ETV Bharat / state

आजमगढ़ के इस शनि मंदिर पर बादशाह शेरशाह सूरी ने ली थी शरण - story of shani dev

जब 18वीं सदी में शेरशाह सूरी का शासन काल था तब उसका महल जौनपुर के गोमती नदी के किनारे बन रहा था लेकिन वहां जमीन के नीचे सैनिक की प्रतिमा होने के कारण वह महल बार-बार गिर जा रहा था. जिसके बाद सैनिकों ने एक पंडित से इसका उपाय पूछा तो उन्होंने बताया कि जहां आप महल बनवा रहे हैं, उसके नीचे एक प्रतिमा है.

आजमगढ़ के इस शनि मंदिर पर बादशाह शेरशाह सूरी ने ली थी शरण
author img

By

Published : Feb 16, 2019, 10:30 PM IST

आजमगढ़: शनि एक ऐसे देवता हैं जिनकी दृष्टि मात्र से ही कई लोग राजा हो जाते हैं तो वहीं, कई रंक बन जाते है. यूं तो शनि देव के इस देश में कई मंदिर हैं लेकिन आजमगढ़ का यह मंदिर अपना एक अलग ही महत्व रखता है, क्योंकि इसकी मान्यता बादशाह शेरशाह सूरी से जुड़ी हुई है.

इस शनिधाम के पंडित प्रमोद मिश्रा ने बताया कि जब 18वीं सदी में शेरशाह सूरी का शासन काल था तब उसका महल जौनपुर के गोमती नदी के किनारे बन रहा था. लेकिन वहां जमीन के नीचे शनि की प्रतिमा होने के कारण वह महल बार-बार गिर जा रहा था. इससे परेशान शेरशाह सूरी ने तमाम धर्मावलंबियों विद्वानों, मौलवियों से सलाह लेनी शुरू की. जिसके बाद अयोध्या के कुछ पंडित, जो आजमगढ़ के निवासी थे, उन्होंने बताया कि इसका हल उनके पास है. जिसके बाद सैनिकों ने पकड़ अपने साथ ले गए. जब उनसे उपाय पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जहां आप महल बनवा रहे हैं, उसके नीचे एक प्रतिमा है. जिसके बाद हुई खुदाई में वह शनि की प्रतिमा निकली.

undefined
आजमगढ़ के इस शनि मंदिर पर बादशाह शेरशाह सूरी ने ली थी शरण

undefined

प्रतिमा निकलने के बाद ब्राह्मणों ने बादशाह शेरशाह सूरी को यह सलाह दी कि सूर्योदय के समय इस प्रतिमा को लेकर निकले और जहां सूर्यास्त हो वहां प्रतिमा स्थापित कर दी जाए. जिसके बाद बादशाह बादशाह सैनिक और पंडितों के साथ सूर्योदय के समय निकल गए और सूर्यास्त होते होते आजमगढ़ के गांव दान शनिचरा में बादशाह ने इस प्रतिमा को स्थापित कर दिया. मंदिर के पुजारी बताते हैं कि तब से लेकर आज तक यहां कई विद्वान आए और उन्होंने पूजा-पाठ और तपस्या की. उन्होंने यह भी बताया कि जब तक अंग्रेजों का शासन काल था, तब तक शनि के भय से इस गांव को कर मुक्त रखा गया था.

आजमगढ़: शनि एक ऐसे देवता हैं जिनकी दृष्टि मात्र से ही कई लोग राजा हो जाते हैं तो वहीं, कई रंक बन जाते है. यूं तो शनि देव के इस देश में कई मंदिर हैं लेकिन आजमगढ़ का यह मंदिर अपना एक अलग ही महत्व रखता है, क्योंकि इसकी मान्यता बादशाह शेरशाह सूरी से जुड़ी हुई है.

