आजमगढ़ः जिले के वीर सपूत विवेक तिवारी देश की सेवा करते हुए वीर गति को प्राप्त हो गये. पड़ोसी देश बांग्लादेश की सीमा पर रविवार की देर रात जारी सर्च ऑपरेशन के दौरान बांग्लादेशी घुसपैठियों से मुठभेड़ हो गई. जिसमें जिले की माटी के लाल विवेक तिवारी ने अपने प्राणों की आहूति दे दी.
आज उनका शव उनके पैतृक गांव पहुंचा, तो उनके अंतिम दर्शन के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा. लोगों ने नम आंखों से शहीद जवान को विदाई दी. इस दौरान पूरा क्षेत्र भारत माता की जय, वंदेमातर से गूंज उठा. सगड़ी तहसील के बिलरियागंज क्षेत्र के महुवी शेरपुर गांव में हरिनारायण तिवारी की संतान के रूप में जन्मे 24 वर्षीय विवेक तिवारी करीब दो वर्ष पूर्व सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में नियुक्त हुए.
जम्मू-कश्मीर में तैनाती के दौरान करीब सात महीने पहले उनका स्थानांतरण पश्चिम बंगाल प्रांत में हो गया. रविवार की देर रात करीब एक बजे पश्चिम बंगाल से सटे बांग्लादेशी सीमा पर सर्च ऑपरेशन के दौरान बीएसएफ जवान विवेक तिवारी की अपनी टीम के साथ बांग्लादेशी घुसपैठियों से मुठभेड़ हुई. जिसमें गंभीर रूप से घायल होने की वजह से सुरक्षाकर्मी विवेक बलिदान हो गए. बीएसएफ अधिकारियों ने ये दुखद सूचना बलिदानी परिवार को दी.
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विवेक तिवारी के शहीद होने की जानकारी के बाद पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई. मंगलवार को दोपहर बाद सेना के जवान पार्थिंव शव को लेकर घर पहुंचे, तो परिजनों में चीख, पुकार मच गई. शहीद के शव के आने की जानकारी के बाद क्षेत्र के लोगों का उनके घर पर जनसैलाब उमड़ पड़ा. सभी लोगों ने शहीद जवान विवेक तिवारी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की.