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Azamgarh Bypoll: डिंपल यादव की चर्चाओं पर लगा ब्रेक, सुशील आनन्द हो सकते हैं सपा के उम्मीदवार - Azamgarh Lok Sabha seat

समाजवादी पार्टी आजमगढ़ लोकसभा सीट (Azamgarh Lok Sabha seat) पर होने वाले उपचुनाव में पूर्व सांसद बलिहारी बाबू (Former MP Balihari Babu) के बेटे सुशील को प्रत्याशी बना सकती है. इस सीट पर डिंपल यादव के भी चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे थे.

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सुशील आनन्द हो सकते हैं सपा के उम्मीदवार
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Published : Jun 3, 2022, 5:18 PM IST

Updated : Jun 3, 2022, 5:36 PM IST

आजमगढ़: लोकसभा उपचुनाव (Lok Sabha by-election) को लेकर आजमगढ़ जिले में भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक अपने पत्ते तो नहीं खोली हैं. लेकिन समाजवादी पार्टी ने शुक्रवार को पूर्व सांसद बलिहारी बाबू (Former MP Balihari Babu) के बेटे सुशील आनंद के टिकट पर पार्टी ने मुहर लगा दी. बस औपचारिक घोषणा ही बाकी है. वहीं, सूत्रों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी से दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' की दावेदारी पक्की मानी जा रही है.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से आजमगढ़ संसदीय सीट छोड़ने के बाद हो रहे उपचुनाव में नामांकन की प्रक्रिया चल रही है. अब नामांकन के लिए मात्र तीन दिन का समय बचा है. वही, केवल बसपा से शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को पार्टी ने अधिकृत प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल भी कर चुके हैं.

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सुशील आनन्द
समाजवादी पार्टी से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव द्वारा आजमगढ़ की विरासत संभालने की चर्चा जोरों पर थी. वहीं, शुक्रवार को इस चर्चा पर विराम लग गया. समाजवादी पार्टी आलाकमान ने इस सीट पर पूर्व सासंद बलिहारी बाबू के बेटे सुशील आनंद के नाम पर मुहर लगा दी है और नेताओं को मैसेज भी आ गये हैं. बस औपचारिक घोषणा ही बाकी है.

दरअसल समाजवादी पार्टी जिले में सुशील आनन्द के नाम पर मुहर लगाकर अपने ऊपर लग रहे एक तरफ जहां परिवार वाद और यादववाद के आरोपों से छुटकारा पाना चाहती है, वहीं, दूसरी तरफ बलिहारी बाबू की मौत के बाद सहानुभुति के आधार पर दलित मतों को प्राप्त करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि दलित उम्मीदवार के जरिए यादव और मुस्लिम वोट बैंक की एकजुटता बरकरार रखने के साथ ही दलित वोट बैंक को भी जोड़ने की कोशिश की जा सकती है. सपा ने अगर सुनील आनंद को टिकट दे दिया यह शायद पहली बार होगा जब सपा ने किसी दलित प्रत्याशी को लोकसभा का टिकट दिया होगा.

इसे भी पढ़ेंः डिंपल नहीं जयंत चौधरी सपा से जाएंगे राज्यसभा, आजमगढ़ से लोकसभा उप-चुनाव लड़ सकती हैं डिंपल

दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी प्रेशर और इशारों की राजनीत हो रही है. यहां दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' पिछले चार दिनों से जिले में लगातार भ्रमण कर रहे हैं. वे भाजपा के लिए वोट मांग रहे हैं. लेकिन अपने टिकट के प्रति आश्वस्त नजर नहीं आ रहे हैं. इस बीच दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' ने अपने फेसबुक और ट्वीटर पर पोस्टर जारी कर कमल पर वोट करने की अपील की है. जारी पोस्टर पर ’जाति धरम ना कवनो भरम ना कवनो मनबढ़ के लिए, कमल के बटन दबईह भैया अपने आजमगढ़ के लिए’ लिखा है.

इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि दिनेश लाल यादव को भाजपा ने इशारा किया है या फिर दिनेश लाल यादव भाजपा पर प्रेशर बनाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, भाजपा के सूत्र बता रहे हैं कि पार्टी की कार्यकारिणी बैठक में दिनेश लाल यादव के नाम पर पार्टी ने मुहर लगा दी है. शुक्रवार की देर शाम या फिर शनिवार की सुबह तक पार्टी इसका औपचारिक ऐलान कर सकती है.

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आजमगढ़: लोकसभा उपचुनाव (Lok Sabha by-election) को लेकर आजमगढ़ जिले में भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक अपने पत्ते तो नहीं खोली हैं. लेकिन समाजवादी पार्टी ने शुक्रवार को पूर्व सांसद बलिहारी बाबू (Former MP Balihari Babu) के बेटे सुशील आनंद के टिकट पर पार्टी ने मुहर लगा दी. बस औपचारिक घोषणा ही बाकी है. वहीं, सूत्रों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी से दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' की दावेदारी पक्की मानी जा रही है.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से आजमगढ़ संसदीय सीट छोड़ने के बाद हो रहे उपचुनाव में नामांकन की प्रक्रिया चल रही है. अब नामांकन के लिए मात्र तीन दिन का समय बचा है. वही, केवल बसपा से शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को पार्टी ने अधिकृत प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल भी कर चुके हैं.

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सुशील आनन्द
समाजवादी पार्टी से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव द्वारा आजमगढ़ की विरासत संभालने की चर्चा जोरों पर थी. वहीं, शुक्रवार को इस चर्चा पर विराम लग गया. समाजवादी पार्टी आलाकमान ने इस सीट पर पूर्व सासंद बलिहारी बाबू के बेटे सुशील आनंद के नाम पर मुहर लगा दी है और नेताओं को मैसेज भी आ गये हैं. बस औपचारिक घोषणा ही बाकी है.

दरअसल समाजवादी पार्टी जिले में सुशील आनन्द के नाम पर मुहर लगाकर अपने ऊपर लग रहे एक तरफ जहां परिवार वाद और यादववाद के आरोपों से छुटकारा पाना चाहती है, वहीं, दूसरी तरफ बलिहारी बाबू की मौत के बाद सहानुभुति के आधार पर दलित मतों को प्राप्त करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि दलित उम्मीदवार के जरिए यादव और मुस्लिम वोट बैंक की एकजुटता बरकरार रखने के साथ ही दलित वोट बैंक को भी जोड़ने की कोशिश की जा सकती है. सपा ने अगर सुनील आनंद को टिकट दे दिया यह शायद पहली बार होगा जब सपा ने किसी दलित प्रत्याशी को लोकसभा का टिकट दिया होगा.

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दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी प्रेशर और इशारों की राजनीत हो रही है. यहां दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' पिछले चार दिनों से जिले में लगातार भ्रमण कर रहे हैं. वे भाजपा के लिए वोट मांग रहे हैं. लेकिन अपने टिकट के प्रति आश्वस्त नजर नहीं आ रहे हैं. इस बीच दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' ने अपने फेसबुक और ट्वीटर पर पोस्टर जारी कर कमल पर वोट करने की अपील की है. जारी पोस्टर पर ’जाति धरम ना कवनो भरम ना कवनो मनबढ़ के लिए, कमल के बटन दबईह भैया अपने आजमगढ़ के लिए’ लिखा है.

इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि दिनेश लाल यादव को भाजपा ने इशारा किया है या फिर दिनेश लाल यादव भाजपा पर प्रेशर बनाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, भाजपा के सूत्र बता रहे हैं कि पार्टी की कार्यकारिणी बैठक में दिनेश लाल यादव के नाम पर पार्टी ने मुहर लगा दी है. शुक्रवार की देर शाम या फिर शनिवार की सुबह तक पार्टी इसका औपचारिक ऐलान कर सकती है.

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Last Updated : Jun 3, 2022, 5:36 PM IST
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