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आजमगढ़: बजट की टूटती आस में गुल हो जाएगी महिला अस्पताल की बिजली! - आजमगढ़ महिला अस्पताल

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ महिला अस्पताल की बिजली का बिल 70 लाख रुपये बकाया होने के चलते कभी भी काटी जा सकती है. इसको लेकर बिजली विभाग चार बार अस्पताल प्रबंधन को नोटिस दे चुका है.

कर्ज में डूबा जिला महिला अस्पताल.
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Published : Sep 19, 2019, 12:49 PM IST

आजमगढ़: जिले का एक मात्र महिला अस्पताल अब कर्जे में डूब गया है. इस अस्पताल की नींव वर्ष 1991 में मुलायम सिंह यादव ने रखी, लेकिन आज तक मानक के अनुरूप न तो यहां चिकित्सक तैनात हुए और न ही यहां की हालत सुधर सकी. अस्पताल के बिजली का बिल 70 लाख रुपये बकाया होने के चलते बिजली कभी भी काटी जा सकती है.

कर्ज में डूबा जिला महिला अस्पताल.

विभाग पर राजस्व वसूली का दबाव
बिजली विभाग चार बार अस्पताल प्रबंधन को नोटिस दे चुका है. दो बार विभाग की टीम कनेक्शन विच्छेदन के लिए जा चुकी है, लेकिन बच्चों और महिलाओं का जीवन खतरे में न पड़े, इसलिए अस्पताल प्रबंधन की सिफारिस पर बिजली नहीं काटी गई. अब विभाग पर राजस्व वसूली का दबाव बढ़ने लगा है. ऐसे में विभाग के लोग कभी भी अस्पताल का कनेक्शन काट सकते हैं.

क्या कहते हैं जिम्मेदार
वहीं अस्पताल की सीएमएस डॉ. अमित अग्रवाल का कहना है कि बजट के लिए कई बार शासन को लिखा गया लेकिन बजट नहीं मिला. एक बार 10 लाख का बजट आया तो हमने बिजली विभाग को दे दिया था.

आजमगढ़: जिले का एक मात्र महिला अस्पताल अब कर्जे में डूब गया है. इस अस्पताल की नींव वर्ष 1991 में मुलायम सिंह यादव ने रखी, लेकिन आज तक मानक के अनुरूप न तो यहां चिकित्सक तैनात हुए और न ही यहां की हालत सुधर सकी. अस्पताल के बिजली का बिल 70 लाख रुपये बकाया होने के चलते बिजली कभी भी काटी जा सकती है.

कर्ज में डूबा जिला महिला अस्पताल.

विभाग पर राजस्व वसूली का दबाव
बिजली विभाग चार बार अस्पताल प्रबंधन को नोटिस दे चुका है. दो बार विभाग की टीम कनेक्शन विच्छेदन के लिए जा चुकी है, लेकिन बच्चों और महिलाओं का जीवन खतरे में न पड़े, इसलिए अस्पताल प्रबंधन की सिफारिस पर बिजली नहीं काटी गई. अब विभाग पर राजस्व वसूली का दबाव बढ़ने लगा है. ऐसे में विभाग के लोग कभी भी अस्पताल का कनेक्शन काट सकते हैं.

क्या कहते हैं जिम्मेदार
वहीं अस्पताल की सीएमएस डॉ. अमित अग्रवाल का कहना है कि बजट के लिए कई बार शासन को लिखा गया लेकिन बजट नहीं मिला. एक बार 10 लाख का बजट आया तो हमने बिजली विभाग को दे दिया था.

Intro:एंकर- मासूम और महिलाओं का उपचार करने वाला जिले का एकमात्र महिला अस्पताल अब कर्जे में डूब गया है इस अस्पताल की नींव वर्ष 1991 में मुलायम सिंह यादव ने रखी लेकिन आज तक मानक के अनुरूप ना तो यहां चिकित्सक तैनात हुए और ना ही यहाँ की हालत सुधरी । आज नौबत यह आ गयी कि अस्पताल की बिजली 70 लाख बकाया के चलते कभी भी काटी जा सकती है अस्पताल प्रबंधन बच्चों की जिंदगी का रोना रोकर और मानवता का हवाला देकर पिछले कई महीनों से बिजली विभाग को कार्यवाही से रोक रखे हैं लेकिन अब विद्युत विभाग राहत देने के मूड में नहीं दिख रहा है।


Body:वीवो1- महिला स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए वर्ष 1991 में मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री रहते हुए जिला महिला अस्पताल की नींव रखी थी बिल्डिंग तो बन गई लेकिन यहां कभी मानक के अनुरूप चिकित्सक तैनात नहीं हुए वर्ष 2012 में यूपी का सीएम बनने के बाद अखिलेश यादव ने भी बड़े-बड़े दावे किए लेकिन अस्पताल की व्यवस्था में सुधार के लिए कोई कदम नहीं उठाया वर्ष 2017 में जब बीजेपी की सत्ता आई तो योगी आदित्यनाथ सीएम बने उन्होंने आजमगढ़ को प्राथमिकता वाला जिला बताते हुए इस अस्पताल का दौरा किया उस समय उन्हें समस्याओं से अवगत कराया गया । यही नहीं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह भी इस अस्पताल का दौरा किए उनके सामने भी डाक्टरों की कमी, बकाया बिजली बिल और खराब एनआईसीयू का मामला उठाया गया लेकिन सरकार ने ध्यान नहीं दिया

वीवो2- वर्तमान में महिला अस्पताल की हालत यह हो गई है कि बिजली का बकाया बिल पढ़कर 70लाख हो गया है विभाग चार बार अस्पताल प्रबंधन को नोटिस दे चुका है दो बार विभाग की टीम कनेक्शन विच्छेदन के लिए जा चुकी है लेकिन बच्चों और महिलाओं का जीवन खतरे में ना पड़े इसलिए अस्पताल प्रबंधन की गुजारिश पर बिजली नहीं काटी गई लेकिन अब विभाग पर राजस्व वसूली का दबाव बढ़ने लगा है ऐसे में विभाग के लोग कभी भी अस्पताल का कनेक्शन काट सकते हैं।


Conclusion:वहीं अस्पताल की सीएमएस डॉ अमित अग्रवाल का कहना है कि बजट के लिए कई बार शासन को लिखा गया लेकिन बजट आया ही नहीं जब बजट आएगा तभी तो हम बिजली का बिल जमा करेंगे बीच में एक बार 10 लाख का बजट आया तो हमने विद्युत विभाग को दे दिया था लेकिन फिर बजट नहीं आया आते ही भुगतान कर दिया जाएगा।


प्रत्युष सिंह
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