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बदायूं: 65 लोग मिलकर डकार गए छात्रवृत्ति के 2.5 करोड़ रुपये, जानें पूरा मामला - बदायूं डीएम

जनपद में छात्रवृत्ति में करोड़ों को घोटाला पकड़ा गया है. जिलाधिकारी ने जांच के बाद 65 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं. गबन की गई धनराशि की वसूली की जा रही है.

बदायूं में करोड़ों की छात्रवृत्ति का घोटाला.
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Published : May 16, 2019, 3:33 PM IST

बदायूं: जनपद में छात्रवृत्ति के नाम पर करोड़ों का घोटाला सामने आया है. जिला समाज कल्याण विभाग और स्कूल प्रशासन की मिलीभगत से छात्रवृत्ति की राशि का गबन कर लिया गया. मामले में 65 लोगों पर केस दर्ज किया गया है साथ ही गबन की गई राशि की भी वसूली की जाएगी.

बदायूं में करोड़ों की छात्रवृत्ति का घोटाला.
क्या है पूरा मामला
  • साल 2009-10 से 2017-18 के बीच किया गया है घोटाला
  • बीजेपी विधायक धर्मेंद्र शाक्य ने की थी मामले की शिकायत
  • जिलाधिकारी के निर्देश पर मामले की जांच की गई.
  • जांच में जनपद के कई स्कूल, मदरसों के प्रबंधक और प्रधानाचार्य की मिलीभगत सामने आई .
  • छात्रवृत्ति की ढाई करोड़ की राशि को जिला समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने इन स्कूलों के साथ मिलकर छात्रों के खातों में नहीं भेजा.
  • सारी धनराशि को वापस जिला समाज कल्याण कार्यालय के खाते में वापस भेज दिया गया.
  • जिला सहकारी बैंक के ब्रांच मैनेजरों की मदद से इस पैसे को डकार लिया गया.

जांच में सामने आया कि स्कूल-मदरसों के प्रबंधक, प्रधानाचार्य, जिला समाज कल्याण विभाग, जिला सहकारी बैंक की शाखाओं के मैनेजरों की मदद से करीब ढाई करोड़ का घोटाला किया गया है. घोटाले में जिला समाज कल्याण विभाग और अल्पसंख्यक विभाग की सबसे बड़ी भूमिका सामने आई है. छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति नही दी गई और पैसे को वापस भेज दिया गया और बाद में समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने स्कूलों में दोबारा पैसा भेज दिया. स्कूल के प्रधानाचार्य से मिलकर इस धनराशि को निकालकर आपस में बाट लिया गया. जिनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ है उन पर कार्यवाही होगी. साथ ही घोटालेबाजों से ही धनराशि की रिकवरी की जाएगी.
- दिनेश कुमार सिंह, डीएम

बीजेपी विधायक धर्मेंद्र शाक्य ने कहा कि यह घोटाला बहुत दिनों से चला आ रहा था. जब यह मामला मेरे संज्ञान में आया तो मैंने डीएम से शिकायत की. इसके बाद जांच की गई जिसमें कई लोगों की मिलीभगत पाई गई. मैं जिलाधिकारी से मांग करता हूं कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.

बदायूं: जनपद में छात्रवृत्ति के नाम पर करोड़ों का घोटाला सामने आया है. जिला समाज कल्याण विभाग और स्कूल प्रशासन की मिलीभगत से छात्रवृत्ति की राशि का गबन कर लिया गया. मामले में 65 लोगों पर केस दर्ज किया गया है साथ ही गबन की गई राशि की भी वसूली की जाएगी.

बदायूं में करोड़ों की छात्रवृत्ति का घोटाला.
क्या है पूरा मामला
  • साल 2009-10 से 2017-18 के बीच किया गया है घोटाला
  • बीजेपी विधायक धर्मेंद्र शाक्य ने की थी मामले की शिकायत
  • जिलाधिकारी के निर्देश पर मामले की जांच की गई.
  • जांच में जनपद के कई स्कूल, मदरसों के प्रबंधक और प्रधानाचार्य की मिलीभगत सामने आई .
  • छात्रवृत्ति की ढाई करोड़ की राशि को जिला समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने इन स्कूलों के साथ मिलकर छात्रों के खातों में नहीं भेजा.
  • सारी धनराशि को वापस जिला समाज कल्याण कार्यालय के खाते में वापस भेज दिया गया.
  • जिला सहकारी बैंक के ब्रांच मैनेजरों की मदद से इस पैसे को डकार लिया गया.

