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आजमगढ़: प्राधिकरण को महंगी पड़ी एनजीटी के निर्देशों की अवहेलना, 3 कर्मचारी निलंबित - आजमगढ़ ताजा खबर

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में जिले के विकास प्राधिकरण द्वारा बरती जा रही शिथिलता की शिकायत कई बार जिले के डीएम व कमिश्नर से की गई. जिले की कमिश्नर ने विकास प्राधिकरण की अनियमितता की रिपोर्ट शासन को भेजी थी. इसी रिपोर्ट के आधार पर जिले के विकास प्राधिकरण के तीन कर्मियों को निलंबित किया गया है.

प्राधिकरण को महंगा पड़ा एनजीटी के निर्देशों की अवहेलना.
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Published : Nov 13, 2019, 11:14 PM IST

आजमगढ़: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देशों की अवहेलना करना आजमगढ़ विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों को महंगा पड़ गया. जिले की कमिश्नर कनकलता त्रिपाठी ने विकास प्राधिकरण की अनियमितता की शासन को भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर जिले के विकास प्राधिकरण के तीन कर्मियों को निलंबित कर दिया.

प्राधिकरण को महंगा पड़ा एनजीटी के निर्देशों की अवहेलना.

मीडिया से बातचीत करते हुए आजमगढ़ के जिलाधिकारी नागेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने तमसा नदी के किनारे फ्लड जोन में 50 मीटर की दूरी पर बने मकानों को चिन्हित करने का निर्देश दिया था. साथ ही 50 मीटर की दूरी पर इसके अंदर नए निर्माण पर रोक लगा रखी थी. आजमगढ़ विकास प्राधिकरण ने इस पूरे मामले पर शिथिलता बरती.

इसे भी पढ़ें- आजमगढ़: टिक-टॉक पर अश्लील वीडियो डालना पड़ा भारी, पुलिस ने भेजा जेल

इन मामलों की कई बार कमिश्नर से शिकायत भी की गई, जिसके बाद आजमगढ़ की कमिश्नर कनकलाता त्रिपाठी ने आजमगढ़ विकास प्राधिकरण की रिपोर्ट उत्तर प्रदेश शासन को भेजी थी. कमिश्नर की इसी रिपोर्ट को आधार बनाते हुए उत्तर प्रदेश शासन ने विकास प्राधिकरण के सचिव बाबू सिंह, सहायक अभियंता देव वचन राम और अपर अभियंता रामाशंकर प्रसाद को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही अयोध्या के कमिश्नर को जांच अधिकारी नामित किया है.

आजमगढ़: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देशों की अवहेलना करना आजमगढ़ विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों को महंगा पड़ गया. जिले की कमिश्नर कनकलता त्रिपाठी ने विकास प्राधिकरण की अनियमितता की शासन को भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर जिले के विकास प्राधिकरण के तीन कर्मियों को निलंबित कर दिया.

प्राधिकरण को महंगा पड़ा एनजीटी के निर्देशों की अवहेलना.

मीडिया से बातचीत करते हुए आजमगढ़ के जिलाधिकारी नागेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने तमसा नदी के किनारे फ्लड जोन में 50 मीटर की दूरी पर बने मकानों को चिन्हित करने का निर्देश दिया था. साथ ही 50 मीटर की दूरी पर इसके अंदर नए निर्माण पर रोक लगा रखी थी. आजमगढ़ विकास प्राधिकरण ने इस पूरे मामले पर शिथिलता बरती.

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इन मामलों की कई बार कमिश्नर से शिकायत भी की गई, जिसके बाद आजमगढ़ की कमिश्नर कनकलाता त्रिपाठी ने आजमगढ़ विकास प्राधिकरण की रिपोर्ट उत्तर प्रदेश शासन को भेजी थी. कमिश्नर की इसी रिपोर्ट को आधार बनाते हुए उत्तर प्रदेश शासन ने विकास प्राधिकरण के सचिव बाबू सिंह, सहायक अभियंता देव वचन राम और अपर अभियंता रामाशंकर प्रसाद को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही अयोध्या के कमिश्नर को जांच अधिकारी नामित किया है.

Intro:anchor: आजमगढ़। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एनजीटी के निर्देशों की अवहेलना करना आजमगढ़ विकास प्राधिकरण को महंगा पड़ गया। आजमगढ़ की कमिश्नर कनकलाता त्रिपाठी द्वारा आजमगढ़ विकास प्राधिकरण की अनियमितता की शासन को भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर आजमगढ़ विकास प्राधिकरण के तीन कर्मियों को निलंबित कर दिया गया।


Body:वीओ:1 मीडिया से बातचीत करते हुए आजमगढ़ के जिलाधिकारी नागेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने जो तमसा नदी के किनारे फ्लड जोन में 50 मीटर की दूरी पर बने मकानों को चिन्हित करने का निर्देश दिया था साथ ही 50 मीटर की पर इसके अंदर नए निर्माण पर रोक लगा रखी थी पर आजमगढ़ विकास प्राधिकरण ने इस पूरे मामले पर शिथिलता बरती। इन मामलों की कई बार कमिश्नर से शिकायत भी की गई जिसके बाद आजमगढ़ की कमिश्नर कनकलाता त्रिपाठी ने आजमगढ़ विकास प्राधिकरण की रिपोर्ट उत्तर प्रदेश शासन को भेज दी कमिश्नर की इसी रिपोर्ट को आधार बनाते हुए उत्तर प्रदेश शासन ने आजमगढ़ विकास प्राधिकरण के सचिव बाबू सिंह सहायक अभियंता देव वचन राम व अवर अभियंता रामाशंकर प्रसाद को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है और इसके साथ ही अयोध्या के कमिश्नर को जांच अधिकारी नामित किया है।


Conclusion:बाइट: नागेंद्र प्रताप सिंह जिलाधिकारी आजमगढ़
अजय कुमार मिश्र आजमगढ़ 9453766900

बताते चलें कि आजमगढ़ विकास प्राधिकरण द्वारा बरती जा रही शिथिलता की शिकायत कई बार आजमगढ़ के जिलाधिकारी व कमिश्नर से की गई। आजमगढ़ विकास प्राधिकरण पर समन शुल्क के साथ ही कई गंभीर आरोप लगे और इसी आरोपियों की रिपोर्ट उत्तर प्रदेश शासन को आजमगढ़ की कमिश्नर ने भेजी थी जिसके आधार पर विकास प्राधिकरण के तीनों कर्मियों को प्रदेश शासन ने निलंबित कर दिया।
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