बदायूंः जिले में डोर-टू-डोर यानी घर-घर कूड़ा उठाने वाले कर्मचारियों को 4 महीने से सैलरी नहीं मिली है. सफाई कर्मचारियों ने नगर पालिका के चैयरमैन और सिटी मजिस्ट्रेट से शिकायत की. इसके बाद भी मामले को लेकर कोई सुनवाई नहीं की गई, जिसके चलते सफाई कर्मचारी सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे है. इससे सफाई व्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है.
कर्मचारियों को नहीं मिली सैलरी
- बदायूं में घर-घर उठाने वाले कर्मचारी सैलरी के लिए सरकारी दफ्तरों के लिए चक्कर काट रहे है.
- कर्मचारियों का कहना है कि वह लोग संग्रह जनकल्याण समिति के तहत नौकरी कर रहे थे.
- कर्मचारियों ने कहा कि संविदा में नौकरी लगवाने के नाम पर ठेकेदार ने 60-70 हजार रुपये लिए है.
- ठेकेदार कर्मचारियों को चार महीने से सैलरी नहीं दे रहा है.
- कर्मचारियों ने इसकी शिकायत नगर पालिका की चेयरमैन और सिटी मजिस्ट्रेट से की.
- शिकायत के बावजूद भी कर्मचारियों को सैलरी नहीं प्राप्त हुई है.
इसे भी पढ़ें- गोरखपुरः एक शिक्षक ऐसा भी जिसने खुद की सैलरी से बदली विद्यालय की सूरत
घर-घर से कूड़ा उठाता था, लेकिन अब सैलरी नहीं मिल पा रही है. हर महीने नगर पालिका सभी कर्मचारी से घर-घर से प्राप्त रुपयों को भी ले लेती थी, लेकिन फिर भी सैलरी नहीं दे रहे हैं.
सचिन, कर्मचारी
कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिल पाई है. ठेकेदार से बात हो गई है. कुछ को सैलरी मिल भी गई है.
-दीपमाला गोयल, चेयरमैन, नगरपालिका