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डीएपी के दाम 300 रुपये बढ़े, बढ़ जाएगी फसलों की लागत

उत्तर प्रदेश के बदायूं में किसानों की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब डीएपी के रेट 300 रुपये बढ़ जाने से किसान परेशान होने लगे हैं. किसानों का कहना है कि इससे उनकी खेती की लागत बढ़ जाएगी. किसान पहले से ही मुश्किलों के दौर से गुजर रहे हैं. अब डीएपी के रेट बढ़ जाने से उसकी कमर ही टूट जाएगी.

खेत में खाद डालता किसान.
खेत में खाद डालता किसान.
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Published : Mar 30, 2021, 2:42 AM IST

बदायूंः किसानों की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब डीएपी के रेट 300 रुपये बढ़ जाने से किसान परेशान होने लगे हैं. किसानों का कहना है कि इससे उनकी खेती की लागत बढ़ जाएगी. किसान पहले से ही मुश्किलों के दौर से गुजर रहे हैं. अब डीएपी के रेट बढ़ जाने से उसकी कमर ही टूट जाएगी. सरकार किसानों की आय दोगुनी करने का दावा कर रही है, लेकिन डीएपी के रेट बढ़ना उसकी असली मानसिकता को जाहिर करता है.

डीएपी के दाम 300 रुपये बढ़े.
डीएपी के दाम बढ़ने से परेशान किसानडीएपी के दाम 300 रुपये बढ़ाए जाने के बाद किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. फसलों में डीएपी का प्रयोग काफी मात्रा में होता है. डीएपी का मूल्य 300 रुपये बढ़ जाने से किसानों की फसलों की लागत भी बढ़ जाएगी. तमाम फसलों की बुवाई के समय डीएपी की आवश्यकता होती है. पहले डीजल और पेट्रोल के बढ़ा दिए गए थे. इससे फसलों की सिंचाई की लागत बढ़ गई थी. अब डीएपी के रेट 300 रुपये बढ़ा देने से किसान मायूस नजर आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि एक तरफ सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती है और दूसरी तरफ खेती में काम आने वाली डीएपी की कीमत बढ़ा दी गई है. इससे फसल का लागत मूल्य बढ़ जाएगा. किसान पहले से ही परेशान हैं. इसलिए डीएपी का मूल बढ़ाना न्याय संगत नहीं है.

यह भी पढ़ेंः इस अस्पताल में इंजेक्शन के नाम पर हो रही थी वसूली, वीडियो वायरल

किसान महावीर का कहना है कि अभी तक डीएपी का कट्टा 1200 रुपये का मिलता था. अब यह 1500 रुपये का हो गया है. इससे हमारी फसल की लागत बढ़ जाएगी और आय कम हो जाएगी.किसानों को बर्बाद करने की है साजिशकिसान नेता राजेश सक्सेना का कहना है कि सरकार की नीतियां गलत हैं. सरकार डब्ल्यूटीओ के दबाव में काम कर रही है. रेट किसान को नेस्तनाबूद करने के लिए बढ़ाए जा रहे हैं. डीएपी के रेटों में 22-23 परसेंट की बढ़ोतरी हुई है. इससे किसान को खेती करना काफी मुश्किल हो जाएगा. खेती कारपोरेट घरानों को सौंपने की तैयारी चल रही है. डीएपी का रेट अभी तक 1200 था. अब इसका रेट 1500 हो गया है.

बदायूंः किसानों की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब डीएपी के रेट 300 रुपये बढ़ जाने से किसान परेशान होने लगे हैं. किसानों का कहना है कि इससे उनकी खेती की लागत बढ़ जाएगी. किसान पहले से ही मुश्किलों के दौर से गुजर रहे हैं. अब डीएपी के रेट बढ़ जाने से उसकी कमर ही टूट जाएगी. सरकार किसानों की आय दोगुनी करने का दावा कर रही है, लेकिन डीएपी के रेट बढ़ना उसकी असली मानसिकता को जाहिर करता है.

डीएपी के दाम 300 रुपये बढ़े.
डीएपी के दाम बढ़ने से परेशान किसानडीएपी के दाम 300 रुपये बढ़ाए जाने के बाद किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. फसलों में डीएपी का प्रयोग काफी मात्रा में होता है. डीएपी का मूल्य 300 रुपये बढ़ जाने से किसानों की फसलों की लागत भी बढ़ जाएगी. तमाम फसलों की बुवाई के समय डीएपी की आवश्यकता होती है. पहले डीजल और पेट्रोल के बढ़ा दिए गए थे. इससे फसलों की सिंचाई की लागत बढ़ गई थी. अब डीएपी के रेट 300 रुपये बढ़ा देने से किसान मायूस नजर आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि एक तरफ सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती है और दूसरी तरफ खेती में काम आने वाली डीएपी की कीमत बढ़ा दी गई है. इससे फसल का लागत मूल्य बढ़ जाएगा. किसान पहले से ही परेशान हैं. इसलिए डीएपी का मूल बढ़ाना न्याय संगत नहीं है.

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किसान महावीर का कहना है कि अभी तक डीएपी का कट्टा 1200 रुपये का मिलता था. अब यह 1500 रुपये का हो गया है. इससे हमारी फसल की लागत बढ़ जाएगी और आय कम हो जाएगी.किसानों को बर्बाद करने की है साजिशकिसान नेता राजेश सक्सेना का कहना है कि सरकार की नीतियां गलत हैं. सरकार डब्ल्यूटीओ के दबाव में काम कर रही है. रेट किसान को नेस्तनाबूद करने के लिए बढ़ाए जा रहे हैं. डीएपी के रेटों में 22-23 परसेंट की बढ़ोतरी हुई है. इससे किसान को खेती करना काफी मुश्किल हो जाएगा. खेती कारपोरेट घरानों को सौंपने की तैयारी चल रही है. डीएपी का रेट अभी तक 1200 था. अब इसका रेट 1500 हो गया है.
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