आजमगढ़ : जिले में दहेज में कार न मिलने पर ससुरालियों ने विवाहिता को जलाकर मार डाला था. घटना साल 2014 में हुई थी. पुलिस ने ससुरालियों पर मुकदमा दर्ज किया था. सुनवाई कोर्ट में चल रही थी. मंगलवार को कोर्ट ने आरोपी सास, ससुर और पति को दोषी करार देते हुए आठ साल की सजा सुनाई. इसके अलावा ढाई हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया. यह फैसला जिला और सत्र न्यायाधीश संजीव शुक्ला ने सुनाया.
अभियोजन पक्ष के अनुसार प्रकाश चंद्र शुक्ला निवासी आतापुर थाना तहबरपुर की पुत्री प्रियंका का विवाह वर्ष 2009 में अवनीश तिवारी पुत्र लालमनि तिवारी निवासी करनपुर इटौरा थाना अहरौला के साथ हुआ था. प्रियंका की विदाई शादी के समय नहीं हुई थी. शादी के तीन साल बाद गौने के समय ससुरालियों की तरफ से मायके वालों से दहेज के रूप में कार की मांग की गई. किसी तरह रिश्तेदारों के समझाने पर विदाई हुई थी. दहेज की मांग को लेकर ससुराल में प्रियंका का उत्पीड़न जारी रहा.
ससुराली कार की जिद पर अड़े थे. 13 जून 2014 को ससुराल में प्रियंका की जलाकर हत्या कर दी गई. पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद पति अवनीश , सास उर्मिला और ससुर लालमनी के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित किया. अभियोजन पक्ष की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता प्रियदर्शी पियूष त्रिपाठी, शिवाश्रय राय और आनंद सिंह ने कुल 11 गवाहों को न्यायालय में पेश किया. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी पति अवनीश, सास उर्मिला और ससुर लालमनी को आठ वर्ष के कारावास और ढाई हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.
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