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जल निगम भर्ती मामला: आजम खां के कार्यकाल में आजमगढ़ में भर्ती हुए 15 कर्मचारियों की सेवा समाप्त

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में जल निगम के 15 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई है. बताया जा रहा है कि इनमें 11 जूनियर इंजीनियर, 2 सहायक अभियंता, 2 लिपिक अभियंताओं की सेवा समाप्त कर दी गई हैं.

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Published : Mar 7, 2020, 9:29 PM IST

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रणविजय सिंह, एक्सईएन

आजमगढ़: सपा सरकार में नगर विकास मंत्री रहे आजम खां के कार्यालय में जल निगम में हुई 1188 नियुक्तियों के मामले की प्रदेश सरकार ने एसआईटी से जांच कराई थी. तब भर्ती प्रक्रिया में कई खामियां मिली थी. इसके बाद सारी नियुक्तियां रद्द करने के निर्देश दिए गए थे. इसी क्रम में आजमगढ़ जनपद के भी 15 कर्मचारी इसकी चपेट में आ गए और इनकी सेवाएं समाप्त करने के आदेश दे दिए गए हैं.

जल निगम के 15 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त.
बता दें, एक साल पहले की सपा सरकार में जल निगम में विभिन्न पदों पर 1188 नियुक्तियां पूरे प्रदेश में हुई थी. भर्ती प्रक्रिया में बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. सरकार बदलने के बाद जब योगी सरकार ने इस मामले की जांच एसआईटी से शुरू कराई, तो भर्ती में पूरे भ्रष्टाचार का खेल खुलता गया. साथ ही एसआईटी की जांच रिपोर्ट में यह बात खुलकर सामने आई की जल निगम में की गई इन भर्तियों में व्यापक रूप से भ्रष्टाचार किया गया है और कई अयोग्य अभ्यर्थियों को भी योग्य करार देकर उन्हें भर्ती किया गया है. इसके बाद सभी कर्मचारियों को बर्खास्त किया जाने लगा.

इसे भी पढ़ें: लूट की घटना को अंजाम देने निकले पांच शातिर बदमाश गिरफ्तार

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए जल निगम के एक्सईएन रणविजय सिंह ने बताया कि जनपद में 11 जूनियर इंजीनियर, 2 सहायक अभियंता, 2 लिपिक अभियंता सहित 15 कर्मचारियों को शासन के निर्देश पर उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई है.

आजमगढ़: सपा सरकार में नगर विकास मंत्री रहे आजम खां के कार्यालय में जल निगम में हुई 1188 नियुक्तियों के मामले की प्रदेश सरकार ने एसआईटी से जांच कराई थी. तब भर्ती प्रक्रिया में कई खामियां मिली थी. इसके बाद सारी नियुक्तियां रद्द करने के निर्देश दिए गए थे. इसी क्रम में आजमगढ़ जनपद के भी 15 कर्मचारी इसकी चपेट में आ गए और इनकी सेवाएं समाप्त करने के आदेश दे दिए गए हैं.

जल निगम के 15 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त.
बता दें, एक साल पहले की सपा सरकार में जल निगम में विभिन्न पदों पर 1188 नियुक्तियां पूरे प्रदेश में हुई थी. भर्ती प्रक्रिया में बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. सरकार बदलने के बाद जब योगी सरकार ने इस मामले की जांच एसआईटी से शुरू कराई, तो भर्ती में पूरे भ्रष्टाचार का खेल खुलता गया. साथ ही एसआईटी की जांच रिपोर्ट में यह बात खुलकर सामने आई की जल निगम में की गई इन भर्तियों में व्यापक रूप से भ्रष्टाचार किया गया है और कई अयोग्य अभ्यर्थियों को भी योग्य करार देकर उन्हें भर्ती किया गया है. इसके बाद सभी कर्मचारियों को बर्खास्त किया जाने लगा.

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ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए जल निगम के एक्सईएन रणविजय सिंह ने बताया कि जनपद में 11 जूनियर इंजीनियर, 2 सहायक अभियंता, 2 लिपिक अभियंता सहित 15 कर्मचारियों को शासन के निर्देश पर उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई है.

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