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आजमगढ़ के 12 वर्षीय वैभव ने बनाया 'नो टेरर इन इंडिया' नाम का गेम

यूपी के आजमगढ़ के 12 वर्षीय छात्र वैभव सिंह आजाद ने नो टेरर इन इंडिया नामक एक गेम बनाया है. वैभव को यह गेम बनाने की प्रेरणा अक्षय कुमार की हॉलीडे फिल्म देखने के बाद मिली. उनका कहना है कि यह यह गेम आतंकवाद से निपटने में मदद करेगा.

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Published : Nov 15, 2019, 2:42 AM IST

ईटीवी भारत ने वैभव सिंह से की बातचीत.

आजमगढ़: 12 वर्षीय छात्र वैभव सिंह आजाद ने 'नो टेरर इन इंडिया' नाम से एक गेम बनाया है. उनका कहना है कि यह गेम आतंकवाद से निपटने में मदद करेगा.

वैभव ने नो टेरर इन इंडिया गेम बनाया.


हॉलीडे फिल्म देखने के बाद इस गेम को बनाने की मिली प्रेरणा
वैभव सिंह आजाद ने बताया कि इसको बनाने की प्रेरणा हॉलीडे फिल्म देखने के बाद मिली. हॉलीडे फिल्म में जिस तरह से अक्षय कुमार लोगों को बचाते हैं. उसके बाद से आतंकवाद से निपटने के लिए एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाने के बारे में सोचा. कक्षा आठ में पढ़ने वाले वैभव सिंह का कहना है कि इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से लोगों की शूटिंग स्किल बढ़ेगी और जो भी लोग फौज में जाने का सपना देख रहे हैं, उनको अच्छी ट्रेनिंग मिलेगी. वैभव एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाना चाहते हैं जिससे आतंकवाद से भारत की सुरक्षा हो सके.

इसे भी पढ़ें:-प्रयागराजः आनंद भवन में मनाया गया पं नेहरू का 130 वां जन्मदिवस

अन्य बच्चों के लिए वैभव प्रेरणा का स्त्रोत
वैभव की मां अर्चना सिंह का कहना है कि लगभग डेढ़ वर्ष से वैभव ऐसा सॉफ्टवेयर बनाने में लगे हैं. वैभव सिंह के कंप्यूटर शिक्षक प्रयाग सिंह का कहना है कि वैभव यूनिक बच्चा है. वैभव ने पब्जी की तरह गेम बनाया है. यह हम लोगों के लिए बहुत गर्व की बात है. इसके साथ ही बहुत से छोटे बच्चों के लिए वैभव सिंह आजाद प्रेरणा का स्रोत भी है.

आजमगढ़: 12 वर्षीय छात्र वैभव सिंह आजाद ने 'नो टेरर इन इंडिया' नाम से एक गेम बनाया है. उनका कहना है कि यह गेम आतंकवाद से निपटने में मदद करेगा.

वैभव ने नो टेरर इन इंडिया गेम बनाया.


हॉलीडे फिल्म देखने के बाद इस गेम को बनाने की मिली प्रेरणा
वैभव सिंह आजाद ने बताया कि इसको बनाने की प्रेरणा हॉलीडे फिल्म देखने के बाद मिली. हॉलीडे फिल्म में जिस तरह से अक्षय कुमार लोगों को बचाते हैं. उसके बाद से आतंकवाद से निपटने के लिए एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाने के बारे में सोचा. कक्षा आठ में पढ़ने वाले वैभव सिंह का कहना है कि इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से लोगों की शूटिंग स्किल बढ़ेगी और जो भी लोग फौज में जाने का सपना देख रहे हैं, उनको अच्छी ट्रेनिंग मिलेगी. वैभव एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाना चाहते हैं जिससे आतंकवाद से भारत की सुरक्षा हो सके.

