बदायूं: सावन के पवित्र माह की शुरुआत हो चुकी है. शिवभक्तों की अपार श्रद्धा प्रदेश भर में देखने को मिल रही है. जिले में रविवार की सुबह से ही कांवड़िया अपनी-अपनी टोलियों के साथ जलाभिषेक करने के लिए प्राचीन शिव मंदिर पटना देवकली को रवाना हो चुके हैं. भक्त कछला गंगा घाट से जल भर कर पटना स्थित देवकली शिव मंदिर में जलाभिषेक करेंगे. शिव भक्त यात्रा के दौरान झांकियां के साथ डीजे की ध्वनि पर नृत्य करते हुए शिवालय को पहुंचकर जलाभिषेक करेंगे.
पौराणिक काल से संबंधित है पटना देवकली मंदिर-
पटना देवकली मंदिर बहुत प्राचीन मंदिर है. मंदिर टापू पर बना हुआ है. मुख्य मंदिर में कई अत्यंत प्रचीन ज्योतिर्लिंग है. प्राचीन मान्यता है कि दैत्य गुरु शुक्राचार्य ने इसी स्थान पर तपस्या की थी. सावन के महीने में दूर-दूर से भक्त जल भरकर जलाअभिषेक करने यहां आते हैं. भक्तों की मान्यता है कि, मंदिर में जो भी सच्चे मन से मन्नत मांगता है उसकी मन्नत पूरी होती है. मन्नत के पूरे होने के बाद वह गंगा जल से शिवलिंग पर जलाभिषेक करता है.
पुराण काल में मंदिर में चलता था विश्वविद्यालय-
इस प्रचीन मंदिर का जिक्र महाभारत में आता है. शिव मंदिर दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य की तपोस्थली रहा है. पुराण काल में मंदिर में विश्वविद्यालय भी चला करता था. जिसमें दैत्य के शुक्राचार्य आचार्य हुआ करते थे.
मंदिर में जो भी सच्चे मन से मन्नत मांगता है. उसकी मन्नत पूरी होती है. मन्नत के पूरे होने के बाद वह गंगा जल से शिवलिंग पर जलाभिषेक करता है.
-शिव भक्त, विपिन कुमार