वाराणसी: आजमगढ़ के चिल्ड्रन गर्ल्स स्कूल में 11वीं की छात्रा की मौत के बाद पुलिस ने कॉलेज की प्रिंसिपल और क्लास टीचर को गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की थी. इस कार्रवाई के बाद प्रदेश भर के स्कूल प्रबंधन ने मंगलवार 8 अगस्त को स्कूल बंद का ऐलान किया था. इसी कड़ी में मंगलवार को एक तरफ जहां सामाजिक संगठन के साथ छात्र-छात्राएं और कॉलेज बंद करके आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे. वहीं, वाराणसी में बच्चों के अभिभावकों में भारी आक्रोश देखने को मिला.
वाराणसी के एक स्कूल के बच्चों के माता-पिता ने कहा कि स्कूल प्रशासन द्वारा लिया गया यह निर्णय सम्मानजनक नहीं है. स्कूलों को बंद करने के बाद बच्चों के अभिभावक भी उतावले हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिसका बच्चा गया है, उसके परिजन तो बोलेंगे ही. लेकिन स्कूल प्रशासन द्वारा प्रदेश के सभी स्कूलों को बंद करने का ऐलान नहीं करना चाहिए था. प्रदेश भर के स्कूलों को बंद कर विरोध प्रदर्शन करना उचित नहीं है. जब मामला न्यायपालिका में है तो इंतजार करना चाहिए था. विद्यालय अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रहे हैं. निजी विद्यालय यह दिखाना जा रहे हैं कि उनके साथ कुछ गलत होगा तो हम एकजुट हो जाएंगे.
वहीं एक अन्य स्कूल के बच्चों के माता-पिता ने कहा कि स्कूल में हुई छात्रा की मौत का मामला जांच का विषय है. बच्ची को न्याय मिलना चाहिए. बच्ची क्यों इस तरह के कदम उठाई है और इसके पीछे कौन-कौन लोग जिम्मेदार हैं. इस मामले में एक विशेष कमेटी का गठन किया जाना चाहिए. जिससे उस छात्रा के परिवार को न्याय मिले. प्रदेश भर के स्कूलों को बंद करना इसका निष्कर्ष नहीं है. सभी स्कूल प्रबंधकों को एक साथ बैठकर उस पर चर्चा करनी चाहिए कि क्या गलत हुआ है ? इसमें प्रिंसिपल दोषी हैं या क्लास टीचर या अभिभावक गलत हैं. इस मामले में पीड़ित परिवार को न्याय मिलना चाहिए. जो भी दोषी हैं, उसे सजा मिलनी चाहिए. पुलिस द्वारा धारा लगाने से काम नहीं होता है. मामला कोर्ट में होने की वजह से स्कूल प्रबंधकों को इंतजार करना चाहिए था. अब फैसला अदालत करेगी.
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