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आजमगढ़ में टेंट और कैटरिंग कारोबारियों के खाने के पड़े लाले, जानिए क्यों - कैटरिंग कारोबारी

देशभर में कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन से लगभग सभी का कारोबार प्रभावित हुआ है. अनलॉक के बाद कुछ कारोबारी तो इस मंदी से उबरने में लगे हैं, तो वहीं कुछ ने अपना व्यापार ही बदल दिया है, जिससे वह अपनी आजीविका चला सकें. इस दौरान सबसे ज्यादा खामियाजा टेंट और कैटरिंग कारोबारियों को भुगतना पड़ रहा है.

टेंट और कैटरिंग कारोबारी
टेंट और कैटरिंग कारोबारी
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Published : Oct 31, 2020, 4:27 PM IST

आजमगढ़: देशभर में लगे लॉकडाउन का सबसे ज्यादा खामियाजा टेंट कारोबारियों के बाद कैटरिंग का कारोबार करने वाले व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है. लगभग 6 माह बीतने के बाद आज भी टेंट और कैटरिंग के कारोबारी निराश बैठे हैं. इस कारण इस व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और वह भुखमरी के कगार पर आ गए हैं.

जानकारी देते संवाददाता.

खाने के लिए तरस रहे कैटरिंग कारोबारी
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए टेंट और कैटरिंग का काम करने वाले व्यापारी सतनाम सिंह ने बताया कि पूरे देश में जिस तरह से लॉकडाउन लागू हुआ था, उससे सभी व्यवस्थाएं थोड़ा बहुत तो चल ही रहे थे, लेकिन कैटरिंग का व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. उन्होंने बताया कि उन लोगों का काम पूरी तरह से बंद हो गया है. न तो कहीं मीटिंग और न ही सामाजिक गतिविधियां जैसे शादी-ब्याह के फंक्शन हो रहे हैं. इसके कारण कैटरिंग वालों को खाने तक के लिए तरसना पड़ रहा है.

सतनाम सिंह का कहना है कि टेंट और कैटरिंग का कार्य करने वाले व्यापारियों के सामने काफी समस्याएं आईं और वह भूखमरी के कगार पर पहुंच गए. उनके साथ व्यवसाय से ही जुड़े बिजली का काम करने वाले और हलवाई का काम करने वाले लोगों को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा. इसके बाद कई कारोबारियों ने अपने व्यवसाय भी बदल लिए. सतनाम सिंह ने बताया कि उन्होंने खुद अब प्लास्टिक का काम करना शुरू कर दिया है, जिससे किसी तरह से आजीविका चलाई जा सकें. उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से मदद का आश्वासन मिला था, लेकिन किसी तरह की कोई मदद नहीं मिली.

आजमगढ़: देशभर में लगे लॉकडाउन का सबसे ज्यादा खामियाजा टेंट कारोबारियों के बाद कैटरिंग का कारोबार करने वाले व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है. लगभग 6 माह बीतने के बाद आज भी टेंट और कैटरिंग के कारोबारी निराश बैठे हैं. इस कारण इस व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और वह भुखमरी के कगार पर आ गए हैं.

जानकारी देते संवाददाता.

खाने के लिए तरस रहे कैटरिंग कारोबारी
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए टेंट और कैटरिंग का काम करने वाले व्यापारी सतनाम सिंह ने बताया कि पूरे देश में जिस तरह से लॉकडाउन लागू हुआ था, उससे सभी व्यवस्थाएं थोड़ा बहुत तो चल ही रहे थे, लेकिन कैटरिंग का व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. उन्होंने बताया कि उन लोगों का काम पूरी तरह से बंद हो गया है. न तो कहीं मीटिंग और न ही सामाजिक गतिविधियां जैसे शादी-ब्याह के फंक्शन हो रहे हैं. इसके कारण कैटरिंग वालों को खाने तक के लिए तरसना पड़ रहा है.

सतनाम सिंह का कहना है कि टेंट और कैटरिंग का कार्य करने वाले व्यापारियों के सामने काफी समस्याएं आईं और वह भूखमरी के कगार पर पहुंच गए. उनके साथ व्यवसाय से ही जुड़े बिजली का काम करने वाले और हलवाई का काम करने वाले लोगों को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा. इसके बाद कई कारोबारियों ने अपने व्यवसाय भी बदल लिए. सतनाम सिंह ने बताया कि उन्होंने खुद अब प्लास्टिक का काम करना शुरू कर दिया है, जिससे किसी तरह से आजीविका चलाई जा सकें. उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से मदद का आश्वासन मिला था, लेकिन किसी तरह की कोई मदद नहीं मिली.

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