जांच में सामने आया कि स्कूल-मदरसों के प्रबंधक, प्रधानाचार्य, जिला समाज कल्याण विभाग, जिला सहकारी बैंक की शाखाओं के मैनेजरों की मदद से करीब ढाई करोड़ का घोटाला किया गया है. घोटाले में जिला समाज कल्याण विभाग और अल्पसंख्यक विभाग की सबसे बड़ी भूमिका सामने आई है. छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति नही दी गई और पैसे को वापस भेज दिया गया और बाद में समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने स्कूलों में दोबारा पैसा भेज दिया. स्कूल के प्रधानाचार्य से मिलकर इस धनराशि को निकालकर आपस में बाट लिया गया. जिनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ है उन पर कार्यवाही होगी. साथ ही घोटालेबाजों से ही धनराशि की रिकवरी की जाएगी.
- दिनेश कुमार सिंह, डीएम

बीजेपी विधायक धर्मेंद्र शाक्य ने कहा कि यह घोटाला बहुत दिनों से चला आ रहा था. जब यह मामला मेरे संज्ञान में आया तो मैंने डीएम से शिकायत की. इसके बाद जांच की गई जिसमें कई लोगों की मिलीभगत पाई गई. मैं जिलाधिकारी से मांग करता हूं कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.

Intro:बदायूँ में छात्रवृत्ति में बहुत बड़ा घोटाला सामने आया है ...छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति में करीब ढाई करोड का घोटाला हुआ है ...इस मामले में 65 लोगों पर केस दर्ज हुआ है ...क्या है पूरा मामला देखिये इस रिपोर्ट में...




Body:छात्र और छात्राओं को दी जाने वाली छात्रवृत्ति मैं अधिकारियों ने बंदरबाट कर करीब ढाई करोड का घोटाला किया है ...एआर कोऑपरेटिव सहित तीन अफसर की जांच के बाद सिविल लाइन थाने में 65 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है ...ये घोटाला 2009 से 10 और 2017- 18 के बीच हुआ है ...इसकी शिकायत बीजेपी विधायक धर्मेंद्र शाक्य ने की थी जिसके बाद इस मामले की जांच हुई ... जांच में अधिकारियों ने पाया कि क्षेत्रों के स्कूल मदरसों के प्रबंधकों प्रधानाचार्य, जिला समाज कल्याण विभाग, जिला सहकारी बैंक की शाखाओं के मैनेजरों की मदद से करीब ढाई करोड़ का घोटाला किया है... इसमें सबसे बड़ा घोटालेबाज विभाग समाज कल्याण विभाग और दूसरे नंबर पर जिला अल्पसंख्यक विभाग निकला है वही पूरे मामले पर डीएम दिनेश कुमार सिंह का कहना था कि मामला पुराना है इसमें छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति नही दी गयी और पैसे को वापस भेज दिया गया और बाद में समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने स्कूलों में दोबारा पैसा भेज दिया और स्कूल के प्रधानाचार्य से मिलकर उसे निकाल लिया और आपस में बाट लिया गया ...जिनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ है उनपर कार्यवाही होगी और कोशिश की जाएगी कि ये पैसा इन घोटालेबाज़ों से रीकवर किया जाए ....


Conclusion:वही शिकायतकर्ता बीजेपी के विधायक धर्मेंद्र शाक्य का कहना है कि बहुत दिनों से चला आ रहा था जब उनके संज्ञान में ये मामला आया तो उन्होंने डीएम से शिकायत की ...जिसके बाद से ये घोटाला सामने आया है ...उनका कहना था कि दोषियों को कतई बक्शा न जाये और उनपर कड़ी कार्यवाही हो...
(बाइट- दिनेश कुमार सिंह, डीएम बदायूँ)
(बाइट- धर्मेंद्र शाक्य, शिकायतकर्ता बीजेपी विधायक)
(क्रांतिवीर सिंह, 7011197408)
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