ETV Bharat / state

COVID-19: ग्रामीणों ने गांव के बाहर खींची लक्ष्मण रेखा, बाहरी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित - laxman rekha drawn in village

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में कोरोना वायरस से बचने के लिए ग्रामीणों ने गांव के बाहर लक्ष्मण रेखा खींची है, जिससे कि किसी और गांव के लोग प्रवेश न कर सकें. वहीं ग्रामीणों ने गांव की सड़क पर बांस, बबूल की डाल आदि लगाकर रास्ता पूरी तरह से रोक दिया है.

ग्रामीण ने गांव में खींची लक्ष्मण रेखा.
ग्रामीण ने गांव में खींची लक्ष्मण रेखा.
author img

By

Published : Apr 1, 2020, 1:12 PM IST

आजमगढ़: पूर्व सीएम अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र में सरकार के लॉकडाउन का खासा असर दिख रहा है. अब गांव के लोग खुद लॉकडाउन को सफल बनाने में जुट गए है. ग्रामीणों ने बांस-बल्ली लगाकर लक्ष्मण रेखा खींच दी है. ग्रामीणों के मुताबिक अब कोई भी बाहरी व्यक्ति को गांव में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा और न ही गांव के लोगों को बाहर जानें दिया जाएगा. यहीं नहीं अगर कोई आवश्यक वस्तु की खरीद के लिए बाहर जाता भी है तो उसे सैनिटाइज किया जा रहा है.

लॉकडाउन को सफल बनाने की पहल
जिले में जहानागंज के सेवटा गांव के लोगों ने एक शुरुआत की है. गांव के अखिल पांडेय के नेतृत्व में ग्रामीणों ने गांव की सड़क पर बांस, बबूल की डाल आदि लगाकर रास्ता पूरी तरह रोक दिया है. साथ दीवारों पर बोर्ड लगा दिया है कि कोराना के संक्रमण को देखते हुए बाहरी लोगों का गांव में प्रवेश और गांव के लोगों के बाहर जानें पर पूरी तरह रोक है. लॉकडाउन के दौरान कोई न तो गांव में आएगा और न ही गांव से बाहर जाएगा. ग्रामीणों का यह प्रयास चर्चा का विषय बना है. अब आसपास के ग्रामीण भी यही रणनीति अपनाने पर विचार कर रहे हैं.

प्रशासन ने लोगों के लिए बनवाया शेल्टर हाउस
कोरोना वायरस के प्रभाव को रोकने के लिए सरकार ने 14 अप्रैल तक लॉकडाउन किया है. संक्रमण के डर से 90 प्रतिशत लोग लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं, लेकिन 10 प्रतिशत लोग खतरे को दरकिनार कर घूम रहे हैं. वैसे प्रशासन ऐसे लोगों की संख्या पांच प्रतिशत मान रहा है. अधिकारी भी ऐसे लोगों को रोकने में नाकाम रहे हैं. यहां तक कि पुलिस की लाठी भी इन्हें घरों में कैद नहीं कर पा रही है.

वहीं दूसरी तरफ पिछले तीन दिन में 2,000 से अधिक लोग दिल्ली, मुंबई, मेरठ, हरियाणा, पंजाब से चलकर आजमगढ़ पहुंचे हैं. प्रशासन ऐसे लोगों को शेल्टर हाउस में रखने की कोशिश कर रहा है. इसके बाद भी तमाम लोग बिना प्रशासन को सूचित किए सीधे अपने घर पहुंच रहे हैं. सोमवार को बसों का आवागमन रोक दिया गया तो लोग पैदल ही दूसरे राज्यों से यहां पहुंचने लगे हैं.

आजमगढ़: पूर्व सीएम अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र में सरकार के लॉकडाउन का खासा असर दिख रहा है. अब गांव के लोग खुद लॉकडाउन को सफल बनाने में जुट गए है. ग्रामीणों ने बांस-बल्ली लगाकर लक्ष्मण रेखा खींच दी है. ग्रामीणों के मुताबिक अब कोई भी बाहरी व्यक्ति को गांव में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा और न ही गांव के लोगों को बाहर जानें दिया जाएगा. यहीं नहीं अगर कोई आवश्यक वस्तु की खरीद के लिए बाहर जाता भी है तो उसे सैनिटाइज किया जा रहा है.

लॉकडाउन को सफल बनाने की पहल
जिले में जहानागंज के सेवटा गांव के लोगों ने एक शुरुआत की है. गांव के अखिल पांडेय के नेतृत्व में ग्रामीणों ने गांव की सड़क पर बांस, बबूल की डाल आदि लगाकर रास्ता पूरी तरह रोक दिया है. साथ दीवारों पर बोर्ड लगा दिया है कि कोराना के संक्रमण को देखते हुए बाहरी लोगों का गांव में प्रवेश और गांव के लोगों के बाहर जानें पर पूरी तरह रोक है. लॉकडाउन के दौरान कोई न तो गांव में आएगा और न ही गांव से बाहर जाएगा. ग्रामीणों का यह प्रयास चर्चा का विषय बना है. अब आसपास के ग्रामीण भी यही रणनीति अपनाने पर विचार कर रहे हैं.

प्रशासन ने लोगों के लिए बनवाया शेल्टर हाउस
कोरोना वायरस के प्रभाव को रोकने के लिए सरकार ने 14 अप्रैल तक लॉकडाउन किया है. संक्रमण के डर से 90 प्रतिशत लोग लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं, लेकिन 10 प्रतिशत लोग खतरे को दरकिनार कर घूम रहे हैं. वैसे प्रशासन ऐसे लोगों की संख्या पांच प्रतिशत मान रहा है. अधिकारी भी ऐसे लोगों को रोकने में नाकाम रहे हैं. यहां तक कि पुलिस की लाठी भी इन्हें घरों में कैद नहीं कर पा रही है.

वहीं दूसरी तरफ पिछले तीन दिन में 2,000 से अधिक लोग दिल्ली, मुंबई, मेरठ, हरियाणा, पंजाब से चलकर आजमगढ़ पहुंचे हैं. प्रशासन ऐसे लोगों को शेल्टर हाउस में रखने की कोशिश कर रहा है. इसके बाद भी तमाम लोग बिना प्रशासन को सूचित किए सीधे अपने घर पहुंच रहे हैं. सोमवार को बसों का आवागमन रोक दिया गया तो लोग पैदल ही दूसरे राज्यों से यहां पहुंचने लगे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.