आजमगढ़: गाजीपुर जिले में स्थित राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज (Government Homeopathic Medical College ghazipur) और हॉस्पिटल में स्टोर अधीक्षक के पद पर भर्ती घोटाला (store superintendent recruitment scam) का मामला प्रकाश में आया है. यहां मात्र 14 साल की उम्र में एक किशोर को नियुक्ति दी गई है. आरटीआई के जरिए हुए खुलासे के बाद होम्योपैथिक कॉलेज में हड़कंप मचा गया. वहीं, आरटीआई एक्टिविस्ट का दावा है कि विभाग इसमें लीपापोती में जुट गया है.
गाजीपुर के राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज में 2018 में स्टोर अधीक्षक के पद पर भर्ती निकली. इस भर्ती प्रक्रिया में बलिया जिले के दतौली गांव निवासी रंजीत कुमार सिंह को नियुक्ति मिली. नियुक्ति में संलग्न अनुभव प्रमाण पत्र की जब जांच की गई, तब पता देखें तो पता चलता है कि श्री जय गणेश शिवसागर महिला स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय देवकाली फैजाबाद के प्राचार्य ने रंजीत कुमार सिंह को स्टोर कीपर के पद पर 1 जुलाई 2000 से 30 जून 2007, 1 जुलाई 2007 से 30 जून 2014 और 1 जुलाई 2014 से 30 अक्टूबर 2017 तक का अनुभव है. जबकि वर्ष 2000 में रंजीत कुमार सिंह ने हाईस्कूल की परीक्षा पास किया. मार्कशीट पर उसकी जन्मतिथि 6 अप्रैल 1986 अंकित है. जिससे यह साफ है कि रंजीत सिंह को 14 वर्ष की उम्र में नियुक्त किया गया है.
यही नहीं रंजीत सिंह नौकरी के दौरान ही वर्ष 2000 से 2005 तक हाईस्कूल, इंटर और स्नातक का नियमित छात्र भी रहा. 14 वर्ष की उम्र में संस्थागत छात्र को राजकीय मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य रमेश चन्द्रा ने नियुक्त किया था.
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आरटीआई एक्टिविस्ट पतरू राम विश्वकर्मा ने कहा कि 14 वर्ष के किशोर को जहां राजकीय मेडिकल होम्योपैथिक कॉलेज में स्टोर कीपर के पद पर नियुक्त किया गया, जो सरकारी नियमों के विरुद्ध है. उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत निदेशक होम्योपैथिक उत्तर प्रदेश समेत संबन्धित अधिकारियों से की गई. लेकिन ये लोग जांच कराने से बच रहे हैं. उन्होंने मांग की है कि इस भर्ती घोटाले से संबन्धित लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए. साथ ही नौकरी के दौरान लिए गए वेतन की रिकवरी भी की जाए और सभी पर कार्रवाई भी हो.