आजमगढ़: कौन बनेगा करोड़पति के 15वें एपिसोड में जिले के जसलीन ने एक करोड़ रुपए जीते है. जसलीन की सफलता पर परिजनों व ग्रामीणों में खुशी का माहौल है. इनाम जीतने के बाद घर लौटने पर जसलीन का जोरदार स्वागत किया गया. वहीं, इनाम की राशि से जसलीन ने अपने कच्चे मकान को पक्का कराने की बात कही है. जसलीन कुमार मूलरूप से जिले के रानी की सराय ब्लॉक अंतर्गत आवंक गांव के निवासी हैं. गौरतलब है कि जसलीन जब केबीसी के सेट पर थे तो एक प्रशन के उत्तर के दौरान जसलीन ने अमिताभ बच्चन से कहा कि उन्हें ठंड लग रही है. इस पर अमिताभ बच्चन ने एक जैकेट निकाल कर जसलीन को पहनने के लिए दे दी.
12 साल बाद सपना हुआ पूराः बता दें कि आंवक गांव निवासी जसलीन साधारण परिवार से है. उसके पिता रामसूरत मोटर मैकेनिक है. जसलीन ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण स्नातक की पढ़ाई पूरी नहीं कर सके थे. इसीलिए अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए कपड़े के शोरूम में बतौर सेल्समैन काम करना शुरू कर दिया था. जसलीन ने बताया कि उनको पता था केबीसी की हॉट सीट पर पहुंच कर ही वह अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधार सकते हैं. इसीलिए जॉब के साथ केबीसी की तैयारी शुरू कर दी. इसी दौरान केबीसी में प्रतिभाग करने के लिए नाम आने पर चले गए. जहां 15 वें एपिसोड में उन्होंने एक करोड़ रूपए का इनाम जीता. वहीं, जसलीन ने बताया कि केबीसी की हॉटसीट तक पहुंचने में उन्हे 12 साल लग गए.
केबीसी की तैयारी के लिए छोड़ी नौकरीः जसलीन ने बताया कि केबीसी की तैयारी के लिए उन्होंने अपनी नौकरी से भी रिजाइन दे दिया था. क्योंकि उनकों ज्यादा समय केबीसी की तैयारी में देना था. उन्होंने बताया कि केबीसी के एक करोड़ रुपए और सात करोड़ रुपए के सवाल के लिए वह नोटबुक बनाते थे. वहीं, उनकी प्राथमिक शिक्षा शहर के नवीन सरस्वती शिशु मंदिर से हुई है. समाचर पत्रों के माध्यम से सामान्य ज्ञान को मजबूत किया है. जसलीन ने बताया कि जब वह मुम्बई केबीसी प्रोग्राम में पहुंचे तो सेट पर तापमान काफी कम था. जिसमें उन्हे ठंड लग रही थी और हाथ अच्छे से काम नहीं कर रहे थे. यह बात उन्होंने अमिताभ बच्चन को बताई. इस पर अमिताभ बच्चन ने अपनी जैकेट उताकर जसलीन को उपहार के तौर पर दे दी. जसलीन का कहना है कि अमिताभ बच्चन से जैकेट मिलना और उनके द्वारा गले लगाए जाने का पल जिंदगी का सबसे अनमोल पल है. वहीं, आवंक गांव के प्रधान ने कहा कि जसलीन की केबीसी में जीत गांव ही नहीं जिले के लिए गौरव का पल है.
यह भी पढ़ें: बुलंद हौसले से KBC में करोड़पति बनी हिमानी, बोली दिव्यांगों की बनूंगी लाठी