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बदायूं जामा मस्जिद प्रकरण में अगली सुनवाई 4 अक्टूबर को होगी - बदायूं जामा मस्जिद प्रकरण मामले में सुनवाई

बदायूं के जामा मस्जिद प्रकरण (Jama Masjid Case) में प्रतिवादी पक्ष को उपस्थित हो कर अपना पक्ष रखना था. सम्मन ना काफी होने की वजह से मुस्लिम पक्ष में से केवल एक पक्षकार उपस्थित हुए, जिन्होंने न्यायालय से दायर वाद के कागजात मांगे.

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बदायूं के जामा मस्जिद प्रकरण
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Published : Sep 15, 2022, 10:44 PM IST

बदायूं: जामा मस्जिद प्रकरण (Jama Masjid Case) में गुरुवार को प्रतिवादी पक्ष को उपस्थित हो कर अपना पक्ष रखना था. सम्मन ना काफी होने की वजह से मुस्लिम पक्ष में से केवल एक पक्षकार उपस्थित हुए, जिन्होंने न्यायालय से दायर वाद के कागजात मांगे. वही हिंदू पक्ष से कोर्ट ने सम्मन तामील कराने के लिये राष्ट्रीय समाचार पत्र में नोटिस प्रकाशित कराने के आदेश किए है. आपको बता दे वादी पक्ष ने 6 पक्षकार बनाये है, जिन्हें नोटिस जारी हुए थे. यह पक्षकार इंतजामिया कमेटी जामा मस्जिद सदर, उत्तर प्रदेश सुन्नीबफ बोर्ड, यूनियन ऑफ इंडिया , उत्तर प्रदेश सरकार, डीएम बदायूं, पुरातत्व विभाग थे.

इंतजामिया कमेटी के वकील असरार अहमद का कहना है कि गुरुवार को मामले में तारीख थी. हमने प्रतिवादी पक्ष की ओर से वाद और डॉक्यूमेंट की कॉपी मांगी है. नोटिस की तामील जब तक सभी प्रतिवादियों पर नहीं हो जाती है. तब तक इस मामले की सुनवाई नहीं हो सकती. आज सिविल कोर्ट में वकीलों की स्ट्राइक भी है. लेकिन जब तक बाद पत्र की कॉपी हमें नहीं मिल जाती तब तक हम कैसे ऑब्जेक्शन फाइल करेंगे और सभी नोटिस जब तक तामील नहीं होंगे. तब तक वह अपना पक्ष कैसे रखेंगे 6 प्रतिभागियों में हम अकेले ऐपियर हुए हैं. बाकी सभी के नोटिस अभी तामील होनी है. हम इंतजामिया कमेटी के सदर की तरफ से एपियर हुए हैं.

यह भी पढ़ें- शामली में पुलिस पर जानलेवा हमले के आरोपी को पांच साल की सजा

वहीं, पूरे मामले पर हिंदू पक्ष के वकील विवेक रेंडर का कहना है कि आज की डेट में किसी भी डिपेंडेंट की तरफ से कोई ऑब्जेक्शन मूल बाद में दाखिल नहीं हुआ है. प्रतिवादी पक्ष से जो वकालतनामा दाखिल हुआ है. वह किसी अब्दुल गनी और अब्दुल लतीफ का दाखिल किया था. मिसलेनियस केस में इन दोनों नामों में से कोई भी पक्ष कार इस मुकदमे में पक्षकार नहीं है. बाकी मामले में सभी प्रतिवादियों को नोटिस भेज दिये गये है.

बदायूं: जामा मस्जिद प्रकरण (Jama Masjid Case) में गुरुवार को प्रतिवादी पक्ष को उपस्थित हो कर अपना पक्ष रखना था. सम्मन ना काफी होने की वजह से मुस्लिम पक्ष में से केवल एक पक्षकार उपस्थित हुए, जिन्होंने न्यायालय से दायर वाद के कागजात मांगे. वही हिंदू पक्ष से कोर्ट ने सम्मन तामील कराने के लिये राष्ट्रीय समाचार पत्र में नोटिस प्रकाशित कराने के आदेश किए है. आपको बता दे वादी पक्ष ने 6 पक्षकार बनाये है, जिन्हें नोटिस जारी हुए थे. यह पक्षकार इंतजामिया कमेटी जामा मस्जिद सदर, उत्तर प्रदेश सुन्नीबफ बोर्ड, यूनियन ऑफ इंडिया , उत्तर प्रदेश सरकार, डीएम बदायूं, पुरातत्व विभाग थे.

इंतजामिया कमेटी के वकील असरार अहमद का कहना है कि गुरुवार को मामले में तारीख थी. हमने प्रतिवादी पक्ष की ओर से वाद और डॉक्यूमेंट की कॉपी मांगी है. नोटिस की तामील जब तक सभी प्रतिवादियों पर नहीं हो जाती है. तब तक इस मामले की सुनवाई नहीं हो सकती. आज सिविल कोर्ट में वकीलों की स्ट्राइक भी है. लेकिन जब तक बाद पत्र की कॉपी हमें नहीं मिल जाती तब तक हम कैसे ऑब्जेक्शन फाइल करेंगे और सभी नोटिस जब तक तामील नहीं होंगे. तब तक वह अपना पक्ष कैसे रखेंगे 6 प्रतिभागियों में हम अकेले ऐपियर हुए हैं. बाकी सभी के नोटिस अभी तामील होनी है. हम इंतजामिया कमेटी के सदर की तरफ से एपियर हुए हैं.

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वहीं, पूरे मामले पर हिंदू पक्ष के वकील विवेक रेंडर का कहना है कि आज की डेट में किसी भी डिपेंडेंट की तरफ से कोई ऑब्जेक्शन मूल बाद में दाखिल नहीं हुआ है. प्रतिवादी पक्ष से जो वकालतनामा दाखिल हुआ है. वह किसी अब्दुल गनी और अब्दुल लतीफ का दाखिल किया था. मिसलेनियस केस में इन दोनों नामों में से कोई भी पक्ष कार इस मुकदमे में पक्षकार नहीं है. बाकी मामले में सभी प्रतिवादियों को नोटिस भेज दिये गये है.

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