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आज गांधी को जानने की ज्यादा जरूरत है: मोहम्मद उम्मैर - आजमगढ़ से महात्मा गांधी का पुराना नाता

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से महात्मा गांधी का पुराना नाता रहा है. इसी कड़ी में ईटीवी भारत ने शिब्ली एकेडमी के सीनियर रिसर्च फेलो मोहम्मद उम्मैर सिद्दीकी से महात्मा गांधी के बारे में खास बात की.

ईटीवी भारत से मोहम्मद उम्मैर सिद्दीकी ने की खास बातचीत.
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Published : Oct 1, 2019, 11:47 PM IST

आजमगढ़: आजादी की लड़ाई में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले महात्मा गांधी का आजमगढ़ से गहरा नाता रहा है. आजमगढ़ दौरे पर आए महात्मा गांधी ने जिस कुएं पर स्नान किया था और जिस गेस्ट हाउस में उन्होंने विश्राम किया, उनकी यादों को आज भी सहेज कर रखा गया हैं.

ईटीवी भारत से मोहम्मद उम्मैर सिद्दीकी ने की खास बातचीत.

मोहम्मद उम्मैर सिद्दीकी ने की ईटीवी से खास बातचीत
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए शिब्ली एकेडमी के सीनियर रिसर्च फेलो मोहम्मद उम्मैर सिद्दीकी ने बताया कि महात्मा गांधी एक बार इस शिवली एकेडमी में आए थे. यहां शाम के वक्त नमाज पढ़ी जा रही थी. नमाज के बाद गांधी जी सभी लोगों से मिले और आजमगढ़ में रहने वाले अपने करीबियों से भी मुलाकात की. इसके बाद महात्मा गांधी को लालटेन की रोशनी में पूरी एकेडमी दिखाई गई. महात्मा गांधी का लिखा गया हिंदी और उर्दू में खत भी यहां पर सुरक्षित रखा गया है.

महात्मा गांधी को पढ़ने की जरुरत है
उम्मैर सिद्दीकी ने बताया कि आज महात्मा गांधी को ज्यादा पढ़ने की जरूरत है और अपने अंदर गांधी को देखने की जरूरत है. आज नई आजादी की जंग चाहिए. जो लोग आज महात्मा गांधी को याद कर रहे हैं वह बधाई के पात्र हैं. गांधी जी को याद करना आज पहले से ज्यादा जरूरी हो गया है. गांधी जी ने जिस कुएं पर स्नान किया है, उसे आज भी सुरक्षित रखा गया है. इसके साथ ही जिस अतिथि गृह में महात्मा गांधी ने रात्रि विश्राम किया थे, उसे सजाकर संरक्षित किया गया है.

पंडित जवाहरलाल नेहरू आजमगढ़ आते रहते थे
बताते चलें कि आजादी की लड़ाई के समय महात्मा गांधी ने पूरे देश का दौरा किया था. इसी कड़ी में महात्मा गांधी आजमगढ़ के दौरे पर भी आए थे. आजमगढ़ में महात्मा गांधी के साथ पंडित जवाहरलाल नेहरू भी आए थे. महात्मा गांधी भले ही आजमगढ़ जनपद में सिर्फ एक ही बार आए हों, लेकिन पंडित जवाहरलाल नेहरू का आजमगढ़ जनपद में बराबर आना-जाना लगा रहता था.

आजमगढ़: आजादी की लड़ाई में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले महात्मा गांधी का आजमगढ़ से गहरा नाता रहा है. आजमगढ़ दौरे पर आए महात्मा गांधी ने जिस कुएं पर स्नान किया था और जिस गेस्ट हाउस में उन्होंने विश्राम किया, उनकी यादों को आज भी सहेज कर रखा गया हैं.

ईटीवी भारत से मोहम्मद उम्मैर सिद्दीकी ने की खास बातचीत.

मोहम्मद उम्मैर सिद्दीकी ने की ईटीवी से खास बातचीत
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए शिब्ली एकेडमी के सीनियर रिसर्च फेलो मोहम्मद उम्मैर सिद्दीकी ने बताया कि महात्मा गांधी एक बार इस शिवली एकेडमी में आए थे. यहां शाम के वक्त नमाज पढ़ी जा रही थी. नमाज के बाद गांधी जी सभी लोगों से मिले और आजमगढ़ में रहने वाले अपने करीबियों से भी मुलाकात की. इसके बाद महात्मा गांधी को लालटेन की रोशनी में पूरी एकेडमी दिखाई गई. महात्मा गांधी का लिखा गया हिंदी और उर्दू में खत भी यहां पर सुरक्षित रखा गया है.

