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बदायूं जिला अस्पताल में नहीं मिल रही एंटी रेबीज वैक्सीन - badaun health department

बदायूं जिला अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन नहीं होने से मरीजों को परेशानी हो रही है. प्राइवेट क्लीनिक में जाकर एंटी रेबीज वैक्सीन लगाना मरीजों को बहुत महंगा पड़ रहा है.

एंटी रेबीज वैक्सीन
एंटी रेबीज वैक्सीन
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Published : Feb 10, 2021, 3:51 PM IST

बदायूं: जिला अस्पताल में लंबे समय से एंटी रेबीज वैक्सीन उचित मात्रा नहीं मिल पा रही. मरीजों का आरोप है कि जिला अस्पताल में कभी-कभी ही वैक्सीन मिलती है. बाजार में एंटी रेबीज वैक्सीन बहुत महंगी है. इससे ग्रामीण मरीजों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है.

जिला अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन की कमी
कभी-कभी मिलती है एंटी रेबीज वैक्सीनजिला अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन शासन उपलब्ध कराता है. अस्पताल के सूत्रों का कहना है कि एंटी रेबीज बनाने वाली कंपनी अब कोरोना वैक्सीन बना रही है. अस्पतालों को इसकी वजह से एंटी रेबीज वैक्सीन कम संख्या में उपलब्ध हो रही है. मरीजों की संख्या ज्यादा है. इस वजह से कई बार अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो पाती. ये कहते हैं मरीज और तीमारदार

जिला अस्पताल में बच्चे को एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने आईं कुसुम का कहना है कि बच्चे को कुत्ते ने काट लिया था. वे उसे लेकर नजदीक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर गई थीं. वहां एंटी रेबीज वैक्सीन उपलब्ध नहीं थी. इस पर वह जिला अस्पताल आ गईं. यहां बताया गया है कि वैक्सीन नहीं है.

एक अन्य मरीज राजेंद्र जिला अस्पताल में आने से पहले नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर गए थे. उन्हें वहां वैक्सीन नहीं मिली. इस पर वह जिला अस्पताल में रेबीज की वैक्सीन लगवाने आ गए. यहां आकर पता चला कि यहां भी वैक्सीन नहीं है. उन्होंने बताया कि गांव से यहां तक आने-जाने का किराया भी खर्च हो गया. इसके बाद भी सरकारी अस्पताल में वैक्सीन नहीं लग सकी.

जिला अस्पताल को 100 एंटी रेबीज वैक्सीन मिली थीं. इनमें से 19 वैक्सीन अभी स्टॉक में है. मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा है. अस्पताल प्रशासन का प्रयास रहता है कि सभी गरीब मरीजों को एंटी रेबीज वैक्सीन मिल जाए. उन्हें वैक्सीन प्राथमिकता पर लगवाई जाती है.

- डॉ विजय बहादुर, सीएमएस

बदायूं: जिला अस्पताल में लंबे समय से एंटी रेबीज वैक्सीन उचित मात्रा नहीं मिल पा रही. मरीजों का आरोप है कि जिला अस्पताल में कभी-कभी ही वैक्सीन मिलती है. बाजार में एंटी रेबीज वैक्सीन बहुत महंगी है. इससे ग्रामीण मरीजों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है.

जिला अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन की कमी
कभी-कभी मिलती है एंटी रेबीज वैक्सीनजिला अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन शासन उपलब्ध कराता है. अस्पताल के सूत्रों का कहना है कि एंटी रेबीज बनाने वाली कंपनी अब कोरोना वैक्सीन बना रही है. अस्पतालों को इसकी वजह से एंटी रेबीज वैक्सीन कम संख्या में उपलब्ध हो रही है. मरीजों की संख्या ज्यादा है. इस वजह से कई बार अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो पाती. ये कहते हैं मरीज और तीमारदार

जिला अस्पताल में बच्चे को एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने आईं कुसुम का कहना है कि बच्चे को कुत्ते ने काट लिया था. वे उसे लेकर नजदीक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर गई थीं. वहां एंटी रेबीज वैक्सीन उपलब्ध नहीं थी. इस पर वह जिला अस्पताल आ गईं. यहां बताया गया है कि वैक्सीन नहीं है.

एक अन्य मरीज राजेंद्र जिला अस्पताल में आने से पहले नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर गए थे. उन्हें वहां वैक्सीन नहीं मिली. इस पर वह जिला अस्पताल में रेबीज की वैक्सीन लगवाने आ गए. यहां आकर पता चला कि यहां भी वैक्सीन नहीं है. उन्होंने बताया कि गांव से यहां तक आने-जाने का किराया भी खर्च हो गया. इसके बाद भी सरकारी अस्पताल में वैक्सीन नहीं लग सकी.

जिला अस्पताल को 100 एंटी रेबीज वैक्सीन मिली थीं. इनमें से 19 वैक्सीन अभी स्टॉक में है. मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा है. अस्पताल प्रशासन का प्रयास रहता है कि सभी गरीब मरीजों को एंटी रेबीज वैक्सीन मिल जाए. उन्हें वैक्सीन प्राथमिकता पर लगवाई जाती है.

- डॉ विजय बहादुर, सीएमएस

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