आजमगढ़: एनजीटी के निर्देशों की अवहेलना के आरोप में जिले की कमिश्नर कनकलता त्रिपाठी द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर तीन कर्मचारियों को निलंबित किया गया है. आजमगढ़ विकास प्राधिकरण के निलंबित सचिव बाबू सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं.
ईटीवी भारत ने निलंबित सचिव से की खास बातचीत
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए आजमगढ़ विकास प्राधिकरण के निलंबित सचिव बाबू सिंह ने बताया कि आजमगढ़ की कमिश्नर कनकलता त्रिपाठी ने जिले के 2 बड़े निर्माण को सील करने का जो आरोप लगाया है. उस पर बड़े-बड़े लोगों का बहुत दबाव था. इसमें एक निर्माण मऊ रोड पर डॉक्टर सुभाष सिंह का है, जो कि एक हॉस्पिटल है. इसको कई बार रुकवाया गया, लेकिन इस मामले की पैरवी आजमगढ़ के एक बड़े पुलिस अधिकारी कर रहे थे. जबकि करतारपुर चौराहे पर स्थित जीडी ग्लोबल स्कूल की पैरवी आरएसएस कर रहा था. जिस कारण इन दोनों निर्माणों को आजमगढ़ विकास प्राधिकरण ने सील नहीं किया.
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एनजीटी ने जनपद में तमसा नदी से 50 मीटर की दूरी पर बने मकानों को चिन्हित करने का निर्देश दिया गया था. इसमें कई बार आजमगढ़ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने इन मकानों को चिन्हित भी किया, लेकिन इसके बावजूद भी इन अवैध निर्माणों को रोकने में आजमगढ़ विकास प्राधिकरण असफल रहा. इसके कारण आजमगढ़ की कमिश्नर कनकलता त्रिपाठी ने इस रिपोर्ट को शासन को भेज दिया. इसके कारण आजमगढ़ विकास प्राधिकरण के सचिव बाबू सिंह, सहायक अभियंता देव बचन राम,और अपर अभियंता रामाशंकर प्रसाद को बुधवार शाम निलंबित कर दिया गया था.