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आजमगढ़: पेट की भूख मिटाने के लिए बन गए बहुरूपिया कलाकार, किसी तरह चलता है परिवार

यूपी के आजमगढ़ में चल रही दुर्गा पूजा में विभिन्न राज्यों से आये कलाकार लोगों को अपने कला के प्रदर्शन से मोहित कर रहे हैं. दूसरे जनपदों और अलग-अलग राज्यों से आए बहुरूपिए कलाकार अपना और परिवार का पेट पालने के लिए लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं.

आजमगढ़ में बहुरूपिए कलाकार.
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Published : Oct 8, 2019, 8:44 PM IST

आजमगढ़ः जनपद में चल रही दुर्गा पूजा में दूसरे जनपदों और दूसरे राज्यों से आए बड़ी संख्या में बहुरूपिया कलाकार, लोगों का मनोरंजन कर अपना भरण-पोषण कर रहे हैं. कोई हनुमान बना है तो कोई चार्ली चैपलिन तो कोई क्रूर सिंह. खास बात यह है कि इन कलाकारों में बड़ी संख्या में मुस्लिम कलाकार शामिल हैं. ऐसे में समझा जा सकता है कि किस तरह से अपना भरण-पोषण करने के लिए लोग जातीय विशेषताएं तोड़ रहे हैं.

आजमगढ़ में बहुरूपिए कलाकार.

पेट की भूख और बच्चों की परवरिश ने बना दिया कलाकार
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कलाकारों ने बताया कि अपना और परिवार का पेट पालने के लिए शादी-विवाह, दिवाली और दुर्गा पूजा, दशहरा में इस तरह का काम करते हैं. उन्होंने बताया कि इनके पुरखे भी यही काम करते हैं. इसलिए हम लोग भी अपना भरण-पोषण इसी से कर रहे हैं.

बहरूपिया कलाकारों ने कहा कि वह, यह काम अपने पेट के साथ-साथ बच्चों के भी भरण-पोषण के लिए करते हैं. बताया कि हम लोगों के इस पेशे में बहुत परेशानी है और जिस तरह से लगातार महंगाई बढ़ रही है. हम लोगों को अपने भरण-पोषण करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

पढे़ं- आजमगढ़ का संगीतमयी घराना, 600 साल से भी अधिक पुराना

आजमगढ़ः जनपद में चल रही दुर्गा पूजा में दूसरे जनपदों और दूसरे राज्यों से आए बड़ी संख्या में बहुरूपिया कलाकार, लोगों का मनोरंजन कर अपना भरण-पोषण कर रहे हैं. कोई हनुमान बना है तो कोई चार्ली चैपलिन तो कोई क्रूर सिंह. खास बात यह है कि इन कलाकारों में बड़ी संख्या में मुस्लिम कलाकार शामिल हैं. ऐसे में समझा जा सकता है कि किस तरह से अपना भरण-पोषण करने के लिए लोग जातीय विशेषताएं तोड़ रहे हैं.

आजमगढ़ में बहुरूपिए कलाकार.

पेट की भूख और बच्चों की परवरिश ने बना दिया कलाकार
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कलाकारों ने बताया कि अपना और परिवार का पेट पालने के लिए शादी-विवाह, दिवाली और दुर्गा पूजा, दशहरा में इस तरह का काम करते हैं. उन्होंने बताया कि इनके पुरखे भी यही काम करते हैं. इसलिए हम लोग भी अपना भरण-पोषण इसी से कर रहे हैं.

बहरूपिया कलाकारों ने कहा कि वह, यह काम अपने पेट के साथ-साथ बच्चों के भी भरण-पोषण के लिए करते हैं. बताया कि हम लोगों के इस पेशे में बहुत परेशानी है और जिस तरह से लगातार महंगाई बढ़ रही है. हम लोगों को अपने भरण-पोषण करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

पढे़ं- आजमगढ़ का संगीतमयी घराना, 600 साल से भी अधिक पुराना

Intro:anchor: आजमगढ़। आजमगढ़ जनपद में चल रही दुर्गा पूजा में दूसरे जनपदों का दूसरे राज्यों से आए बड़ी संख्या में बहुरूपिया लोगों का मनोरंजन कर अपना भरण-पोषण कर रहे हैं। कोई हनुमान बना है तो कोई चार्ली चैपलिन तो कोई क्रूर सिंह।


Body:वीओ: 1 ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए चार्ली चैपलिन का रोल कर रहे रंजीत कुमार ने बताया कि हम लोग झारखंड के रहने वाले हैं और अपना पेट पालने के लिए शादी विवाह दिवाली व दुर्गा पूजा दशहरा में इस तरह का काम करते हैं हम लोगों के पुरखे भी यही काम करते हैं इसलिए हम लोग भी अपना भरण-पोषण इसी से कर रहे हैं। हनुमान का रोल कर रहे गुड्डू का कहना है कि इसी तरह का काम कर हम लोग अपना गुजारा कर रहे हैं। चार्ली चैपलिन का रोल कर रहे हैं बबलू का कहना है कि हम लोग बहरूपिया कलाकार शादी-ब्याह दुर्गा पूजा मैं इसी तरह का काम करके अपना भरण-पोषण करते हैं और यह काम अपने पेट के साथ-साथ बच्चों के भी अपने भरण-पोषण के लिए करते हैं सदियों से हमारे पुरखे यही काम करते आए हैं और इसीलिए हम लोग भी इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। क्रूर सिंह का रोल कर रहे तनवीर अहमद का कहना है कि हम लोगों के इस पेशे में बहुत परेशानी है और जिस तरह से लगातार महंगाई बढ़ रही है हम लोगों को अपने भरण-पोषण करने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है।


Conclusion:बाइट: रंजीत कुमार, गुड्डू, बबलू, तनवीर अहमद बहरूपिया कलाकार
अजय कुमार मिश्र आजमगढ़ 9453766900

बताते चलें कि आजमगढ़ जनपद में चल रहे दुर्गा पूजा में जो दूसरे जनपद व दूसरे राज्यों से कलाकार आए हैं उसमें हिंदू मुस्लिम दोनों समाज के कलाकार हैं और सबसे खास बात यह है कि बड़ी संख्या में मुस्लिम कलाकार हिंदू विभूतियों का रोल कर रहे हैं ऐसे में समझा जा सकता है कि किस तरह से अपने भरण-पोषण करने के लिए जातीय विशेषताएं टूट रही हैं।
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