ETV Bharat / state

ट्रेन न चलने से आम आदमी परेशान, 15 की जगह 65 लग रहा किराया

अब ट्रेनों के संचालन की मांग जोर पकड़ती दिख रही है. लोगों का कहना है कि जब सबकुछ चल रहा है तो पैसेंजर ट्रेनें क्यों नहीं चल रही हैं. स्पेशल ट्रेन के नाम पर गरीब का दोहन हो रहा है. इससे हर कोई परेशान है, सरकार को जल्द ट्रेन चलाना चाहिए.

author img

By

Published : Feb 6, 2021, 6:41 PM IST

ट्रेन
ट्रेन

बदायूंः लॉकडाउन के बाद से पूरे देश में स्पेशल ट्रेनों का संचालन हो रहा है, लेकिन सामान्य तौर पर ट्रेनों का संचालन नहीं हो रहा है, जिसकी वजह से आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है. अब पैसेंजर ट्रेनों के संचालन की मांग भी उठने लगी है. लोगों का कहना है कि रोडवेज या अन्य सवारी काफी महंगी है. इसलिए पैसेंजर ट्रेनों का संचालन जल्द शुरू किया जाना चाहिए.

ट्रेन न चलने से हर कोई परेशान.

बस में भारी भीड़
सामान्य तौर पर ट्रेनों के संचालन की मांग जोर पकड़ने लगी है. लोगों का कहना है कि जब एक 50 सीटर बस में 55-60 लोग यात्रा कर सकत हैं तो ट्रेनों में यात्रा करने में क्या दिक्कत है. अब कोरोना का प्रकोप भी देश में कम हो गया हैं, साथ ही वैक्सीन भी आ चुकी है. बदायूं में लोगों का कहना है कि यहां से आसपास के जिलों में लोकल ट्रेनें चला करती थी, जिनका किराया काफी कम था. जब से ट्रेनों का संचालन बंद हुआ है, लोगों को बस या निजी वाहनों से जाना पड़ रहा है. यह काफी महंगा पड़ता है.

15 की जगह 65 रुपये किराया
बदायूं से बरेली, कासगंज, पीलीभीत इत्यादि पास के जनपदों के लिए कई जोड़ी ट्रेनें दिन भर में संचालित होती थी जिसमें काफी संख्या में यात्रियों का आना-जाना रहता था, लेकिन उनका संचालन बंद होने के बाद यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बरेली जैसे नजदीकी स्टेशन तक जाने में यात्रियों को रोडवेज बस में 65 रुपये किराया देना पड़ता है, जबकि ट्रेन में यही किराया मात्र 15 रुपये था.

किसान-मजदूर परेशान
स्पोर्ट्स सामान की दुकान चलाने वाले व्यापारी प्रभात अग्रवाल का कहना है कि उन्हें माल लेने मेरठ, मुजफ्फरनगर इत्यादि स्थानों पर जाना होता है. ट्रेन का किराया सस्ता पड़ता था, बस में बहुत ज्यादा किराया है. ट्रेन जल्द शुरू होना चाहिये. वहीं खेती का कार्य करने वाले किसान राजपाल का कहना है कि आसपास के जिलों में ट्रेन से 10 या 15 रुपये में पहुंच जाते थे. बस से बहुत ज्यादा किराया लगता है. ट्रेनों को चलाने में सरकार की क्या मजबूरी है समझ नहीं आता.

ट्रेन संचालन के लिए आंदोलन
किसान यूनियन के नेता राजेश सक्सेना का कहना है कि ट्रेन चलने को लेकर हम लोग पहले भी आंदोलन कर चुके हैं. ट्रेन न चलवा पाना सरकार की बहुत बड़ी नाकामी है. आम आदमी की जेब पर किराए का भारी बोझ ट्रेन न चलने से पढ़ रहा है. ट्रेन चलवाने को लेकर अगर आंदोलन करना पड़ा तो वो भी हम करेंगे.

