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आजमगढ़: परिवहन विभाग की लापरवाही, पुरानी बसों को कर रहा संचालित

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में यात्री की सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रहा परिवहन विभाग लाखों यात्रियों की जिंदगी से खेल रहा है. कबाड़ हो चुकी बसों को कंडम घोषित करने के बजाय परिवहन विभाग इन्हें सड़कों पर दौड़ा रहा है. जिसके कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं.

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Published : Dec 8, 2019, 10:55 AM IST

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रोड पर धड़ल्ले से चल रही कंडम बसें

आजमगढ़: हाइटेक बस अड्डे से दो डिपो की बसें संचालित होती हैं. इसमें आजमगढ़ डिपो और डॉ. अम्बेडकर डिपो की कुल मिलाकर लगभग 130 बसें शामिल हैं. इस बस अड्डे से प्रदेश के अधिकतर जिलों के साथ ही राजधानी दिल्ली तक बस संचालित की जाती है. इनमें से कई बसें कंडम हो चुकी हैं फिर भी उनका संचालन महत्वपूर्ण मार्गों पर किया जा रहा है.

रोड पर धड़ल्ले से चल रही पुरानी बसें

खास बातें-

  • यात्री सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रहा परिवहन विभाग लाखों यात्रियों की जिंदगी से खेल रहा है.
  • कबाड़ हो चुके वाहनों को कंडम घोषित करने के बजाय परिवहन विभाग इन्हें सड़कों पर दौड़ा रहा है.
  • आए दिन हादसे होने के बाद भी परिवहन विभाग इन कंडम घोषित हो चुकी बसों का संचालन कर रहा है.
  • इन बसों में सीट और बस के महत्वपूर्ण पार्ट खराब होने के साथ बसों के गियर और स्टेयरिंग भी खराब है.
  • 20 से अधिक खराब बस को नीलाम करने की बजाय उन्हें मरम्मत कर संचालित किया जा रहा है.

यात्रियों की जान से हो रहा खिलवाड़-

आजमगढ़ से संचालित 20 से अधिक खराब बस को नीलाम करने के बजाय उन्हें मरम्मत करके उन्हें संचालित किया जा रहा है. इन बसों को चलाने वाले चालकों ने नौकरी का हवाला देकर कैमरे के सामने न आने की शर्त पर बताया कि जिस बस को वह चला रहे हैं उससे उनका हर रोज मौत से सामना होता है. जान हथेली पर रखकर व्यक्तियों को उनके मंजिल तक पहुंचाते हैं.

बसों की मरम्मत करवा दी गयी है. छ: बस ऐसी है जो नीलामी के योग्य हो गयी है. उन्हें जल्द ही हटाया जाएगा. वही बसों को रास्ते में चेक किया जाता है कि उनकी सीट फटी तो नहीं है और साथ ही वह खराब तो नहीं होंगी.
पीके तिवारी, क्षेत्रीय प्रबंधक

आजमगढ़: हाइटेक बस अड्डे से दो डिपो की बसें संचालित होती हैं. इसमें आजमगढ़ डिपो और डॉ. अम्बेडकर डिपो की कुल मिलाकर लगभग 130 बसें शामिल हैं. इस बस अड्डे से प्रदेश के अधिकतर जिलों के साथ ही राजधानी दिल्ली तक बस संचालित की जाती है. इनमें से कई बसें कंडम हो चुकी हैं फिर भी उनका संचालन महत्वपूर्ण मार्गों पर किया जा रहा है.

रोड पर धड़ल्ले से चल रही पुरानी बसें

खास बातें-

  • यात्री सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रहा परिवहन विभाग लाखों यात्रियों की जिंदगी से खेल रहा है.
  • कबाड़ हो चुके वाहनों को कंडम घोषित करने के बजाय परिवहन विभाग इन्हें सड़कों पर दौड़ा रहा है.
  • आए दिन हादसे होने के बाद भी परिवहन विभाग इन कंडम घोषित हो चुकी बसों का संचालन कर रहा है.
  • इन बसों में सीट और बस के महत्वपूर्ण पार्ट खराब होने के साथ बसों के गियर और स्टेयरिंग भी खराब है.
  • 20 से अधिक खराब बस को नीलाम करने की बजाय उन्हें मरम्मत कर संचालित किया जा रहा है.

यात्रियों की जान से हो रहा खिलवाड़-

आजमगढ़ से संचालित 20 से अधिक खराब बस को नीलाम करने के बजाय उन्हें मरम्मत करके उन्हें संचालित किया जा रहा है. इन बसों को चलाने वाले चालकों ने नौकरी का हवाला देकर कैमरे के सामने न आने की शर्त पर बताया कि जिस बस को वह चला रहे हैं उससे उनका हर रोज मौत से सामना होता है. जान हथेली पर रखकर व्यक्तियों को उनके मंजिल तक पहुंचाते हैं.

बसों की मरम्मत करवा दी गयी है. छ: बस ऐसी है जो नीलामी के योग्य हो गयी है. उन्हें जल्द ही हटाया जाएगा. वही बसों को रास्ते में चेक किया जाता है कि उनकी सीट फटी तो नहीं है और साथ ही वह खराब तो नहीं होंगी.
पीके तिवारी, क्षेत्रीय प्रबंधक

Intro:एंकर- यात्री सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रहा परिवहन विभाग लाखों यात्रियों की जिंदगी से खेल रहा है। कबाड़ हो चुके वाहनों को कंडम घोषित करने के बजाय विभाग इन्हें सड़क पर दौड़ा रहा है जिसके कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं ।


Body:वीवो1-आज़मगढ़ के हाइटेक बस अड्डे से दो डिपो की बस संचालित होती है इसमें आज़मगढ़ डिपो और डॉ अम्बेडकर डिपो की कुल मिलाकर लगभग 130 बसें शामिल है। इस बस अड्डे से प्रदेश के अधिकतर जिलों के साथ ही राजधानी दिल्ली तक बस संचालित की जाती है इनमें से कई बसे कंडम हो चुकी है फिर भी उनका संचालन महत्वपूर्ण मार्गो पर किया जाता है। इन बसों में न तो सही सीट है और ना ही बस के महत्वपूर्ण पार्ट सही है। गियर के साथ ही स्टेरिंग आदि काफी खराब हो चुकी है।

वीवो2- आज़मगढ़ से संचालित 20 से अधिक खराब बस को नीलाम करने के बजाय उन्हें मरम्मत करके उन्हें संचालित किया जा रहा है इन बसों को चलाने वाले चालको ने नौकरी का हवाला देकर कैमरे के सामने न आने की शर्त पर बताया कि जिस बस को वह चला रहे हैं वह मौत का सामान है जान हथेली पर रखकर व्यक्तियों को उनके मंजिल तक पहुंचाते हैं कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। वही विभाग के अधिकारी है कि झूठे दावे करने और सरकार झूठा वादा करने में व्यस्त हैं


Conclusion:वही आज़मगढ़ के क्षेत्रीय प्रबंधक पीके तिवारी के अनुसार सभी बसों की मरमत करवा दी गयी है। 6 बस ऐसी है जो नीलाम के योग्य हो गयी है उन्हें जल्द ही हटाया जाएगा। अधिकारी के दावे के अनुसार बसों को रास्ते मे चेक किया जाता है कि उनकी सीट फटी है कि नही वह खराब तो नही होंगी।


प्रत्युष सिंह
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