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आजमगढ़ में लूट और हत्या के तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा - robbery and murder accused

आजमगढ़ जिला न्यायालय ने लूट और हत्या को मामले में 25 साल बाद दोषियों का उम्र कैद के साथ 20 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है.

आजमगढ़ कोर्ट
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Published : Aug 25, 2022, 10:39 PM IST

आजमगढ़: साड़ी व्यापारी से लूट व हत्या (robbery and murder from sari trader) के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद गुरूवार को 25 साल बाद अपर सत्र न्यायधीश कोर्ट नंबर एक बीडी भारती की अदालत ने तीन दोषियों को आजीवन कारावास तथा 20-20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है.


अभियोजन पक्ष के अनुसार मुबारकपुर कस्बे के शाहमुहम्मदपुर निवासी हसन अली साड़ी का व्यापार करता था. हसन अली अन्य व्यापारियों के साथ 25 जनवरी 2000 की रात आठ बजे वाराणसी से माल बेचकर घर आ रहा था. तब घर के पास ही शमीम अहमद निवासी कोइरियापार थाना मोहम्मदाबाद जनपद मऊ, शफीक उर्फ अब्दुल वाहिद निवासी पूरा दुल्हन तथा बबलू उर्फ इनामुल हक निवासी पूरा दुल्हन थाना मुबारकपुर ने हसन अली को रोक लिया उसके साथ लूटपाट की. विरोध करने पर हसन अली को गोली मार दी. इससे मौके पर ही हसन अली की मृत्यु हो गई. इस मामले में मृतक हसन अली के बाबा हाजी सज्जाद ने मुबारकपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद मामले में चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित कर दिया.


यह भी पढ़ें:नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले पिता को फांसी की सजा, निकाह के बाद भी कर रहा था शोषण

अभियोजन पक्ष की तरफ से शासकीय अधिवक्ता जगदंबा प्रसाद पांडेय ने सैयद अली सहित सात लोगों को बतौर साक्षी न्यायालय में परीक्षित कराया. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी शमीम अहमद, बबलू उर्फ इनामुल हक, शफीक उर्फअब्दुल वाहिद को आजीवन कारावास तथा बीस बीस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई.

यह भी पढ़ें:कासगंज में न्याय की आस में बरसों से भटक रहे...पढ़िए ये खबर

आजमगढ़: साड़ी व्यापारी से लूट व हत्या (robbery and murder from sari trader) के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद गुरूवार को 25 साल बाद अपर सत्र न्यायधीश कोर्ट नंबर एक बीडी भारती की अदालत ने तीन दोषियों को आजीवन कारावास तथा 20-20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है.


अभियोजन पक्ष के अनुसार मुबारकपुर कस्बे के शाहमुहम्मदपुर निवासी हसन अली साड़ी का व्यापार करता था. हसन अली अन्य व्यापारियों के साथ 25 जनवरी 2000 की रात आठ बजे वाराणसी से माल बेचकर घर आ रहा था. तब घर के पास ही शमीम अहमद निवासी कोइरियापार थाना मोहम्मदाबाद जनपद मऊ, शफीक उर्फ अब्दुल वाहिद निवासी पूरा दुल्हन तथा बबलू उर्फ इनामुल हक निवासी पूरा दुल्हन थाना मुबारकपुर ने हसन अली को रोक लिया उसके साथ लूटपाट की. विरोध करने पर हसन अली को गोली मार दी. इससे मौके पर ही हसन अली की मृत्यु हो गई. इस मामले में मृतक हसन अली के बाबा हाजी सज्जाद ने मुबारकपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद मामले में चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित कर दिया.


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अभियोजन पक्ष की तरफ से शासकीय अधिवक्ता जगदंबा प्रसाद पांडेय ने सैयद अली सहित सात लोगों को बतौर साक्षी न्यायालय में परीक्षित कराया. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी शमीम अहमद, बबलू उर्फ इनामुल हक, शफीक उर्फअब्दुल वाहिद को आजीवन कारावास तथा बीस बीस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई.

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