जल्द शुरू करनी चाहिए ट्रेन
शहर में प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर गोपाल मिश्रा का कहना है कि बरेली कासगंज जैसे आसपास के जिलों में जाने के लिए अब लोगों को ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ रहा है, जबकि ट्रेनों में का किराया काफी कम था. लोगों को काफी सुविधा होती थी. सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए और ट्रेनों का संचालन जल्द शुरू करना चाहिए.

बदायूंः लॉकडाउन के बाद से पूरे देश में स्पेशल ट्रेनों का संचालन हो रहा है, लेकिन सामान्य तौर पर ट्रेनों का संचालन नहीं हो रहा है, जिसकी वजह से आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है. अब पैसेंजर ट्रेनों के संचालन की मांग भी उठने लगी है. लोगों का कहना है कि रोडवेज या अन्य सवारी काफी महंगी है. इसलिए पैसेंजर ट्रेनों का संचालन जल्द शुरू किया जाना चाहिए.

ट्रेन न चलने से हर कोई परेशान.

बस में भारी भीड़
सामान्य तौर पर ट्रेनों के संचालन की मांग जोर पकड़ने लगी है. लोगों का कहना है कि जब एक 50 सीटर बस में 55-60 लोग यात्रा कर सकत हैं तो ट्रेनों में यात्रा करने में क्या दिक्कत है. अब कोरोना का प्रकोप भी देश में कम हो गया हैं, साथ ही वैक्सीन भी आ चुकी है. बदायूं में लोगों का कहना है कि यहां से आसपास के जिलों में लोकल ट्रेनें चला करती थी, जिनका किराया काफी कम था. जब से ट्रेनों का संचालन बंद हुआ है, लोगों को बस या निजी वाहनों से जाना पड़ रहा है. यह काफी महंगा पड़ता है.

15 की जगह 65 रुपये किराया
बदायूं से बरेली, कासगंज, पीलीभीत इत्यादि पास के जनपदों के लिए कई जोड़ी ट्रेनें दिन भर में संचालित होती थी जिसमें काफी संख्या में यात्रियों का आना-जाना रहता था, लेकिन उनका संचालन बंद होने के बाद यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बरेली जैसे नजदीकी स्टेशन तक जाने में यात्रियों को रोडवेज बस में 65 रुपये किराया देना पड़ता है, जबकि ट्रेन में यही किराया मात्र 15 रुपये था.

किसान-मजदूर परेशान
स्पोर्ट्स सामान की दुकान चलाने वाले व्यापारी प्रभात अग्रवाल का कहना है कि उन्हें माल लेने मेरठ, मुजफ्फरनगर इत्यादि स्थानों पर जाना होता है. ट्रेन का किराया सस्ता पड़ता था, बस में बहुत ज्यादा किराया है. ट्रेन जल्द शुरू होना चाहिये. वहीं खेती का कार्य करने वाले किसान राजपाल का कहना है कि आसपास के जिलों में ट्रेन से 10 या 15 रुपये में पहुंच जाते थे. बस से बहुत ज्यादा किराया लगता है. ट्रेनों को चलाने में सरकार की क्या मजबूरी है समझ नहीं आता.

ट्रेन संचालन के लिए आंदोलन
किसान यूनियन के नेता राजेश सक्सेना का कहना है कि ट्रेन चलने को लेकर हम लोग पहले भी आंदोलन कर चुके हैं. ट्रेन न चलवा पाना सरकार की बहुत बड़ी नाकामी है. आम आदमी की जेब पर किराए का भारी बोझ ट्रेन न चलने से पढ़ रहा है. ट्रेन चलवाने को लेकर अगर आंदोलन करना पड़ा तो वो भी हम करेंगे.

जल्द शुरू करनी चाहिए ट्रेन
शहर में प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर गोपाल मिश्रा का कहना है कि बरेली कासगंज जैसे आसपास के जिलों में जाने के लिए अब लोगों को ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ रहा है, जबकि ट्रेनों में का किराया काफी कम था. लोगों को काफी सुविधा होती थी. सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए और ट्रेनों का संचालन जल्द शुरू करना चाहिए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.