बदायूं: जनपद में छात्रवृत्ति के नाम पर करोड़ों का घोटाला सामने आया है. जिला समाज कल्याण विभाग और स्कूल प्रशासन की मिलीभगत से छात्रवृत्ति की राशि का गबन कर लिया गया. मामले में 65 लोगों पर केस दर्ज किया गया है साथ ही गबन की गई राशि की भी वसूली की जाएगी.
- साल 2009-10 से 2017-18 के बीच किया गया है घोटाला
- बीजेपी विधायक धर्मेंद्र शाक्य ने की थी मामले की शिकायत
- जिलाधिकारी के निर्देश पर मामले की जांच की गई.
- जांच में जनपद के कई स्कूल, मदरसों के प्रबंधक और प्रधानाचार्य की मिलीभगत सामने आई .
- छात्रवृत्ति की ढाई करोड़ की राशि को जिला समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने इन स्कूलों के साथ मिलकर छात्रों के खातों में नहीं भेजा.
- सारी धनराशि को वापस जिला समाज कल्याण कार्यालय के खाते में वापस भेज दिया गया.
- जिला सहकारी बैंक के ब्रांच मैनेजरों की मदद से इस पैसे को डकार लिया गया.
जांच में सामने आया कि स्कूल-मदरसों के प्रबंधक, प्रधानाचार्य, जिला समाज कल्याण विभाग, जिला सहकारी बैंक की शाखाओं के मैनेजरों की मदद से करीब ढाई करोड़ का घोटाला किया गया है. घोटाले में जिला समाज कल्याण विभाग और अल्पसंख्यक विभाग की सबसे बड़ी भूमिका सामने आई है. छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति नही दी गई और पैसे को वापस भेज दिया गया और बाद में समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने स्कूलों में दोबारा पैसा भेज दिया. स्कूल के प्रधानाचार्य से मिलकर इस धनराशि को निकालकर आपस में बाट लिया गया. जिनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ है उन पर कार्यवाही होगी. साथ ही घोटालेबाजों से ही धनराशि की रिकवरी की जाएगी.
- दिनेश कुमार सिंह, डीएम
बीजेपी विधायक धर्मेंद्र शाक्य ने कहा कि यह घोटाला बहुत दिनों से चला आ रहा था. जब यह मामला मेरे संज्ञान में आया तो मैंने डीएम से शिकायत की. इसके बाद जांच की गई जिसमें कई लोगों की मिलीभगत पाई गई. मैं जिलाधिकारी से मांग करता हूं कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.