आजमगढ़ः जिसके कंधों पर लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है, वही अगर कानून तोड़ने लगे तो चारों ओर अराजकता की स्थिति पैदा हो जाती है. ऐसा इसलिए कहना पढ़ रहा है क्यों कि आजमगढ़ जिले के पुलिस लाइन परिसर में डायल 112 पर तैनात एक आरक्षी की पत्नी के साथ ऐसा ही कुछ हुआ है. आरक्षी की पत्नी टहल रही थी, इसी दौरान एक शोहदे सिपाही ने छेड़खानी की घटना को अंजाम दिया. चीखते हुए महिला ने अपने पड़ोसी को बुलाया तो शोहदे सिपाही और उसके सहयोगियों ने उसे मारपीट कर घायल कर दिया.
जिसके बाद अन्य सिपाहियों ने शोहदे सिपाही को पकड़कर शहर कोतवाली के हवाले किया. इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने तीन सिपाहियों को निलंबित किया है. वहीं शहर कोतवाली में दो सिपाहियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है.
दरअसल पुलिस लाइन परिसर में रविवार की देर रात डायल 112 पर तैनात एक आरक्षी की पत्नी रात में टहल रही थी. इसी दौरान अभी हाल में ही दूसरे जिले से ट्रांसफर होकर आया सिपाही विजेन्द्र सिंह वहां पहुचा और महिला के साथ छेड़खानी करने लगा. जिसके बाद महिला ने शोर मचाते हुए अपने पड़ोसी आरक्षी को बुला लिया. जिसके बाद आरक्षी मौके पर पहुंचा तो शोहदे सिपाही विजेन्द्र सिंह ने आरक्षी की जमकर पिटाई कर दिया.
इसी बीच मारपीट होता देख पुलिस लाइन के अन्य सिपाही भी मौके पर पहुंच गये और शोहदे सिपागी को पकड़कर शहर कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया. जहां शहर कोतवाली पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है.
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बताया जा रहा है कि आरोपी सिपाही विजेन्द्र सिंह पहले से ही इस तरह के मामलों में सुर्खियों में रहा है. देर रात पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य को मामले की जानकारी हुई तो उन्होंने जांच कराई. जिसमें आरोपी सिपाही विजेन्द्र सिंह को छेड़खानी और शराब पीने का दोषी पाया गया. वहीं आरक्षी दिवाकर सिंह मारपीट और इन दोनों का साथ देने के आरोप में आरक्षी मनीष मिश्रा भी दोषी पाये गये. तीनों आरक्षियों को निलंबित कर दिया गया है. वहीं विजेन्द्र सिंह और दिवाकर सिंह के खिलाफ शहर कोतवाली में आरक्षी अनुराग सिंह मौर्य की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है.