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अयोध्या: शिक्षा विभाग से तंग शिक्षामित्र ने दी आत्महत्या की धमकी, जिला प्रशासन मौन

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में जिला प्रशासन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते और इनकी कार्यशैली से परेशान एक शिक्षामित्र ने आत्महत्या करने की घोषणा फेसबुक पर कर दी.

बीएसए से तंग शिक्षामित्र ने दी आत्महत्या की धमकी.
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Published : Sep 24, 2019, 8:35 AM IST

अयोध्या: उत्तर प्रदेश में सरकारी शिक्षा व्यवस्था किस तरह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है उसके खुलासे हर रोज किसी न किसी जिले से होते ही रहते हैं. हाल ही में मिर्जापुर में बच्चों को मिड डे मील में नमक रोटी दी गई तो प्रतापगढ़ में बच्चों से झाड़ू लगवाई गई और इसका तर्क स्वच्छता अभियान से जोड़ दिया गया. जबकि स्कूल में सफाई कर्मी तैनात हैं. ऐसा ही एक मामला अयोध्या जिले में भी सामने आया जहां बीएसए एबीएसए या यूं कहें कि जिला प्रशासन की नाकामी से पूरा शिक्षा विभाग भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है. भ्रष्टाचार इतना कि शिक्षामित्र ने आत्महत्या करने की घोषणा फेसबुक तक पर भी कर दी.

बीएसए से तंग शिक्षामित्र ने दी आत्महत्या की धमकी.

आखिर शिक्षामित्र ने आत्महत्या करने की घोषणा क्यों की

अयोध्या के प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षामित्र ने एबीएसए पर उनकी बदतमीजी और लगातार तीन महीनों से तनख्वाह रोकने का आरोप लगाया. वहीं बीएसए ने शिक्षामित्रों को जल्द ही उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया. लेकिन यह कार्रवाई कैसे होगी ये कौन बताएगा क्योंकि इन्हीं बीएसए के कारण डेढ़ सौ से ज्यादा नियुक्तियां फर्जी तरीके से की गई थी. जिसको लेकर पिछले दिनों ही पूरी अयोध्या की सड़कें जाम हो गई थी. पूरे जिले में शिक्षामित्रों और प्रतियोगी छात्रों ने प्रदर्शन किया था. यहां का जिला प्रशासन इस बात को लेकर मौन है. फिलहाल इन सभी भ्रष्टाचारियों की बलि तो वह नन्हे-मुन्ने मासूम बच्चे चढ़ रहे हैं, जिनका भविष्य बनाने की जिम्मेदारी ऐसे अधिकारियों और टीचरों को दी गई है.

अयोध्या: उत्तर प्रदेश में सरकारी शिक्षा व्यवस्था किस तरह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है उसके खुलासे हर रोज किसी न किसी जिले से होते ही रहते हैं. हाल ही में मिर्जापुर में बच्चों को मिड डे मील में नमक रोटी दी गई तो प्रतापगढ़ में बच्चों से झाड़ू लगवाई गई और इसका तर्क स्वच्छता अभियान से जोड़ दिया गया. जबकि स्कूल में सफाई कर्मी तैनात हैं. ऐसा ही एक मामला अयोध्या जिले में भी सामने आया जहां बीएसए एबीएसए या यूं कहें कि जिला प्रशासन की नाकामी से पूरा शिक्षा विभाग भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है. भ्रष्टाचार इतना कि शिक्षामित्र ने आत्महत्या करने की घोषणा फेसबुक तक पर भी कर दी.

बीएसए से तंग शिक्षामित्र ने दी आत्महत्या की धमकी.

आखिर शिक्षामित्र ने आत्महत्या करने की घोषणा क्यों की

अयोध्या के प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षामित्र ने एबीएसए पर उनकी बदतमीजी और लगातार तीन महीनों से तनख्वाह रोकने का आरोप लगाया. वहीं बीएसए ने शिक्षामित्रों को जल्द ही उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया. लेकिन यह कार्रवाई कैसे होगी ये कौन बताएगा क्योंकि इन्हीं बीएसए के कारण डेढ़ सौ से ज्यादा नियुक्तियां फर्जी तरीके से की गई थी. जिसको लेकर पिछले दिनों ही पूरी अयोध्या की सड़कें जाम हो गई थी. पूरे जिले में शिक्षामित्रों और प्रतियोगी छात्रों ने प्रदर्शन किया था. यहां का जिला प्रशासन इस बात को लेकर मौन है. फिलहाल इन सभी भ्रष्टाचारियों की बलि तो वह नन्हे-मुन्ने मासूम बच्चे चढ़ रहे हैं, जिनका भविष्य बनाने की जिम्मेदारी ऐसे अधिकारियों और टीचरों को दी गई है.

Intro:अयोध्या. उत्तर प्रदेश में सरकारी शिक्षा व्यवस्था किस तरह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है उसके खुलासे हर रोज किसी न किसी जिले से होते ही रहते हैं हाल ही में मिर्जापुर में बच्चों को मिड डे मील में नमक रोटी दी गई तो तो प्रतापगढ़ में बच्चों से झाड़ू लगवाई गई इसका तर्क स्वच्छता अभियान से जोड़ दिया गया जबकि स्कूल में सफाई कर्मी तैनात है ऐसा ही एक
अयोध्या जिले में भी सामने आया जहां बीएसए एबीएसए या यूं कहें कि जिला प्रशासन की नाकामी से पूरा शिक्षा विभाग भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है भ्रष्टाचार इतना शिक्षामित्र ने अपने आत्महत्या करने की घोषणा फेसबुक तक पर भी कर दी.
Body:यह ताजा मामला अयोध्या जिले अंतर्गत आने वाले मोबाइल छेत्र का है जहां की प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षामित्र ने एबीएसए पर उनकी बदतमीजी और लगातार तीन महीनों से तनख्वाह रोकने का आरोप लगाया। वहीं बीएसए ने शिक्षामित्रों से जल्द ही उचित कार्यवाही का भरोसा दिलाया लेकिन यह कार्यवाही कैसे होगी किस पर होगी यह तो भगवान राम ही बता पाएंगे क्योंकि इन्हीं बीएसए के कारण डेढ़ सौ से ज्यादा नियुक्तियां फर्जी तरीके से की गई थी जिसको लेकर पिछले दिनों ही पूरी अयोध्या की सड़कें जाम हो गई थी पूरे जिले में शिक्षामित्रों ने और प्रतियोगी छात्रों ने प्रदर्शन किया था यहां का जिला प्रशासन इतना मौन है कि स्वयं धृतराष्ट्र को भी शर्मा जाए योगी सरकार इस पर क्या कार्रवाई करेगी अब यह तो भगवान जाने फिलहाल इन सभी भ्रष्टाचारियों की बलि तो वह नन्हे-मुन्ने मासूम बच्चे चल रहे हैं जिनका भविष्य बनाने की जिम्मेदारी ऐसे अधिकारियों और टीचरों को दी गई है.
शिक्षामित्र अनुराधा जिस तरह से आज अपना सुसाइड नोट लेकर धरने पर बैठी थी उससे पूरी की पूरी शिक्षा व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगना लाजमी है खैर इस हंगामे के बाद जो आरोप नगर शिक्षा अधिकारी यानी एबीएसए संजय गुप्ता पर लगाए गए उस पर संज्ञान लेने की बात कहते हुए डीएम अनुज झा के निर्देश पर सीओ सिटी ने धरना समाप्त करवाया अब आगे क्या कार्रवाई होगी यह तो वक्त बताएगा.Conclusion:8707765484
Dinesh Mishra
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