आजमगढ़: जिले का एक मात्र महिला अस्पताल अब कर्जे में डूब गया है. इस अस्पताल की नींव वर्ष 1991 में मुलायम सिंह यादव ने रखी, लेकिन आज तक मानक के अनुरूप न तो यहां चिकित्सक तैनात हुए और न ही यहां की हालत सुधर सकी. अस्पताल के बिजली का बिल 70 लाख रुपये बकाया होने के चलते बिजली कभी भी काटी जा सकती है.
विभाग पर राजस्व वसूली का दबाव
बिजली विभाग चार बार अस्पताल प्रबंधन को नोटिस दे चुका है. दो बार विभाग की टीम कनेक्शन विच्छेदन के लिए जा चुकी है, लेकिन बच्चों और महिलाओं का जीवन खतरे में न पड़े, इसलिए अस्पताल प्रबंधन की सिफारिस पर बिजली नहीं काटी गई. अब विभाग पर राजस्व वसूली का दबाव बढ़ने लगा है. ऐसे में विभाग के लोग कभी भी अस्पताल का कनेक्शन काट सकते हैं.
क्या कहते हैं जिम्मेदार
वहीं अस्पताल की सीएमएस डॉ. अमित अग्रवाल का कहना है कि बजट के लिए कई बार शासन को लिखा गया लेकिन बजट नहीं मिला. एक बार 10 लाख का बजट आया तो हमने बिजली विभाग को दे दिया था.