आजमगढ़ः जनपद में चल रही दुर्गा पूजा में दूसरे जनपदों और दूसरे राज्यों से आए बड़ी संख्या में बहुरूपिया कलाकार, लोगों का मनोरंजन कर अपना भरण-पोषण कर रहे हैं. कोई हनुमान बना है तो कोई चार्ली चैपलिन तो कोई क्रूर सिंह. खास बात यह है कि इन कलाकारों में बड़ी संख्या में मुस्लिम कलाकार शामिल हैं. ऐसे में समझा जा सकता है कि किस तरह से अपना भरण-पोषण करने के लिए लोग जातीय विशेषताएं तोड़ रहे हैं.
पेट की भूख और बच्चों की परवरिश ने बना दिया कलाकार
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कलाकारों ने बताया कि अपना और परिवार का पेट पालने के लिए शादी-विवाह, दिवाली और दुर्गा पूजा, दशहरा में इस तरह का काम करते हैं. उन्होंने बताया कि इनके पुरखे भी यही काम करते हैं. इसलिए हम लोग भी अपना भरण-पोषण इसी से कर रहे हैं.
बहरूपिया कलाकारों ने कहा कि वह, यह काम अपने पेट के साथ-साथ बच्चों के भी भरण-पोषण के लिए करते हैं. बताया कि हम लोगों के इस पेशे में बहुत परेशानी है और जिस तरह से लगातार महंगाई बढ़ रही है. हम लोगों को अपने भरण-पोषण करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.