आजमगढ़: वर्ष 2016 में स्थापित की गई सठियांव चीनी मील लगातार घाटे में चल रही थी. घाटे का यह स्तर लगातार बढ़ता जा रहा था और चीनी मिल के जीएम पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप भी लगते रहे. वहीं 15 दिन पहले चीनी मिल के जीएम सहित कई अधिकारियों को निलंबित भी किया गया, जिसके बाद चीनी मिल की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है. यह जनपद के किसानों के लिए अच्छी खबर है.
बिजली का उत्पादन बढ़ाकर बेची जाएगी बिजली
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए सठियांव चीनी मिल के जीएम प्रताप नारायण सिंह का कहना है कि विगत वर्ष जहां इसी मिल में बिजली का उत्पादन 10607 मेगावाट होता था. वहीं 2020 में बढ़कर 11500 मेगावाट हो गया है, जो चीनी मिल के लिए काफी सुखद संकेत है. जीएम का कहना है कि अभी तक चीनी मिल में 35,000 कुंटल गन्ने की पेराई होती थी, जो बढ़कर 36000 हो गई है.
उन्होंने बताया कि इससे किसानों का समय से पहले गन्ना भी खत्म हो सकेगा और इसका फायदा किसानों को भी मिलेगा. जीएम का कहना है कि बिजली का उत्पादन बढ़ाकर बिजली बेची जाएगी, जिससे जल्दी ही यह चीनी मिल घाटे से फायदे में आ जाएगी.
चीनी मिल से किसानों को जगी उम्मीद
जनपद की सठियांव चीनी मिल अपनी स्थापना के बाद से लगातार घाटे में चल रही थी और इसके लिए काफी हद तक यहां का प्रबंध तंत्र भी जिम्मेदार था. अब ऐसे में जब यहां के भ्रष्टाचारी अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. एक बार फिर इस चीनी मिल से जनपद के किसानों को उम्मीद जगी है.
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