बदायूं: भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण नई दिल्ली ने भारत के धार्मिक स्थानों में खाद्य स्वच्छता की अच्छी नीतियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भोग योजना की शुरुआत की है. इसके तहत जिले में बालाजी मंदिर उझानी रोड एवं नगला मंदिर का चयन योजना के अंतर्गत किया गया है. खाद्य विभाग की टीम समय-समय पर यहां पर वितरित किए जाने वाले प्रसाद की जांच करेगी. योजना का मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं को साफ और स्वच्छ प्रसाद उपलब्ध करवाना है.
खाद्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा लाइसेंस
योजना का उद्देश्य धार्मिक स्थलों में खाद्य सुरक्षा स्वच्छता की अच्छी नीतियों को बढ़ावा देना है. इस योजना के तहत मंदिर प्रांगण में या उसके आसपास प्रसाद की दुकानें चलाने वालों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके अलावा उनका पंजीकरण करके उन्हें खाद्य विभाग की तरफ से लाइसेंस भी उपलब्ध करवाया जाएगा. इस योजना की शुरुआत उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में की गई है.
हमारे यहां किसी प्रकार की रसोई नहीं चलती है. श्रद्धालुओं की ओर जो प्रसाद लाया जाता है, वही चढ़ाकर लोगों को स्वच्छता और साफ-सफाई के साथ वितरित किया जाता है. खाद्य विभाग की टीम समय-समय पर यहां आकर जांच करेगी तो उससे श्रद्धालुओं का विश्वास भी बढ़ेगा.
-शिव ओम शर्मा, पुजारी, नगला मंदिर
बालाजी मंदिर में मंगलवार और शनिवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. स्वच्छता और साफ-सफाई के साथ प्रसाद बनाते हैं और उसकी बिक्री श्रद्धालुओं को करते हैं. हमारे पास खाद्य विभाग का लाइसेंस भी है. खाद्य विभाग की टीम समय-समय पर यहां आकर स्वच्छता की जांच करती है.
-संतोष, प्रसाद विक्रेता, बालाजी मंदिर
खाद्य सुरक्षा की अच्छी नीतियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ही यह योजना शुरू की गई है. इन धार्मिक स्थानों पर जो भी प्रसाद विक्रेता है उनको प्रशिक्षण दिया जाएगा. साथ ही उनको लाइसेंस भी उपलब्ध करवाया जाएगा. इसका उद्देश्य श्रद्धालुओं को शुद्ध और हाइजीन प्रसाद उपलब्ध हो सके.
-चंद्रशेखर मिश्रा, जिला अभिहित अधिकारी