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असंभव और नकारात्मक विचारों से दूर रहें विद्यार्थीः कुलपति

डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के संत कबीर सभागार में बीएससी पाठ्यक्रम के अंतर्गत नवागंतुक स्नातक शिक्षार्थियों के लिए उन्मुखीकरण कार्यक्रम हुआ. कार्यक्रम का शुभारम्भ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह, डीआईजी दीपक कुमार और बीएससी पाठ्यक्रम के समन्वयक प्रो. केके वर्मा ने किया.

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Published : Jan 28, 2021, 9:38 PM IST

उन्मुखीकरण कार्यक्रम हुआ.
उन्मुखीकरण कार्यक्रम हुआ.

अयोध्याः डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के संत कबीर सभागार में बीएससी पाठ्यक्रम के अंतर्गत नवागंतुक स्नातक शिक्षार्थियों के लिए उन्मुखीकरण कार्यक्रम हुआ. कार्यक्रम का शुभारम्भ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह, डीआईजी दीपक कुमार और बीएससी पाठ्यक्रम के समन्वयक प्रो. केके वर्मा ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर किया.

'छात्र अपनी ऊर्जा सकारात्मक कार्यों में लगाएं'
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. रविशंकर ने बताया कि यह उन्मुखीकरण कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय स्तर का है. उन्होंने विद्यार्थियों को असंभव शब्द और नकारात्मक विचारों को अपने मन से निकालने और अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में संचालित करने के लिए प्रेरित किया. कुलपति ने बताया कि प्रेम और सेवाभाव ही जीवन का मूल सार है. इससे हम अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं.

केवल पढ़ाई ही न करेंः डीआईजी
कार्यक्रम के विशिष्ट वक्ता डीआईजी दीपक कुमार ने बताया कि विद्यार्थियों को केवल किताबी में ही नहीं लगे रहना चाहिए. संपूर्ण विकास के लिए आवश्यक पाठ्यक्रम और सह-पाठयक्रम गतिविधियों के बीच सही संतुलन बनाना चाहिए. विश्वविद्यालय एक ऐसा प्लेटफार्म है, जहां नई चीजें सीखने, नया ज्ञान प्राप्त करने, नए कौशल विकसित करने का अवसर मिलता है. भारत पूर्व काल में विज्ञान और गणित के क्षेत्र में अग्रणी होने की वजह से विकास के शीर्ष पर रहा है.

'जिम्मेदार विद्यार्थी बनें'
उन्होंने अमेरिका के जॉर्ज कैनेडी का उदाहारण देते हुए बताया कि सिस्टम ने हमें क्या दिया ये सोचने के बजाय, हमने देश और विश्वविद्यालय को क्या दिया है, इस पर सोचने की जरूरत है. इस उद्देश्य को मंत्र मानकर अमेरिका विज्ञान और तकनीकी आदि क्षेत्रों में अग्रणी है. इसी ध्येय के साथ आपको एक जिम्मेदार विद्यार्थी के रूप में असाइनमेंट और आपके व्याख्याताओं द्वारा सुझाई गई सामग्री को पढ़ना चाहिए.


कोविड महामारी ने नया अवसर प्रदान किया
डीआईजी दीपक कुमार ने कहा कि पुस्तकालय का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने के साथ ऑनलाइन अध्ययन करें. देश में कोविड महामारी ने अध्ययन-अध्यापन के लिए एक नया अवसर प्रदान किया है. इसके कारण ऑनलाइन क्लास और स्टडी मटेरियल की महत्ता बढ़ी है. विश्वविद्यालय के शिक्षक ऑनलाइन मैटेरियल्स के लिए प्रयासरत हैं. अनुशासन में रहते हुए विद्यार्थी ज्ञानार्जन करके देश के विकास में अहम् भूमिका निभा सकते हैं.

फ्लोरिडा पॉलिटेक्निक विश्वविद्यालय की शेनन ब्रांड भी रहीं शामिल
कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि फ्लोरिडा पॉलिटेक्निक विश्वविद्यालय की शेनन ब्रांड, एसोसिएट डायरेक्टर स्टूडेंट सक्सेस एंड रिटेंशन और डॉ. शेषा श्रीनिवासन, नेचुरल साइंस ने भी छात्रों को ऑनलाइन संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों को शोध केंद्रित अध्ययन करने के लिए प्रेरित किया. डॉॉ. शेषा श्रीनिवासन ने बताया कि वैज्ञानिक एपीजेअब्दुल कलाम के जीवन चरित्र से सीखते हुए विज्ञान और तकनीकी की दिशा में अध्ययनरत होना ही विद्यार्थियों का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए. तकनीकि विकास के बुरे प्रभावों से खुद को बचाने की सलाह दी.


