आजमगढ़: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देशों की अवहेलना करना आजमगढ़ विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों को महंगा पड़ गया. जिले की कमिश्नर कनकलता त्रिपाठी ने विकास प्राधिकरण की अनियमितता की शासन को भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर जिले के विकास प्राधिकरण के तीन कर्मियों को निलंबित कर दिया.
मीडिया से बातचीत करते हुए आजमगढ़ के जिलाधिकारी नागेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने तमसा नदी के किनारे फ्लड जोन में 50 मीटर की दूरी पर बने मकानों को चिन्हित करने का निर्देश दिया था. साथ ही 50 मीटर की दूरी पर इसके अंदर नए निर्माण पर रोक लगा रखी थी. आजमगढ़ विकास प्राधिकरण ने इस पूरे मामले पर शिथिलता बरती.
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इन मामलों की कई बार कमिश्नर से शिकायत भी की गई, जिसके बाद आजमगढ़ की कमिश्नर कनकलाता त्रिपाठी ने आजमगढ़ विकास प्राधिकरण की रिपोर्ट उत्तर प्रदेश शासन को भेजी थी. कमिश्नर की इसी रिपोर्ट को आधार बनाते हुए उत्तर प्रदेश शासन ने विकास प्राधिकरण के सचिव बाबू सिंह, सहायक अभियंता देव वचन राम और अपर अभियंता रामाशंकर प्रसाद को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही अयोध्या के कमिश्नर को जांच अधिकारी नामित किया है.