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मलेशिया से 6000 किलोमीटर बाइक चलाकर आजमगढ़ आए प्रवासी, बोले- हिंदुस्तान इज अ ग्रेट - 6000 किलोमीटर की दूरी पर रहने वाले भारतीय प्रवासी

यूपी के आजमगढ़ तक मलेशिया के रहने वाले दो प्रवासियों ने लगभग 6000 किलोमीटर का सफर यात्रा बाइक से तय की. इन दोनों प्रवासी भारतीयों की रेसर बाइक को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.

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मलेशिया से 6000 किलोमीटर बाइक चलाकर आए प्रवासी
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Published : Nov 26, 2019, 9:58 PM IST

आजमगढ़: जिले से लगभग 6000 किलोमीटर की दूरी पर रहने वाले भारतीय प्रवासी अब्दुल वाहिद और उस्मान को अपने वतन की मिट्टी की महक मलेशिया से खींच लाई है. यही कारण है कि लगभग 6000 किलोमीटर की यह यात्रा इन दोनों ने बाइक से की है.

अब्दुल वाहिद के पिता का दिल आजमगढ़ में ही बसता था
अब्दुल वाहिद के पिता लगभग 60 वर्ष पूर्व मलेशिया जाकर बस गए थे, लेकिन उनका दिल आजमगढ़ में ही बसता था. यही कारण है कि आज भी अब्दुल वाहिद को अपने वतन की मिट्टी की महक खींच लाती है. इन दोनों प्रवासी भारतीयों की रेसर बाइक को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.

मलेशिया से 6000 किलोमीटर बाइक चलाकर आए प्रवासी.

प्रवासी भारतीय अब्दुल वाहिद ने दी जानकारी
हमारे पिता आजमगढ़ जनपद के चकिया हुसैनाबाद के रहने वाले थे और लगभग 60 वर्ष पहले मलेशिया में जाकर बस गए. पिता के साथ हम लोग भी अपने वतन आजमगढ़ आते थे. यही कारण है कि आज भी अपने वतन की मिट्टी की महक हमें खींच लाती है. आज भी हम लोग आजमगढ़ आते हैं और यहां पर घूमते टहलते हैं. हम लोग 15 दिन में मलेशिया से थाईलैंड, म्यांमार, इंफाल, मणिपुर बिहार होते हुए 26 नवंबर को आजमगढ़ पहुंचे हैं. इंडिया इज द ग्रेट.

मोहम्मद फैजान ने जानकारी देते हुए कहा
अब्दुल वाहिद और उस्मान हमारे रिश्तेदार लगते हैं और जब भी हम लोग मलेशिया जाते हैं तो इन्हीं के घर पर रुकते हैं. ये लोग कई बार आजमगढ़ आए हैं. लेकिन पहली बार य लोग इतनी लंबी यात्रा बाइक से तय किए हैं. निश्चित रूप से हमारे इन रिश्तेदारों के आने के बाद हम लोगों के घर पर खुशी का माहौल है.

इसे भी पढ़ें-मेरठ के लाला लाजपत राय सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का बिजली कटी

आजमगढ़: जिले से लगभग 6000 किलोमीटर की दूरी पर रहने वाले भारतीय प्रवासी अब्दुल वाहिद और उस्मान को अपने वतन की मिट्टी की महक मलेशिया से खींच लाई है. यही कारण है कि लगभग 6000 किलोमीटर की यह यात्रा इन दोनों ने बाइक से की है.

अब्दुल वाहिद के पिता का दिल आजमगढ़ में ही बसता था
अब्दुल वाहिद के पिता लगभग 60 वर्ष पूर्व मलेशिया जाकर बस गए थे, लेकिन उनका दिल आजमगढ़ में ही बसता था. यही कारण है कि आज भी अब्दुल वाहिद को अपने वतन की मिट्टी की महक खींच लाती है. इन दोनों प्रवासी भारतीयों की रेसर बाइक को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.

मलेशिया से 6000 किलोमीटर बाइक चलाकर आए प्रवासी.

