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आजमगढ़: नदियों में बहा प्रसाशन की 'बाढ़ राहत सामग्री' का आलू-प्याज - घाघरा की बाढ़ से त्राहि-त्राहि मची

यूपी के आजमगढ़ में प्रशासनिक लापरवाही के कारण बाढ़ पीड़ितों में बांटी जाने वाली राहत सामग्री के आलू-प्याज के पैकेट सड़ रहे हैं. जिन्हें नदियों में बहाया जा रहा है. अगर समय रहते यह पैकेट बाढ़ पीड़ितों को बांट दिए गए होते तो शायद उन्हें भूखा नहीं सोना पड़ता.

आजमगढ़ में प्रशासनिक लापरवाही.
आजमगढ़ में प्रशासनिक लापरवाही.
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Published : Sep 7, 2020, 3:25 PM IST

आजमगढ़: जिले के सगड़ी तहसील क्षेत्र के देवरांचल में घाघरा की बाढ़ से त्राहि-त्राहि मची हुई है. यहां किसानों की फसलें बाढ़ में बर्बाद हो चुकी हैं. बाढ़ से परेशान कई लोग अपने घरों से पलायन कर चुके हैं. बावजूद इसके प्रशासन इन सबके प्रति लापरवाह बना हुआ है. प्रशासनिक लापरवाही का आलम यह कि बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री में बांटने के लिए आए आलू-प्याज के पैकेट सड़ने के बाद नदी में फेंकें जा रहे हैं. इनमें से सैकड़ों पैकेट आलू-प्याज बंधे के किनारे पड़े दिखे तो कई नदी की धारा में तैरते नजर आए. वहीं, इस बारे में सवाल करने पर प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि यह पैकेट सरकारी राहत सामग्री के नहीं बल्कि दुकानदारों के हैं.

प्रशासनिक लापरवाही के कारण सड़ रही है राहत सामग्री.

मुख्य बातें:-

  • आजमगढ़ में घाघरा नदी में आई बाढ़ से 180 से ज्यादा गांवों के लोग परेशान हैं.
  • राहत सामग्री में बांटने के लिए आए आलू-प्याज के पैकेट नदी किनारे पड़े मिले.

घाघरा नदी की बाढ़ से है बुरा हाल

आजमगढ़ के देवरांचल से गुजरने वाली घाघरा नदी पिछले दो माह से कहर बरपा रही है. यहां कई घर और स्कूल की बाउंड्री नदी की धारा में विलीन हो चुके हैं. जिले के देवारा क्षेत्र के 180 गांवों के लोग बाढ़ की त्रासदी झेल रहे हैं. प्रशासन की लापरवाही से 2 अगस्त को बदरूहा नाले के पास बना रिंग बांध टूट गया था. जिससे लोगों को भारी क्षति हुई. इसके बावजूद भी प्रशासन नहीं चेता और प्रशासनिक लापरवाही के चलते एक सप्ताह पूर्व गांगेपुर के पास भी रिंग बांध टूट गया.

प्रशासनिक अधिकारियों के कानों पर नहीं रेंग रही जूं

जहां एक ओर लोग बाढ़ की वजह से परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही. ताजा मामला बाढ़ राहत सामग्री में बांटने के लिए लाए गए आलू-प्याज के पैकेट को नदी में फेंकने का है. जहां एक ओर क्षेत्र के लोग आर्थिक तंगी के कारण दैनिक उपयोग की वस्तुएं नहीं खरीद पा रहे हैं, वहीं 4 दिन पहले भारी मात्रा में आलू और प्याज के पैकेट घाघरा नदी में फेंक दिए गए. कई कुंतल आलू और प्याज बेलहिया ढाल के पास बंधे किनारे सड़ते हुए मिले. लेकिन इस तरफ किसी जिम्मेदार की निगाह नहीं पड़ी है.

क्या बोले जिम्मेदार

वहीं इस पूरे मामले पर तहसीलदार सगड़ी विजेंद्र उपाध्याय ने फोन पर बताया कि बंधे के पास फेंका गया आलू-प्याज के पैकेट सरकारी नहीं है. सड़ने के बाद दुकानदारों ने यह पैकेट फेंके हैं. सरकारी राहत सामग्री लोगों तक पहुंचाई जा रही है.

