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गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल बना आजमगढ़ का नेवादा गांव, 10 साल से कब्रिस्तान की रखवाली कर रहा हिंदू - श्रीराम प्रजापति

आजमगढ़ के निजामाबाद तहसील में गंगा जमुनी तहजीब की एक मिसाल देखने को मिली. यहां के एक छोटे से गांव में श्रीराम प्रतापति नाम के शख्स कब्रिस्तान की निशुल्क देखभाल करीब 10 से 15 साल से कर रहे हैं.

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कब्रिस्तान की रखवाली कर रहा हिंदू
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Published : Apr 13, 2022, 6:44 PM IST

आजमगढ़ः जिले के निजामाबाद तहसील में गंगा जमुनी तहजीब की एक मिसाल देखने को मिली. यहां के एक छोटे से गांव नेवादा में श्रीराम प्रजापति नाम के शख्स एक कब्रिस्तान की निशुल्क देखभाल करीब 10 से 15 साल से कर रहे हैं. वहीं कब्रिस्तान में अनेक तरह के पेड़-पौधे लगाएं गए हैं जो कि सुंदरता का केंद्र बना हुआ है. वहीं एक छोटा सा हौद गड्ढा बनाकर मछली भी पाला हुआ है. जिसे लोग देखने के लिए काफी दिलचस्पी रखते हैं. श्रीराम का कहना है कि लोगों को आपसी संबंध बनाकर रखते हुए साथ मिलकर रहना चाहिए.

लाउडस्पीकर के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये तो गलत है आवाज तो सुबह-शाम हर गाड़ियों से आती है. इसका मतलब ये नहीं कि मस्जिद की अजान से ही ध्वनि प्रदूषण होता है. वहीं ग्रामवासी शाबान का कहना है कि कब्रिस्तान की जो भी सुंदरता है वो श्री राम प्रतापति की ही देन है. उनको पेड़ से इतना लगाव है कि कब्रिस्तान में कई तरह के फूल, पेड़ और पौधे लगाते हैं. वे बिना पैसे के ही करीब 10 सालों से कब्रिस्तान की सेवा कर रहे हैं.

कब्रिस्तान की रखवाली कर रहा हिंदू

इसे भी पढ़ें- ईंट-भट्ठे पर छापेमारी, छत्तीसगढ़ के रहने वाले 3 बंधुआ मजदूरों को कराया गया मुक्त

श्रीराम प्रजापति न सिर्फ यहां की देखभाल करते हैं, बल्कि कब्रिस्तान की सुंदरता के लिए पेड़-पौधे भी लगाते हैं. शाबान का कहना है कि हमारे हिंदुस्तान की यही खासियत है कि यहां हिंदू, मुसलमान, सिख और ईसाई सभी लोग साथ में रहते हैं और साथ मिलकर चलते हैं. इसी तरह से रहना और चलना चाहिए. लेकिन कुछ लोग इसमें राजनीतिक रंग देखर माहौल खराब करना चाहते हैं, जो सही नहीं है.

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आजमगढ़ः जिले के निजामाबाद तहसील में गंगा जमुनी तहजीब की एक मिसाल देखने को मिली. यहां के एक छोटे से गांव नेवादा में श्रीराम प्रजापति नाम के शख्स एक कब्रिस्तान की निशुल्क देखभाल करीब 10 से 15 साल से कर रहे हैं. वहीं कब्रिस्तान में अनेक तरह के पेड़-पौधे लगाएं गए हैं जो कि सुंदरता का केंद्र बना हुआ है. वहीं एक छोटा सा हौद गड्ढा बनाकर मछली भी पाला हुआ है. जिसे लोग देखने के लिए काफी दिलचस्पी रखते हैं. श्रीराम का कहना है कि लोगों को आपसी संबंध बनाकर रखते हुए साथ मिलकर रहना चाहिए.

लाउडस्पीकर के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये तो गलत है आवाज तो सुबह-शाम हर गाड़ियों से आती है. इसका मतलब ये नहीं कि मस्जिद की अजान से ही ध्वनि प्रदूषण होता है. वहीं ग्रामवासी शाबान का कहना है कि कब्रिस्तान की जो भी सुंदरता है वो श्री राम प्रतापति की ही देन है. उनको पेड़ से इतना लगाव है कि कब्रिस्तान में कई तरह के फूल, पेड़ और पौधे लगाते हैं. वे बिना पैसे के ही करीब 10 सालों से कब्रिस्तान की सेवा कर रहे हैं.

कब्रिस्तान की रखवाली कर रहा हिंदू

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श्रीराम प्रजापति न सिर्फ यहां की देखभाल करते हैं, बल्कि कब्रिस्तान की सुंदरता के लिए पेड़-पौधे भी लगाते हैं. शाबान का कहना है कि हमारे हिंदुस्तान की यही खासियत है कि यहां हिंदू, मुसलमान, सिख और ईसाई सभी लोग साथ में रहते हैं और साथ मिलकर चलते हैं. इसी तरह से रहना और चलना चाहिए. लेकिन कुछ लोग इसमें राजनीतिक रंग देखर माहौल खराब करना चाहते हैं, जो सही नहीं है.

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