इस शनिधाम के पंडित प्रमोद मिश्रा ने बताया कि जब 18वीं सदी में शेरशाह सूरी का शासन काल था तब उसका महल जौनपुर के गोमती नदी के किनारे बन रहा था. लेकिन वहां जमीन के नीचे शनि की प्रतिमा होने के कारण वह महल बार-बार गिर जा रहा था. इससे परेशान शेरशाह सूरी ने तमाम धर्मावलंबियों विद्वानों, मौलवियों से सलाह लेनी शुरू की. जिसके बाद अयोध्या के कुछ पंडित, जो आजमगढ़ के निवासी थे, उन्होंने बताया कि इसका हल उनके पास है. जिसके बाद सैनिकों ने पकड़ अपने साथ ले गए. जब उनसे उपाय पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जहां आप महल बनवा रहे हैं, उसके नीचे एक प्रतिमा है. जिसके बाद हुई खुदाई में वह शनि की प्रतिमा निकली.

undefined
आजमगढ़ के इस शनि मंदिर पर बादशाह शेरशाह सूरी ने ली थी शरण

undefined

प्रतिमा निकलने के बाद ब्राह्मणों ने बादशाह शेरशाह सूरी को यह सलाह दी कि सूर्योदय के समय इस प्रतिमा को लेकर निकले और जहां सूर्यास्त हो वहां प्रतिमा स्थापित कर दी जाए. जिसके बाद बादशाह बादशाह सैनिक और पंडितों के साथ सूर्योदय के समय निकल गए और सूर्यास्त होते होते आजमगढ़ के गांव दान शनिचरा में बादशाह ने इस प्रतिमा को स्थापित कर दिया. मंदिर के पुजारी बताते हैं कि तब से लेकर आज तक यहां कई विद्वान आए और उन्होंने पूजा-पाठ और तपस्या की. उन्होंने यह भी बताया कि जब तक अंग्रेजों का शासन काल था, तब तक शनि के भय से इस गांव को कर मुक्त रखा गया था.

Intro:एंकर- शनि एक ऐसे देवता हैं जिनकी दृष्टि मात्र से ही कई लोग राजा हो जाते हैं वहीं कई रंक बन जाते है । यूं तो शनि देव के इस देश में कई मंदिर हैं लेकिन आजमगढ़ का यह मंदिर अपना एक अलग महत्व रखता है। क्योंकि इसकी मान्यता बादशाह शेरशाह शूरी से जुड़ी है।


Body:वीवो 1- इस शनिधाम के पंडित प्रमोद मिश्रा ने बताया कि जब 18 मी सदी में शेरशाह सूरी का शासन काल था तब सूर्यवंश का महल जौनपुर के गोमती नदी के किनारे बन रहा था लेकिन वहां जमीन के नीचे सैनिक की प्रतिमा होने के कारण वह महल बार-बार गिर जा रहा था जिससे परेशान हूं शेरशाह सूरी ने तमाम धर्मावलंबियों विद्वानों मौलवियों से सलाह लेनी शुरू की जिसके बाद अयोध्या के कुछ पंडित जो आजमगढ़ के निवासी थे उन्होंने बताया कि इसका हल उनके पास है जिसके बाद भाषा के सैनिकों ने पकड़ अपने साथ ले गए जब पास आने उनसे उपाय पूछा तो उन्होंने बताया कि जहां आप महल बनवा रहे हैं उसके नीचे एक्शन की प्रतिमा है जिसके बाद हुई खुदाई में वह शनि की प्रतिमा निकली।

वीवो 2- प्रतिमा निकलने के बाद ब्राह्मणों ने बादशाह शेर शाह सूरी को यह सलाह दी कि सूर्योदय के समय इस प्रतिमा को लेकर निकले और जहां सूर्यास्त व हियर प्रतिमा स्थापित कर दी जाए जिसके बाद बादशाह बादशाह सैनिक और पंडितों के साथ सूर्योदय के समय निकल गए और सूर्यास्त होते होते आजमगढ़ के गांव दान शनिचरा में बादशाह ने इस प्रतिमा को स्थापित कर दिया । मंदिर के पुजारी बताते हैं कि तब से लेकर आज तक यहां कई विद्वान आए और उन्होंने पूजा पाठ और तपस्या की उन्होंने यह भी बताया कि जब तक अंग्रेजों का शासन काल था तब तक शनि के भय से इस गांव को कर मुक्त रखा गया था ।


Conclusion:प्रत्युष सिंह
7571094826
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.