आजमगढ़: जनपद के मंडली चिकित्सालय में चिकित्सा व्यवस्था की पोल खुलने वाला एक मामला प्रकाश में आया है. चिकित्सालय में भर्ती एक पुलिसकर्मी की ऑक्सीजन के अभाव में मौत हो गई, जिससे पीड़ितों का गुस्सा भड़क गया. पीड़ित परिजनों ने सरकारी अस्पताल के डॉक्टर के ऊपर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.
मीडिया से बातचीत करते हुए मृतक के परिजनों ने कहा कि पीएसी में तैनात कांस्टेबल की तबीयत खराब होने पर उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल में ऑक्सीजन के अभाव के चलते कांस्टेबल की मौत हो गई. मृतक के दोस्त रजनीश कुमार का कहना है कि अस्पताल में ऑक्सीजन के अभाव के चलते मौत हुई है. वहीं अस्पताल के डॉक्टरों ने मरीज को पहले कोरोना जांच कराने के लिए आइसोलेशन भेज दिया गया. इसी दौरान ऑक्सीजन के अभाव के चलते मरीज की मौत हो गई. हालांकि जांच के 1 घंटे बाद कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आई तो फिर उन्हें आईसीयू में भेजा गया. वहां पर तैनात नर्स ने मरीज को प्राइवेट अस्पताल ले जाने की बात कही.
परिजनों ने आनन-फानन में मरीज को प्राइवेट अस्पताल ले जाने का प्रबंध किया. रास्ते में ही मरीज की मौत हो गई. इस बारे में मंडलीय चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसके सिंह का कहना है कि जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, लेकिन फिर भी जांच कराई जा रही है. मंडलीय चिकित्सा अधीक्षक का कहना है कि इस मामले की कमेटी बनाकर जांच कराई जाएगी. जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.