बदायूं: जिले में जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है.मामला जगत ब्लाक के खेड़ा बुजुर्ग गांव का है. यहां की नजमा बेगम 2015 के चुनाव में ग्राम प्रधान चुनी गई, लेकिन उनका कार्यकाल सिर्फ 7 महीने का ही रहा. बीमारी के चलते उनकी मौत हो गयी और पंचायत विभाग द्वारा एक समिति का गठन कर दिया गया. इसके बाद उप चुनाव मे मृतक प्रधान के परिवार का कोई प्रधान नहीं बना. एक अन्य व्यक्ति को प्रधान चुना गया. इसके बावजूद भी जिला प्रशासन ने मृतक प्रधान नजमा बेगम के खिलाफ एक करोड़ 71 लाख 77 हजार 684 रुपये की रिकवरी आदेश जारी कर दिया.
मृतका प्रधान के देवर ने लगाए आरोप
रिकवरी नोटिस जारी होने से मृतक प्रधान का परिवार सहमा नजर आ रहा है. मृतक प्रधान के पति नोटिस मिलने के बाद से ही बीमार चल रहे हैं. वहीं मृतका के देवर चुन्ना मियां ने आरोप लगाया है कि "ग्राम खेड़ा बुजुर्ग से नजमा बेगम प्रधान थीं. 2015 में चुनाव हुआ था. सात माह बाद ही उनकी मृत्यु हो गई. उनके कार्यकाल में थोड़ा सा ही काम हुआ. उनकी मृत्यु के बाद एक समिति बना दी गई और उसके बाद उपचुनाव हुआ, जिसमें एक अन्य विजय हुई. प्रशासन ने हमारे ऊपर एक करोड़ से ज्यादा की रिकवरी का नोटिस भेजा है. नोटिस प्राप्त होने के बाद हमारे बड़े भाई की तबीयत बहुत खराब हो गई हम लोग परेशान हैं कि अब क्या किया जाए."