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बदायूं: बम-बम भोले की गूंज के साथ कावड़ियों ने जलाभिषेक के लिए किया कूच

सावन के माह में देश भर में शिवभक्तों की अपार श्रद्धा देखने को मिल रही है. भक्त कछला गंगा घाट से जल भर कर पटना स्थित देवकली शिव मंदिर में जलाभिषेक करेंगे. शिव भक्त यात्रा के दौरान झांकियां के साथ डीजे की ध्वनि पर नृत्य करते हुए शिवालय को पहुंचकर जलाभिषेक करेंगे.

कावड़ियों ने जलाभिषेक के लिए किया कूच.
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Published : Jul 29, 2019, 3:18 PM IST

बदायूं: सावन के पवित्र माह की शुरुआत हो चुकी है. शिवभक्तों की अपार श्रद्धा प्रदेश भर में देखने को मिल रही है. जिले में रविवार की सुबह से ही कांवड़िया अपनी-अपनी टोलियों के साथ जलाभिषेक करने के लिए प्राचीन शिव मंदिर पटना देवकली को रवाना हो चुके हैं. भक्त कछला गंगा घाट से जल भर कर पटना स्थित देवकली शिव मंदिर में जलाभिषेक करेंगे. शिव भक्त यात्रा के दौरान झांकियां के साथ डीजे की ध्वनि पर नृत्य करते हुए शिवालय को पहुंचकर जलाभिषेक करेंगे.

कावड़ियों ने जलाभिषेक के लिए किया कूच.

पौराणिक काल से संबंधित है पटना देवकली मंदिर-
पटना देवकली मंदिर बहुत प्राचीन मंदिर है. मंदिर टापू पर बना हुआ है. मुख्य मंदिर में कई अत्यंत प्रचीन ज्योतिर्लिंग है. प्राचीन मान्यता है कि दैत्य गुरु शुक्राचार्य ने इसी स्थान पर तपस्या की थी. सावन के महीने में दूर-दूर से भक्त जल भरकर जलाअभिषेक करने यहां आते हैं. भक्तों की मान्यता है कि, मंदिर में जो भी सच्चे मन से मन्नत मांगता है उसकी मन्नत पूरी होती है. मन्नत के पूरे होने के बाद वह गंगा जल से शिवलिंग पर जलाभिषेक करता है.

पुराण काल में मंदिर में चलता था विश्वविद्यालय-
इस प्रचीन मंदिर का जिक्र महाभारत में आता है. शिव मंदिर दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य की तपोस्थली रहा है. पुराण काल में मंदिर में विश्वविद्यालय भी चला करता था. जिसमें दैत्य के शुक्राचार्य आचार्य हुआ करते थे.

मंदिर में जो भी सच्चे मन से मन्नत मांगता है. उसकी मन्नत पूरी होती है. मन्नत के पूरे होने के बाद वह गंगा जल से शिवलिंग पर जलाभिषेक करता है.
­-शिव भक्त, विपिन कुमार

बदायूं: सावन के पवित्र माह की शुरुआत हो चुकी है. शिवभक्तों की अपार श्रद्धा प्रदेश भर में देखने को मिल रही है. जिले में रविवार की सुबह से ही कांवड़िया अपनी-अपनी टोलियों के साथ जलाभिषेक करने के लिए प्राचीन शिव मंदिर पटना देवकली को रवाना हो चुके हैं. भक्त कछला गंगा घाट से जल भर कर पटना स्थित देवकली शिव मंदिर में जलाभिषेक करेंगे. शिव भक्त यात्रा के दौरान झांकियां के साथ डीजे की ध्वनि पर नृत्य करते हुए शिवालय को पहुंचकर जलाभिषेक करेंगे.

कावड़ियों ने जलाभिषेक के लिए किया कूच.

