आजमगढ़ः बाहर से सुंदर लेकिन भीतर से खोखला, कुछ इसी तरह की स्थिति आजमगढ़ जिला अस्पताल की है. जी हां यहां के जिला अस्पताल की बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है. बिल्डिंग की छत कभी भी भरभरा कर नीचे आ सकती है. जिसकी वजह से यहां के मरीजों की जिंदगी दाव पर लगी हुई है. इसके बावजूद प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है, जबकि योगी सरकार स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशिलता का दावा करती है. लेकिन इस जिले का जिला अस्पताल उनके सारे दावों की पोल खोल रहा है.
प्रदेश में कई सरकारें आईं और गईं. सभी सरकारें अपने-अपने राज में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर लाख दावे करती हैं लेकिन आजमगढ़ जिले का सरकारी अस्पताल उनके दावों की पोल खोल रहा है. अब की सरकार हो या पुरानी सरकारें किसी ने इस अस्पताल का कायाकल्प नहीं कराया है. इस समय तो इसकी हालत और भी खराब हो चुकी है. इस अस्पताल के बिल्डिंग की छत से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. लेकिन इसके बावजूद सरकार इसकी अनदेखी कर रही है.
हालांकि इसके मरम्मत के लिए यहां के लोगों ने कई बार आवाजें उठाईं. लेकिन केवल भरोसा मिला काम नहीं. अब हालात ये हैं कि मरीजों के साथ उनके परिजनों की भी जान जोखिम में गुजर रही है. अस्पताल की बिल्डिंग की मरम्मत न होने की वजह से कई वार्डों की छत कमजोर हो गई है. इसमें से पत्थर और प्लास्टर के टुकड़े आए दिन वार्डों में गिरे रहते हैं. जिससे यहां पर इलाज कराने आए लोग डरे और सहमे रहते हैं.
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अस्पताल प्रशासन भी इस समस्या से रूबरू है. लेकिन अपनी लाचारगी भी जताते हैं. यहां आए लोगों का कहना है कि हमेशा खतरा बना रहता है. जिसको जल्द दुरुस्त करना चाहिए. वहीं अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि उनको इस समस्या की जानकारी है. वह इसकी सूचना डीएम को देंगे, इसके बाद उनके द्वारा भेजी गई टेक्निकल टीम की जांच करेगी कि कैसे क्या करना है.