प्रवासी भारतीय अब्दुल वाहिद ने दी जानकारी
हमारे पिता आजमगढ़ जनपद के चकिया हुसैनाबाद के रहने वाले थे और लगभग 60 वर्ष पहले मलेशिया में जाकर बस गए. पिता के साथ हम लोग भी अपने वतन आजमगढ़ आते थे. यही कारण है कि आज भी अपने वतन की मिट्टी की महक हमें खींच लाती है. आज भी हम लोग आजमगढ़ आते हैं और यहां पर घूमते टहलते हैं. हम लोग 15 दिन में मलेशिया से थाईलैंड, म्यांमार, इंफाल, मणिपुर बिहार होते हुए 26 नवंबर को आजमगढ़ पहुंचे हैं. इंडिया इज द ग्रेट.

मोहम्मद फैजान ने जानकारी देते हुए कहा
अब्दुल वाहिद और उस्मान हमारे रिश्तेदार लगते हैं और जब भी हम लोग मलेशिया जाते हैं तो इन्हीं के घर पर रुकते हैं. ये लोग कई बार आजमगढ़ आए हैं. लेकिन पहली बार य लोग इतनी लंबी यात्रा बाइक से तय किए हैं. निश्चित रूप से हमारे इन रिश्तेदारों के आने के बाद हम लोगों के घर पर खुशी का माहौल है.

इसे भी पढ़ें-मेरठ के लाला लाजपत राय सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का बिजली कटी

Intro:anchor: आजमगढ़।( एक्सक्लूसिव )आजमगढ़ जनपद से लगभग 6000 किलोमीटर की दूरी पर रहने वाले प्रवासी भारतीय अब्दुल वाहिद व उस्मान को अपने वतन की मिट्टी की महक खींच लाई है और यही कारण है कि लगभग 6000 किलोमीटर की यह यात्रा इन दोनों लोगों ने बाइक से की है।


Body:वीओ: 1 ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए प्रवासी भारतीय अब्दुल वाहिद का कहना है कि हमारे पिता आजमगढ़ जनपद के चकिया हुसैनाबाद के रहने वाले थे और लगभग 60 वर्ष पहले मलेशिया में जाकर बस गए। पिता के साथ हम लोग भी अपने वतन आजमगढ़ आते थे और यही कारण है कि आज भी अपने वतन की मिट्टी की महक हमें खींच लाती है। यही कारण है कि आज भी हम लोग आजमगढ़ आते हैं और यहां पर घूमते टहलते हैं। अब्दुल वाहिद व उस्मान 15 दिन में मलेशिया से थाईलैंड म्यांमार इंफाल मणिपुर बिहार होते हुए आज 26 नवंबर को आजमगढ़ पहुंचे हैं उन्होंने कहा कि इंडिया इज द ग्रेट। ईटीवी से बातचीत करते हुए अब्दुल वाहिद के रिश्तेदार मोहम्मद फैजान का कहना है कि अब्दुल वाहिद वा उस्मान हमारे रिश्तेदार लगते हैं और जब भी हम लोग मलेशिया जाते हैं तो इन्हीं के घर पर रुकते हैं या लोग कई बार आजमगढ़ आए हैं पर पहली बार यह लोग इतनी लंबी यात्रा बाइक से तय किए हैं। निश्चित रूप से हमारे इन रिश्तेदारों के आने के बाद हम लोगों के घर पर खुशी का माहौल है।


Conclusion:बाइट: अब्दुल वाहिद प्रवासी भारतीय
बाइट: मोहम्मद फैजान अब्दुल वाहिद के रिश्तेदार
अजय कुमार मिश्र आजमगढ़ 9453766900

बताते चलें कि अब्दुल वाहिद के पिता लगभग 60 वर्ष पूर्व मलेशिया जाकर बस गए थे पर उनका दिल आजमगढ़ में ही बसता था यही कारण है कि आज भी अब्दुल वाहिद को अपने वतन की मिट्टी की महक खींच लाती है। इन दोनों प्रवासी भारतीयों की रेसर बाइक को देखने लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।
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