आजमगढ़: अपने विवादित बयानों के लिए हमेशा चर्चा में रहने वाले पूर्व बाहुबली सांसद रमाकांत यादव एक बार फिर से सुर्खियों में हैं. इस बार उन्होंने केंद्र और प्रदेश सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि अयोध्या के जिस स्थल पर राम मंदिर का निर्माण सरकार करा रही है, यदि वहां पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण कराते तो कोरोना का बेहतर इलाज किया जा सकता था.
पूर्व बाहुबली सांसद रमाकांत यादव ने कहा कि हम लोग जात से न तो ब्राह्मण हैं, न क्षत्रिय, न वैश्य हैं तो हम लोग शूद्र हैं. हम अपने नाम के आगे शूद्र लगायेंगे. रमाकांत यादव ने कहा कि हम लोगों ने फैसला लिया है कि हम लोग अपने हक व अधिकार की लड़ाई लड़ेंगे और अपने समाज के जो लोग हैं उनके नाम के आगे अब शूद्र लगाएंगे.
'बन जाते मेडिकल कॉलेज'
अयोध्या में बन रहे ऐतिहासिक राम मंदिर के सवाल के जवाब में पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने कहा कि महात्मा बुद्ध पाखंड से दूर रहते थे और अच्छा होता कि यदि सरकार अयोध्या में श्री राम मंदिर के स्थान पर इंजीनियरिंग कॉलेज व मेडिकल कॉलेज खोलती तो यहां पर गरीबों व पिछड़े के बच्चों को शिक्षा मिलती. उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि सरकार गरीबों की भलाई के लिए अयोध्या में इंजीनियरिंग कॉलेज व मेडिकल कॉलेज खोले, जिससे गरीबों और पिछड़ों के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके.
पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने कहा कि यदि अयोध्या में मेडिकल कॉलेज खुला होता तो अब तक कोरोना वायरस भाग जाता और जितना पैसा राम मंदिर के निर्माण में लग रहा है. उससे कम पैसे में कई मेडिकल कॉलेज एम्स की तरह के बन जाते और निश्चित रूप से यहां पर कोरोना के मरीजों का उपचार हो रहा होता.
विवादों से है पुराना नाता
अपने विवादित बयानों के लिए सुर्खियों में रहने वाले पूर्व बाहुबली सांसद रमाकांत यादव ने इससे पूर्व भी कोरोना वायरस को छलावा बताया था. जिस मामले पर पूर्व सांसद के खिलाफ कोविड-19 महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा भी पंजीकृत किया गया. बावजूद उसके पूर्व सांसद रमाकांत यादव आए दिन विवादित बयान देते रहते हैं.