देवरांचल में रहने वाले लोग कई वर्षों से बाढ़ की समस्या के स्थाई समाधान की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि जब भी बाढ़ आती है तो प्रशासन उसके प्रति गंभीर नहीं होता है.

आजमगढ़: जिले के सगड़ी तहसील क्षेत्र के देवरांचल में घाघरा की बाढ़ से त्राहि-त्राहि मची हुई है. यहां किसानों की फसलें बाढ़ में बर्बाद हो चुकी हैं. बाढ़ से परेशान कई लोग अपने घरों से पलायन कर चुके हैं. बावजूद इसके प्रशासन इन सबके प्रति लापरवाह बना हुआ है. प्रशासनिक लापरवाही का आलम यह कि बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री में बांटने के लिए आए आलू-प्याज के पैकेट सड़ने के बाद नदी में फेंकें जा रहे हैं. इनमें से सैकड़ों पैकेट आलू-प्याज बंधे के किनारे पड़े दिखे तो कई नदी की धारा में तैरते नजर आए. वहीं, इस बारे में सवाल करने पर प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि यह पैकेट सरकारी राहत सामग्री के नहीं बल्कि दुकानदारों के हैं.

प्रशासनिक लापरवाही के कारण सड़ रही है राहत सामग्री.

मुख्य बातें:-

  • आजमगढ़ में घाघरा नदी में आई बाढ़ से 180 से ज्यादा गांवों के लोग परेशान हैं.
  • राहत सामग्री में बांटने के लिए आए आलू-प्याज के पैकेट नदी किनारे पड़े मिले.

घाघरा नदी की बाढ़ से है बुरा हाल

आजमगढ़ के देवरांचल से गुजरने वाली घाघरा नदी पिछले दो माह से कहर बरपा रही है. यहां कई घर और स्कूल की बाउंड्री नदी की धारा में विलीन हो चुके हैं. जिले के देवारा क्षेत्र के 180 गांवों के लोग बाढ़ की त्रासदी झेल रहे हैं. प्रशासन की लापरवाही से 2 अगस्त को बदरूहा नाले के पास बना रिंग बांध टूट गया था. जिससे लोगों को भारी क्षति हुई. इसके बावजूद भी प्रशासन नहीं चेता और प्रशासनिक लापरवाही के चलते एक सप्ताह पूर्व गांगेपुर के पास भी रिंग बांध टूट गया.

प्रशासनिक अधिकारियों के कानों पर नहीं रेंग रही जूं

जहां एक ओर लोग बाढ़ की वजह से परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही. ताजा मामला बाढ़ राहत सामग्री में बांटने के लिए लाए गए आलू-प्याज के पैकेट को नदी में फेंकने का है. जहां एक ओर क्षेत्र के लोग आर्थिक तंगी के कारण दैनिक उपयोग की वस्तुएं नहीं खरीद पा रहे हैं, वहीं 4 दिन पहले भारी मात्रा में आलू और प्याज के पैकेट घाघरा नदी में फेंक दिए गए. कई कुंतल आलू और प्याज बेलहिया ढाल के पास बंधे किनारे सड़ते हुए मिले. लेकिन इस तरफ किसी जिम्मेदार की निगाह नहीं पड़ी है.

क्या बोले जिम्मेदार

वहीं इस पूरे मामले पर तहसीलदार सगड़ी विजेंद्र उपाध्याय ने फोन पर बताया कि बंधे के पास फेंका गया आलू-प्याज के पैकेट सरकारी नहीं है. सड़ने के बाद दुकानदारों ने यह पैकेट फेंके हैं. सरकारी राहत सामग्री लोगों तक पहुंचाई जा रही है.

देवरांचल में रहने वाले लोग कई वर्षों से बाढ़ की समस्या के स्थाई समाधान की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि जब भी बाढ़ आती है तो प्रशासन उसके प्रति गंभीर नहीं होता है.

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