बदायूं: उत्तर प्रदेश में चल रही यूरिया की खुलेआम कालाबाजारी से किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस वजह से राज्य कांग्रेस के आह्वान पर जिला कांग्रेस कमेटी और शहर कांग्रेस कमेटी जिलाध्यक्ष ओमकार सिंह और असरार अहमद ने धरना प्रदर्शन कर यूरिया की सुचारू रूप से उपलब्धता के लिए मांग की है.
यूरिया की कालाबाजारी बंद की जाए
जिलाध्यक्ष ओमकार सिंह ने कहा कि यूपीए सरकार के लिए किसान हित सबसे ऊपर था. बीजेपी सरकार का किसान विरोधी चेहरा अब बेनकाब हो चुका है. किसान विरोधी इस सरकार के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक हमारी पार्टी संघर्ष करेगी. जिलाध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में व्याप्त यूरिया की दिक्कत मुख्य रूप से सरकार की ओर से प्रायोजित एक संकट है. इसके खिलाफ कांग्रेसियों ने सांकेतिक धरना प्रदर्शन करके मांग की है. यूरिया की किल्लत खत्म की जाए और यूरिया की कालाबाजारी बंद की जाए.
अगर हमारी मांगे पूरी नहीं होती, तो कांग्रेस उग्र प्रदर्शन करेगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में जिस तरह से सहकारी समितियों से यूरिया खाद गायब कर दी गई है, उससे साफ होता है कि प्रदेश में यूरिया की कालाबाजारी सरकारी संरक्षण में की जा रही है. सरकार समर्थित बिचौलियों ने प्रदेश में यूरिया संकट पैदा करके किसानों को बर्बाद करने का जो षड्यंत्र रचा है, वह इस आपदा काल में किसानों की कमर तोड़ने का काम कर रही है.
विधानसभा अध्यक्ष और सहकारिता मंत्री को लिखना पड़ा पत्र
वहीं शहर अध्यक्ष असरार अहमद, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सदस्य मुन्ना लाल सागर ने कहा कि किसान कोरोना आपदा, बाढ़ और ओलावृष्टि से पहले ही पूरी तरह से हताश हैं. योगी सरकार सहकारी समितियों को नष्ट करने का कुचक्र रच रही है, ताकि प्रदेश के किसानों को पूरी तरह से बाजार के हवाले करके निजी क्षेत्र को मजबूत कर सके. हालात इतने खराब हैं कि किसानों को खाद उपलब्ध कराने के लिए विधानसभा अध्यक्ष और सहकारिता मंत्री को पत्र लिखना पड़ा.