पारस्परिक संबंधों व कथनी-करनी में एकरसता
बीएससी समन्वयक प्रो केके वर्मा ने सभी मुख्य वक्ताओं का स्वागत किया और लघु कथाओं के माध्यम से गुरु शिष्य परंपरा बनाए रखने के लिए छात्रों को प्रोत्साहित किया. प्रो. वर्मा ने बताया कि बीएससी कंप्यूटर साइंस के अतिथि प्रवक्ताओं और छात्रों ने पुस्तकालय के साथ ही विभाग का वेब पेज निर्मित करके रचनात्मकता का परिचय दिया है. विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. सीके मिश्रा ने छात्रों को असफलता का सामना करने, उससे सीखने और सफलता के लिए निरंतर प्रयास करते रहने को कहा.

इन्होंने भी व्यक्त किए विचार
मुख्य कुलानुशासक प्रो. अजय प्रताप सिंह, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. नीलम पाठक, सहायक कुलसचिव मोहम्मद साहिल, सहायक कुलसचिव डॉ. रीना श्रीवास्तव, लाइब्रेरियन प्रो. आरके सिंह, डॉ. गीतिका श्रीवास्तव और डॉ. नीलम यादव, बीएससी के विभिन्न पाठ्यक्रमों के विभागाध्यक्ष डॉ. शैलेन्द्र कुमार, डॉ. सिद्धार्थ शुक्ल ने बीएससी के अतिथि प्रवक्ताओं डॉ. अरविन्द बाजपेयी, डॉ. अश्विनी कुमार, डॉ. मिथिलेश तिवारी, डाॅ. जीतेन्द्र कौशल श्रीवास्तव, डॉ, संजीव कुमार सिंह, डॉ. ज्ञानेश्वर कुमार गुप्ता, डॉ. गया प्रसाद तिवारी, डॉ. अमित मिश्रा, डॉ. संजीव श्रीवास्तव, डॉ. शिव प्रकाश मिश्रा, इंजीनियर रजत चौरसिया, शिक्षिका इंजीनियर निधि अस्थाना ने भी विचार व्यक्त किए.

कार्यक्रम का संचालन डॉ. गीतिका श्रीवास्तव ने किया. शिक्षिका निधि अस्थाना ने सभी वक्ताओं एवं प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया. कार्यक्रम में प्रो. राजीव गौड़, डॉ. नरेश चैधरी, डॉ. अनिल कुमार आदि ने भी प्रतिभाग किया.

अयोध्याः डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के संत कबीर सभागार में बीएससी पाठ्यक्रम के अंतर्गत नवागंतुक स्नातक शिक्षार्थियों के लिए उन्मुखीकरण कार्यक्रम हुआ. कार्यक्रम का शुभारम्भ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह, डीआईजी दीपक कुमार और बीएससी पाठ्यक्रम के समन्वयक प्रो. केके वर्मा ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर किया.

'छात्र अपनी ऊर्जा सकारात्मक कार्यों में लगाएं'
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. रविशंकर ने बताया कि यह उन्मुखीकरण कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय स्तर का है. उन्होंने विद्यार्थियों को असंभव शब्द और नकारात्मक विचारों को अपने मन से निकालने और अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में संचालित करने के लिए प्रेरित किया. कुलपति ने बताया कि प्रेम और सेवाभाव ही जीवन का मूल सार है. इससे हम अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं.

केवल पढ़ाई ही न करेंः डीआईजी
कार्यक्रम के विशिष्ट वक्ता डीआईजी दीपक कुमार ने बताया कि विद्यार्थियों को केवल किताबी में ही नहीं लगे रहना चाहिए. संपूर्ण विकास के लिए आवश्यक पाठ्यक्रम और सह-पाठयक्रम गतिविधियों के बीच सही संतुलन बनाना चाहिए. विश्वविद्यालय एक ऐसा प्लेटफार्म है, जहां नई चीजें सीखने, नया ज्ञान प्राप्त करने, नए कौशल विकसित करने का अवसर मिलता है. भारत पूर्व काल में विज्ञान और गणित के क्षेत्र में अग्रणी होने की वजह से विकास के शीर्ष पर रहा है.

