आज़मगढ़ : रौनापार थाना क्षेत्र के पलिया गांव में करीब एक सप्ताह पूर्व हुए पुलिस के जवानों पर हमले व आरोपियों के घरों में तोड़फोड़ के मामले में प्रियंका गांधी वाड्रा के ट्वीट के बाद जिले का राजनीतिक पारा गर्म हो गया. एक तरफ जहां कांग्रेस पार्टी इस मामले को लेकर दलितों के साथ धरने पर बैठ गयी है, वहीं पुलिस अधीक्षक का कहना है कि पुलिस पर हमला हुआ है. इस मामले में राजनीति उचित नहीं है.
रौनापार थाना क्षेत्र के पलिया गांव में 29 जून की शाम को गांव के ही बंगाली नाम के एक डाक्टर से कुछ लोगों का विवाद हो गया. सूचना के बाद नजदीक के पिकेट पर ड्युटी कर रहे दो पुलिस के जवान मौके पर पहुंचे. आरोप है कि इस दौरान गांव के ग्राम प्रधान व उनके गुर्गों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया. इस हमले में दो पुलिसकर्मी घायल हुए जिसमें से एक की हालत अब भी गंभीर है. पुलिस पर हमले के बाद देर रात पुलिस ने दलित बस्ती की घेराबंदी की और आरोपियों की तलाश की.
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आरोपियों के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनके घरों में लूटपाट के साथ मकान में थोड़फोड़ भी की. पुलिस की कार्रवाई को देखकर ग्रामीण सहम गए. इसके बाद पुरूष व बच्चे घर छोड़कर भाग गए. दूसरे दिन पुलिस ने 28 नामजद व 135 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. इसके बाद कांग्रेस ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. दलित बस्ती में धरने पर बैठ गए. पिछले कई दिनों से कांग्रेस पार्टी दर्ज मुकदमें को वापस लेने और दोषी पुलिसकर्मीयों पर कार्रवाई की मांग कर रही है. इसी को लेकर सोमवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया तो हडकंप मच गया.
वहीं, पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि पुलिस मौके पर विवाद सुलझाने गयी थी. लेकिन ग्राम प्रधान और उसके गुर्गों ने पुलिस टीम पर हमला किया. इस हमले में दो सिपाही घायल हो गए. एक सिपाही की हालत आज भी गंभीर बनी हुई है. उन्होंने कहा कि पुलिस टीम पर हमला करने वाले ग्राम प्रधान और उसके गुर्गों के खिलाफ गैगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गयी है. कहा कि पुलिस पर हमला हुआ और कुछ लोग राजनीति कर रहे हैं. यह कहीं से भी उचित नहीं है.