आजमगढ़: लॉकडाउन में महानगरों से अपने घरों को पहुंचे प्रवासी मजदूरों को मनरेगा में रोजगार उपलब्ध करवाने में जनपद प्रदेश में तीसरे पायदान पर है. यहां बाहर से आए 1 लाख 50 हजार प्रवासियों को प्रतिदिन रोजगार उपलब्ध करवाने का लक्ष्य है.
सरकार ने मनरेगा में रोजगार उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद आजमगढ़ को पूरे प्रदेश में तीसरा स्थान मिला है. अब यहां प्रतिदिन एक लाख 50 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने का लक्ष्य निर्धारित है. मनरेगा के तहत वन विभाग, सिंचाई विभाग, लोकनिर्माण विभाग, उद्यान विभाग कृषि विभाग, पशुपालन, लघु सिंचाई आदि विभागों द्वारा भी रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है.
1871 ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत चल रहा काम
आजमगढ़ के 22 ब्लॉक के 1871 ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत काम चल रहा है, जिसमें अधिकतर गांव में लोगों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है. अब तक एक लाख 17 हजार मजदूरों को प्रतिदिन रोजगार मिल रहा है. ग्राम पंचायतों को निर्देश भी दिया गया है कि जो प्रवासी मजदूर बचे हैं या जिन्हें रोजगार की आवश्यकता है, उनका जॉब कार्ड जल्दी से बनाकर उन्हें काम दिलवाया जाए.
नए जॉब कार्ड बनवाने का दिया गया निर्देश
उप श्रम आयुक्त बीबी सिंह ने बताया कि मनरेगा के माध्यम से प्रवासी मजदूरों का जॉब कार्ड बनाकर उन्हें अधिक से अधिक कार्य दिया जा रहा है. वहीं जिनके जॉब कार्ड हैं उन्हें रोजगार मिल रहा है. शासन की तरफ से इसकी प्रतिदिन मॉनिटरिंग भी की जा रही है. जिस प्रवासी मजदूर का जॉब कार्ड नहीं बना है उसको बनवाने के लिए ग्राम पंचायतों को निर्देश दिया गया है.