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ईटीवी भारत से बोले छन्नूलाल महाराज के परिजन, पद्म विभूषण नहीं आत्मा को प्राण मिल गए - पद्म पुरस्कार 2020

गणतंत्र दिवस पर शास्त्रीय संगीत गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र को पद्म विभूषण पुरस्कार देने का एलान किया गया. आजमगढ़ जिले के हरिहरपुर घराने से ताल्लुक रखने वाले छन्नूलाल मिश्रा को पद्म विभूषण मिलने पर परिजनों ने खुशी जाहिर की है. उनका कहना है कि पद्म विभूषण नहीं आत्मा को प्राण मिल गए हैं.

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छन्नूलाल महाराज को पद्म विभूषण मिलने पर परिजनों ने जताई खुशी.
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Published : Jan 27, 2020, 6:16 PM IST

आजमगढ़: गणतंत्र दिवस पर आजमगढ़ के हरिहरपुर घराने से ताल्लुक रखने वाले शास्त्रीय संगीत गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र को पद्म विभूषण पुरस्कार मिलने की खुशी पूरा देश मना रहा है. सबसे ज्यादा खुशी पंडित छन्नूलाल मिश्र के पैतृक गांव हरिहरपुर में देखी जा सकती है.

परिजनों ने पद्म विभूषण मिलने पर जताई खुशी.

'गौरवान्वित महसूस हो रहा है'
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए पंडित छन्नूलाल मिश्र के भतीजे राजेश मिश्रा का कहना है कि बहुत गौरवान्वित महसूस हो रहा है. वर्षों बाद यह पद्म विभूषण का पुरस्कार मिला है. भतीजे मोहन मिश्रा का कहना है कि हम हरिहरपुर घराने के लोग बहुत प्रफुल्लित हैं और यही हरिहरपुर की पहचान भी है.

'आत्मा को प्राण मिल गए'
मोहन मिश्रा ने कहा कि सरकार ने जो पद्म विभूषण दिया, यह पुरस्कार नहीं, जैसे एक आत्मा को प्राण मिल गए हों. पूरे गांव के लोगों को ऊर्जा मिल गई है और सबसे खास बात यह है कि जो युवा संगीत की साधना 3 घंटे करते थे, आज 5 घंटे करने लगे हैं. गांव के हर बच्चे, वृद्ध खुशी से प्रफुल्लित हैं और हम लोग सरकार को धन्यवाद देना चाहेंगे कि इस सरकार को संगीत की पहचान है और निश्चित रूप से यह हम लोगों के लिए बहुत गौरव के पल हैं.

'संगीत साधना में करेंगे और मेहनत'
छन्नूलाल मिश्र के नाती आदर्श का कहना है कि बहुत खुशी की बात है और हमारी भी कोशिश होगी कि हम लोग भी संगीत में मेहनत और साधना करके पुरस्कार हासिल करें और इसके लिए हम लोग रियाज और बढ़ाएंगे.

'संगीत का पुराना घराना है हरिहरपुर'
आजमगढ़ जनपद का हरिहरपुर घराना संगीत का बहुत पुराना घराना है. सबसे खास बात यह है कि पंडित छन्नूलाल मिश्रा आजमगढ़ के इसी हरिहरपुर घराने से ताल्लुक रखते हैं. हालांकि अब ज्यादा समय बनारस में ही गुजारते हैं पर हरिहरपुर गांव की मिट्टी की महक आज भी उन्हें खींच लाती है. यही कारण है कि साल में दो-तीन बार हरिहरपुर गांव जरूर आते हैं.

ये भी पढ़ें: आजमगढ़: गणतंत्र दिवस पर डीआईजी ने 252 से अधिक पुलिसकर्मियों को किया सम्मानित

आजमगढ़: गणतंत्र दिवस पर आजमगढ़ के हरिहरपुर घराने से ताल्लुक रखने वाले शास्त्रीय संगीत गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र को पद्म विभूषण पुरस्कार मिलने की खुशी पूरा देश मना रहा है. सबसे ज्यादा खुशी पंडित छन्नूलाल मिश्र के पैतृक गांव हरिहरपुर में देखी जा सकती है.

परिजनों ने पद्म विभूषण मिलने पर जताई खुशी.

'गौरवान्वित महसूस हो रहा है'
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए पंडित छन्नूलाल मिश्र के भतीजे राजेश मिश्रा का कहना है कि बहुत गौरवान्वित महसूस हो रहा है. वर्षों बाद यह पद्म विभूषण का पुरस्कार मिला है. भतीजे मोहन मिश्रा का कहना है कि हम हरिहरपुर घराने के लोग बहुत प्रफुल्लित हैं और यही हरिहरपुर की पहचान भी है.