'जिम्मेदार विद्यार्थी बनें'
उन्होंने अमेरिका के जॉर्ज कैनेडी का उदाहारण देते हुए बताया कि सिस्टम ने हमें क्या दिया ये सोचने के बजाय, हमने देश और विश्वविद्यालय को क्या दिया है, इस पर सोचने की जरूरत है. इस उद्देश्य को मंत्र मानकर अमेरिका विज्ञान और तकनीकी आदि क्षेत्रों में अग्रणी है. इसी ध्येय के साथ आपको एक जिम्मेदार विद्यार्थी के रूप में असाइनमेंट और आपके व्याख्याताओं द्वारा सुझाई गई सामग्री को पढ़ना चाहिए.


कोविड महामारी ने नया अवसर प्रदान किया
डीआईजी दीपक कुमार ने कहा कि पुस्तकालय का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने के साथ ऑनलाइन अध्ययन करें. देश में कोविड महामारी ने अध्ययन-अध्यापन के लिए एक नया अवसर प्रदान किया है. इसके कारण ऑनलाइन क्लास और स्टडी मटेरियल की महत्ता बढ़ी है. विश्वविद्यालय के शिक्षक ऑनलाइन मैटेरियल्स के लिए प्रयासरत हैं. अनुशासन में रहते हुए विद्यार्थी ज्ञानार्जन करके देश के विकास में अहम् भूमिका निभा सकते हैं.

फ्लोरिडा पॉलिटेक्निक विश्वविद्यालय की शेनन ब्रांड भी रहीं शामिल
कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि फ्लोरिडा पॉलिटेक्निक विश्वविद्यालय की शेनन ब्रांड, एसोसिएट डायरेक्टर स्टूडेंट सक्सेस एंड रिटेंशन और डॉ. शेषा श्रीनिवासन, नेचुरल साइंस ने भी छात्रों को ऑनलाइन संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों को शोध केंद्रित अध्ययन करने के लिए प्रेरित किया. डॉॉ. शेषा श्रीनिवासन ने बताया कि वैज्ञानिक एपीजेअब्दुल कलाम के जीवन चरित्र से सीखते हुए विज्ञान और तकनीकी की दिशा में अध्ययनरत होना ही विद्यार्थियों का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए. तकनीकि विकास के बुरे प्रभावों से खुद को बचाने की सलाह दी.


पारस्परिक संबंधों व कथनी-करनी में एकरसता
बीएससी समन्वयक प्रो केके वर्मा ने सभी मुख्य वक्ताओं का स्वागत किया और लघु कथाओं के माध्यम से गुरु शिष्य परंपरा बनाए रखने के लिए छात्रों को प्रोत्साहित किया. प्रो. वर्मा ने बताया कि बीएससी कंप्यूटर साइंस के अतिथि प्रवक्ताओं और छात्रों ने पुस्तकालय के साथ ही विभाग का वेब पेज निर्मित करके रचनात्मकता का परिचय दिया है. विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. सीके मिश्रा ने छात्रों को असफलता का सामना करने, उससे सीखने और सफलता के लिए निरंतर प्रयास करते रहने को कहा.

इन्होंने भी व्यक्त किए विचार
मुख्य कुलानुशासक प्रो. अजय प्रताप सिंह, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. नीलम पाठक, सहायक कुलसचिव मोहम्मद साहिल, सहायक कुलसचिव डॉ. रीना श्रीवास्तव, लाइब्रेरियन प्रो. आरके सिंह, डॉ. गीतिका श्रीवास्तव और डॉ. नीलम यादव, बीएससी के विभिन्न पाठ्यक्रमों के विभागाध्यक्ष डॉ. शैलेन्द्र कुमार, डॉ. सिद्धार्थ शुक्ल ने बीएससी के अतिथि प्रवक्ताओं डॉ. अरविन्द बाजपेयी, डॉ. अश्विनी कुमार, डॉ. मिथिलेश तिवारी, डाॅ. जीतेन्द्र कौशल श्रीवास्तव, डॉ, संजीव कुमार सिंह, डॉ. ज्ञानेश्वर कुमार गुप्ता, डॉ. गया प्रसाद तिवारी, डॉ. अमित मिश्रा, डॉ. संजीव श्रीवास्तव, डॉ. शिव प्रकाश मिश्रा, इंजीनियर रजत चौरसिया, शिक्षिका इंजीनियर निधि अस्थाना ने भी विचार व्यक्त किए.

कार्यक्रम का संचालन डॉ. गीतिका श्रीवास्तव ने किया. शिक्षिका निधि अस्थाना ने सभी वक्ताओं एवं प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया. कार्यक्रम में प्रो. राजीव गौड़, डॉ. नरेश चैधरी, डॉ. अनिल कुमार आदि ने भी प्रतिभाग किया.

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