महात्मा गांधी को पढ़ने की जरुरत है
उम्मैर सिद्दीकी ने बताया कि आज महात्मा गांधी को ज्यादा पढ़ने की जरूरत है और अपने अंदर गांधी को देखने की जरूरत है. आज नई आजादी की जंग चाहिए. जो लोग आज महात्मा गांधी को याद कर रहे हैं वह बधाई के पात्र हैं. गांधी जी को याद करना आज पहले से ज्यादा जरूरी हो गया है. गांधी जी ने जिस कुएं पर स्नान किया है, उसे आज भी सुरक्षित रखा गया है. इसके साथ ही जिस अतिथि गृह में महात्मा गांधी ने रात्रि विश्राम किया थे, उसे सजाकर संरक्षित किया गया है.

पंडित जवाहरलाल नेहरू आजमगढ़ आते रहते थे
बताते चलें कि आजादी की लड़ाई के समय महात्मा गांधी ने पूरे देश का दौरा किया था. इसी कड़ी में महात्मा गांधी आजमगढ़ के दौरे पर भी आए थे. आजमगढ़ में महात्मा गांधी के साथ पंडित जवाहरलाल नेहरू भी आए थे. महात्मा गांधी भले ही आजमगढ़ जनपद में सिर्फ एक ही बार आए हों, लेकिन पंडित जवाहरलाल नेहरू का आजमगढ़ जनपद में बराबर आना-जाना लगा रहता था.

Intro:ऐंकर:आजमगढ़।(exclusive) आजादी की लड़ाई में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले महात्मा गांधी का आजमगढ़ जनपद से भी गहरा नाता रहा है। आजमगढ़ दौरे पर आए महात्मा गांधी ने जिस कुएं पर स्नान किया था और जिस गेस्ट हाउस में विश्राम किया था आज भी वहां महात्मा गांधी की यादें सहेज कर रखी गई हैं।


Body:वीओ:1 ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए शिब्ली एकेडमी के सीनियर रिसर्च फेलो मोहम्मद उम्मैर सिद्दीकी ने बताया कि महात्मा गांधी एक बार इस शिवली एकेडमी में आए थे और वह शाम का वक्त था जिस समय नमाज पढ़ी जा रही थी नमाज के बाद सभी लोगों से मिले और आजमगढ़ में रहने वाले अपने करीबियों से भी मुलाकात की और जिसके बाद लालटेन की रोशनी में उन्हें पूरी एकेडमी दिखाया गया महात्मा गांधी का लिखा हिंदी व उर्दू में खत भी यहां पर सुरक्षित रखा गया है। उन्होंने कहा कि आज महात्मा गांधी को ज्यादा पढ़ने बजाने की जरूरत है और अपने अंदर गांधी को देखने की जरूरत है आज नई आजादी की जंग चाहिए जो लोग आज महात्मा गांधी को याद कर रहे हैं वह बधाई के पात्र हैं गांधीजी को याद करना आज पहले से ज्यादा जरूरी हो गया है। जिस कुएं पर महात्मा गांधी ने स्नान किया है आज भी वह कुआं संरक्षित करके रखा गया है इसके साथ ही जिस अतिथि गृह में महात्मा गांधी रात्रि विश्राम किए थे उसे और सजा सा मारकर संरक्षित किया गया है।


Conclusion:बाइट: मोहम्मद उम्मैर सिद्दीक
अजय कुमार मिश्र आजमगढ़ 9453766900

बताते चलें कि आजादी की लड़ाई के समय महात्मा गांधी ने पूरे देश का दौरा किया था इसी कड़ी में आजमगढ़ जनपद के दौरे पर भी आए थे और आजमगढ़ जनपद में महात्मा गांधी के साथ पंडित जवाहरलाल नेहरू भी आए थे। महात्मा गांधी भले ही आजमगढ़ जनपद में सिर्फ एक ही बार आया हूं लेकिन पंडित जवाहरलाल नेहरू का आजमगढ़ जनपद में बराबर आना जाना लगा रहता था।
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