'आत्मा को प्राण मिल गए'
मोहन मिश्रा ने कहा कि सरकार ने जो पद्म विभूषण दिया, यह पुरस्कार नहीं, जैसे एक आत्मा को प्राण मिल गए हों. पूरे गांव के लोगों को ऊर्जा मिल गई है और सबसे खास बात यह है कि जो युवा संगीत की साधना 3 घंटे करते थे, आज 5 घंटे करने लगे हैं. गांव के हर बच्चे, वृद्ध खुशी से प्रफुल्लित हैं और हम लोग सरकार को धन्यवाद देना चाहेंगे कि इस सरकार को संगीत की पहचान है और निश्चित रूप से यह हम लोगों के लिए बहुत गौरव के पल हैं.

'संगीत साधना में करेंगे और मेहनत'
छन्नूलाल मिश्र के नाती आदर्श का कहना है कि बहुत खुशी की बात है और हमारी भी कोशिश होगी कि हम लोग भी संगीत में मेहनत और साधना करके पुरस्कार हासिल करें और इसके लिए हम लोग रियाज और बढ़ाएंगे.

'संगीत का पुराना घराना है हरिहरपुर'
आजमगढ़ जनपद का हरिहरपुर घराना संगीत का बहुत पुराना घराना है. सबसे खास बात यह है कि पंडित छन्नूलाल मिश्रा आजमगढ़ के इसी हरिहरपुर घराने से ताल्लुक रखते हैं. हालांकि अब ज्यादा समय बनारस में ही गुजारते हैं पर हरिहरपुर गांव की मिट्टी की महक आज भी उन्हें खींच लाती है. यही कारण है कि साल में दो-तीन बार हरिहरपुर गांव जरूर आते हैं.

ये भी पढ़ें: आजमगढ़: गणतंत्र दिवस पर डीआईजी ने 252 से अधिक पुलिसकर्मियों को किया सम्मानित

Intro:anchor: (एक्सक्लूसिव)। आजमगढ़। गणतंत्र दिवस के अवसर पर आजमगढ़ जनपद के हरिहरपुर घराने से ताल्लुक रखने वाले शास्त्रीय संगीत गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र को पद्म विभूषण पुरस्कार मिलने की खुशी पूरा देश मना रहा है। पर सबसे ज्यादा खुशी पंडित छन्नूलाल मिश्र के पैतृक गांव हरिहरपुर घर आने में देखी जा सकती है।


Body:वीओ: 1 ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए पंडित छन्नूलाल मिश्र के चचेरे भतीजे राजेश मिश्रा का कहना है कि बहुत गौरवान्वित महसूस हो रहा है बहुत वर्षों बाद यह पद्म विभूषण का पुरस्कार मिला है। भतीजे मोहन मिश्रा का कहना है कि हम हरिहरपुर घराने के लोग कल रात से ही बहुत प्रफुल्लित हैं और यही हरिहरपुर की पहचान भी है उन्होंने कहा कि जो सरकार ने पद विभूषण पुरस्कार दिया यह पुरस्कार नहीं जैसे एक आत्मा को प्राण मिल गए हो कल रात से ही पूरे गांव के लोगों को ऊर्जा मिल गई और सबसे खास बात यह है कि जो युवा संगीत की साधना 3 घंटे करते थे आज 5 घंटे करने लगे हैं। गांव के हर बच्चे वृद्ध खुशी से प्रफुल्लित हैं और हम लोग सरकार को धन्यवाद देना चाहेंगे कि इस सरकार को संगीत की पहचान है और निश्चित रूप से यह हम लोगों के लिए बहुत गौरव के पल हैं। छन्नूलाल मिश्र के नाती आदर्श का कहना है कि बहुत खुशी की बात है और हमारी भी कोशिश होगी कि हम लोग भी संगीत में मेहनत और साधना करके पुरस्कार हासिल करें और इसके लिए हम लोग अपनी रियाज और बढ़ाएंगे।


Conclusion:बाइट: राजेश मिश्रा भतीजे छन्नूलाल मिश्रा
बाइट: मोहन मिश्रा भतीजे छन्नूलाल मिश्रा
बाइट: आदर्श मिश्रा
अजय कुमार मिश्र आजमगढ़ 9453766900

बताते चलें कि आजमगढ़ जनपद का हरिहरपुर घराना संगीत का बहुत पुराना घराना है ।और सबसे खास बात यह है कि पंडित छन्नूलाल मिश्रा आजमगढ़ के इसी हरिहरपुर घराने से ताल्लुक रखते हैं।हालांकि अब ज्यादा समय बनारस में ही गुजारते हैं पर हरिहरपुर गांव की मिट्टी की महक आज भी उन्हें खींच लाती है और यही कारण है कि साल में दो-तीन बार हरिहरपुर गांव जरूर आते हैं। और अब ऐसे में जब केंद्र सरकार ने पंडित छन्नूलाल मिश्रा को पद्म विभूषण सम्मान से नवाजा है तो गांव वालों की खुशी और भी अधिक बढ़ गई है।
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