आजमगढ़: जिले में सूर्य की उपासना का पर्व छठ धूमधाम से मनाया जा रहा है, जहां शनिवार को डूबते सूर्य को महिलाएं अर्घ्य देंगी. साथ ही रविवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर इसे संपन्न करेंगी. ऐसे में इस महापर्व में 'कोसी दिया' का अपना अलग ही महत्व है.
4 दिनों तक चलने वाले छठ महापर्व में कई चीजों का अपना अलग महत्व होता है. महिलाएं इसमें विभिन्न प्रकार के फलों को सूर्य और छठ देवी को अर्पित करती हैं. इसी के साथ ही इसमें एक प्रकार का दीया, जिसे 'कोसी' कहा जाता है, इसका बड़ा महत्व है. इस दीये को लेकर ऐसी मान्यता है कि जब किसी महिला की कोई मांगी हुई मुराद पूरी होती है, तो वह इसे भरती है. इसमें ऊपर 6 छोटी दीये, जबकि नीचे एक बड़ी दीया होती है, जिसमें महिलाएं फल और अन्य सामग्री रखकर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद नदी में प्रवाहित कर देती है.
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व्रती महिलाओं की मानें तो मान्यता है कि जब कोई मांगी हुई मुराद पूरी होती हैं तो वे इसमें अलग-अलग तरह के फल और अन्य सामग्री भरकर उगते हुए सूर्य को अर्पित करती हैं और अर्घ्य देने के बाद नदी में प्रवाहित कर देती हैं.