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अन्य बच्चों के लिए वैभव प्रेरणा का स्त्रोत
वैभव की मां अर्चना सिंह का कहना है कि लगभग डेढ़ वर्ष से वैभव ऐसा सॉफ्टवेयर बनाने में लगे हैं. वैभव सिंह के कंप्यूटर शिक्षक प्रयाग सिंह का कहना है कि वैभव यूनिक बच्चा है. वैभव ने पब्जी की तरह गेम बनाया है. यह हम लोगों के लिए बहुत गर्व की बात है. इसके साथ ही बहुत से छोटे बच्चों के लिए वैभव सिंह आजाद प्रेरणा का स्रोत भी है.

Intro:anchor: आजमगढ़। एक्सक्लूसिव ) भारत से आतंकवाद खत्म करने के लिए आजमगढ़ के 12 वर्षीय नन्हे सिपाही वैभव सिंह आजाद ने ' नो टेरर इन इंडिया 'नाम से एक ऐसा गेम बनाया है जो आतंकवाद से निपटने में मदद करेगा।


Body:वीओ:1ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में 12 वर्षीय नन्हे सिपाही वैभव सिंह आजाद ने बताया की इस सॉफ्टवेयर को बनाने के परिणाम हॉलीडे फिल्म देखने के बाद मिली हॉलीडे फिल्म में जिस तरह से अक्षय कुमार लोगों को बचाते हैं उसी के बाद से हमने भी आतंकवाद से निपटने के लिए एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाने के बारे में सोचा। कक्षा आठ में पढ़ने वाले वैभव सिंह का कहना है कि इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से लोगों की शूटिंग स्किल बढ़ेगी और जो भी व्यक्ति फौज में जाने का सपना देख रहे हैं उनको अच्छी ट्रेनिंग मिलेगी। वैभव ने बताया कि लगभग 95% फोन बच्चे ही यूज करते हैं और पाकिस्तान ने कैसा बनाया है जो लगातार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है बच्चे जैसे ही ऐड पर क्लिक करते हैं या विज्ञापन आतंकवाद के लिए प्रेरित करते हैं और बच्चों को आतंकवाद के लिए पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों उकसाते हैं। वैभव का कहना है कि पाकिस्तान ज्यादा भेजता नहीं बल्कि भारत में ही पैदा करना चाहता है। भारत को बचाने के लिए वैभव एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाना चाहते हैं जिससे आतंकवाद से भारत की सुरक्षा हो सके। वैभव की मां अर्चना सिंह का कहना है कि लगभग डेढ़ वर्ष से मेरा बेटा प्रयास कर रहा है और यह देश के लिए कैसा सॉफ्टवेयर बनाना चाहता है जिससे हमारा भारत देश सुरक्षित हो सके। वैभव सिंह के कंप्यूटर शिक्षक प्रयाग सिंह का कहना है कि विगत 15 वर्षों से मैं यहां पर पड़ा रहा हूं और मैंने यहां अनुभव किया है कि यह यूनिक बच्चा है वैभव ने जिस तरह से पब्जी की तरह गेम बनाया है वह साबित करता है क्या बहुत ही टेक्निकल बच्चा है और इसकी यही सोच इसे और आगे ले जाएगी। यह हम लोगों के लिए बहुत गर्व की बात है इसके साथ ही बहुत से छोटे बच्चों के लिए वैभव सिंह आजाद प्रेरणा का स्रोत भी हैं।


Conclusion:बाइट: वैभव सिंह आजाद नन्हा सिपाही
बाइट: अर्चना सिंह वैभव की मां
बाइट: प्रयाग सिंह वैभव का कंप्यूटर टीचर
अजय कुमार मिश्र आजमगढ़ 9453766900

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बताते चलें कि कक्षा आठ में पढ़ने वाले वैभव सिंह आजाद नन्हे सिपाही ने जिस तरह से भारत को आतंकवाद से सुरक्षित रखने के लिए नो टेरर इन इंडिया नाम से सॉफ्टवेयर नामक गेम बनाया है निश्चित रूप से यह युवा बच्चों के लिए प्रेरणा है।
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