्रत्याशी सलीम इकवाल शेरवानी बदायूँ से 5 बार सांसद रह चुके है,यह 1बार काँग्रेस से चुने गये और 4 बार सपा से चुन कर संसद पहुँचे, लेकिन इन पर आरोप लगते रहे कि इन्होंने बदायूँ में विकास नही कराया,इनका कहना है कि अगर मेरे चाचा भी मुख्यमंत्री होते और मेरा भाई मुख्यमंत्री होता तो मैं बगैर कमीशन लिये ज्यादा विकास करवा देता।

बाइट--सलीम इकवाल शेरवानी(काँग्रेस प्रत्याशी)

बहीं बीजेपी की प्रत्याशी वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की पुत्री संघमित्रा मौर्य है ये पहली बार बदायूँ से चुनाव लड़ रही है,इनके पास अपने बारे में ज्यादा कहने को कुछ नही है पर ये मुलायम सिंह यादव द्वारा मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनने के दिये गये आशीर्वाद को अपना चुनावी हथियार बनाये हुए ,सबकी जमानत जब्त करवाने की बात कह रही है।

बाइट--संघमित्रा मौर्य (प्रत्याशी बीजेपी)


पीटीसी---समीर सक्सेना


समीर सक्सेना
बदायूँ
9412655086
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