पौराणिक काल से संबंधित है पटना देवकली मंदिर-
पटना देवकली मंदिर बहुत प्राचीन मंदिर है. मंदिर टापू पर बना हुआ है. मुख्य मंदिर में कई अत्यंत प्रचीन ज्योतिर्लिंग है. प्राचीन मान्यता है कि दैत्य गुरु शुक्राचार्य ने इसी स्थान पर तपस्या की थी. सावन के महीने में दूर-दूर से भक्त जल भरकर जलाअभिषेक करने यहां आते हैं. भक्तों की मान्यता है कि, मंदिर में जो भी सच्चे मन से मन्नत मांगता है उसकी मन्नत पूरी होती है. मन्नत के पूरे होने के बाद वह गंगा जल से शिवलिंग पर जलाभिषेक करता है.

पुराण काल में मंदिर में चलता था विश्वविद्यालय-
इस प्रचीन मंदिर का जिक्र महाभारत में आता है. शिव मंदिर दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य की तपोस्थली रहा है. पुराण काल में मंदिर में विश्वविद्यालय भी चला करता था. जिसमें दैत्य के शुक्राचार्य आचार्य हुआ करते थे.

मंदिर में जो भी सच्चे मन से मन्नत मांगता है. उसकी मन्नत पूरी होती है. मन्नत के पूरे होने के बाद वह गंगा जल से शिवलिंग पर जलाभिषेक करता है.
­-शिव भक्त, विपिन कुमार

Intro:बदायूँ: कछला गंगा घाट से हज़ारो कावड़ियों का शिवालय पटना देवकली रवानाBody:बदायूँ: कछला गंगा घाट से हज़ारो कावड़ियों का शिवालय पटना देवकली रवाना

बदायूँ: रविवार की सुबह से ही कावड़ियों अपनी-अपनी टोलियों के साथ जलाभिषेक करने के लिए प्राचीन शिव मंदिर पटना देवकली को निकल पड़े हैं जिले के कछला गंगा घाट हजारों कावड़िया कावड़ लेकर पटना देवकली शिव मंदिर को निकल चुके हैं। शिव पार्वती, गणेश हनुमान, राधा कृष्ण इत्यादि की सुंदर सुंदर झांकियां के साथ डीजे के ध्वनि पर नृत्य करते हुए शिवालय को पहुंचते हैं। दातागंज क्षेत्र के के सभी शिव भक्त कछला,हरिद्वार से भी पवित्र गंगा जल पदयात्रा कर पटना देवकली शिवालय को पहुंचेंगे ।सोमवार को सुबह भगवान शिव के शिवलिंग पर जलाभिषेक करेंगे।

लोगों की मान्यता है की यह बहुत प्राचीन मंदिर है जो एक टापू पर बना हुआ है। इसके मुख्य मंदिर में कई ज्योति लिंग है। प्राचीन मान्यता है कि दैत्य गुरु शुक्राचार्य ने इसी स्थान पर अपनी तपस्या पूर्ण की थी। तब से आज तक दूर दूर से स्थानों से लोग जल भरकर जलाअभिषेक करते हैं। इस मंदिर में जो भी श्रद्धा भाव से मन्नत मांगता है। मन्नत पूरी होने के बाद वह गंगा जल से शिवलिंग पर जलाअभिषेक करता है।

शिव भक्त विपिन कुमार ने बताया कि शिव के भक्त हरिद्वार और कछला गंगा घाट से जल लेकर कुछ डाक कावड़, पैदल कावड़ लेकर पटना देवकली शिव मंदिर पर जलाभिषेक करते है। छोटी शिवरात्रि त्रयोदशी व महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक करने पर सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।यह शिव मंदिर पौराणिक मंदिर है इस मंदिर का जिक्र महाभारत में आता है दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य की तपोस्थली रही है पुराण काल में इनका एक विश्वविद्यालय भी चला करता था जिसमें दैत्य के शुक्राचार्य यहां के आचार्य हुआ करते थे। जहां पर रावण का एक पुत्र अक्षय कुमार अध्ययन करते थे बाली का पुत्र अंगद जिन्होंने लंका पर जाकर पैर जमाया था मैं भी यहां पढ़ थे।Conclusion: मानव ऐसा प्रतीत होता है की जिले की हर सड़क पर भगवा रंग से सजा दी गई
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Bit-1 शिव भक्त विपिन कुमार
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Hemant kumar
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